श्री नारायण गुरु

  • 25 Jan 2021

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने 22 जनवरी, 2021 को प्रो. जी. के. शशिधरन द्वारा श्री नारायण गुरु की कविताओं के अंग्रेजी अनुवाद ‘नॉट मेनी, बट वन’ (Not Many, But One) (दो संस्करण) की हुई पुस्तक का वर्चुअल माध्यम में विमोचन किया।

  • श्री नारायण गुरु (1854 - 1928) केरल के एक दार्शनिक, आध्यात्मिक नेता और समाज सुधारक थे।
  • वे मंदिर प्रवेश आंदोलन में सबसे अग्रणी थे और अछूतों के सामाजिक भेदभाव के खिलाफ थे। कट्टरपंथियों के विरोध के बीच एक शिव मूर्ति का अभिषेक करते हुए, उन्होंने ‘वैकोम आंदोलन’ को गति प्रदान की।
  • नारायण गुरु के अनुसार “सभी के लिए केवल एक जाति, एक धर्म, एक ईश्वर है” (ओरु जति, ओरु माथम, ओरु दैवम, मानुष्यानु)। इस दर्शन ने उनके सुधार आंदोलनों का आधार तैयार किया, जिसमें असमानताओं और सामाजिक विकृतियों को दूर करने की कोशिश की गई।
  • 1914 में श्री नारायण गुरु द्वारा मलयालम में ‘दैव दसकम' या 'टेन वर्सेज टू गॉड' (Ten Verses to God) का लेखन किया गया।