केंद्रीय बजट 2021-22 (भाग -1)

  • 13 Feb 2021

केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2021 को संसद में केंद्रीय बजट 2021-22 पेश किया।

यह पहला डिजिटल केन्द्रीय बजट 6 स्तंभों पर आधारित है।

  1. स्वास्थ्य और कल्याण
  2. वास्तविक और वित्तीय पूंजी एवं अवसंरचना
  3. आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास
  4. मानव पूंजी का पुनः शक्तिवर्धन
  5. नवोन्मेष और अनुसंधान एवं विकास
  6. न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन

1. स्वास्थ्य और कल्याण

  • बजट में वित्त वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य और कल्याण के लिए 2,23,846 करोड़ रुपये का परिव्यय रखा गया है, जबकि 2020-21 में यह 94,452 करोड़ रुपये था। यह कितनी वृद्धि को दर्शाता है? -- 137 प्रतिशत
  • स्वास्थ्य के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए तीन क्षेत्रों को मजबूत करने पर ध्यान केन्द्रित। – निवारक, उपचारात्मक, सुधारात्मक और कल्याण(Preventive, Curative, and Wellbeing)

टीका:

  • वर्ष 2021-22 में कोविड-19 टीके के लिए प्रदान किए गए। -- 35,000 करोड़ रुपये
  • यह वैक्सीन वर्तमान में पांच राज्यों के साथ देश भर में आ जाएगी, जिससे हर वर्ष 50,000 बच्चों की मौतों को रोका जा सकेगा। -- मेड इन इंडिया न्यूमोकोकल वैक्सीन

स्वास्थ्य प्रणालियां:

  • 6 वर्ष में 64,180 करोड़ रुपये परिव्यय के साथ (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त) एक नई केन्द्र प्रायोजित योजना शुरू की जाएगी। -- प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना
  • प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के अंतर्गत मुख्य पहल हैं। -- एक स्वास्थ्य के लिए राष्ट्रीय संस्थान (National Institution for One Health); 17,788 ग्रामीण और 11,024 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केन्द्र; वायरोलॉजी के लिए 4 क्षेत्रीय राष्ट्रीय संस्थान; 15 स्वास्थ्य आपात ऑपरेशन केन्द्र और 2 मोबाइल अस्पताल; तथा सभी जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं और 11 राज्यों में 33,82ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयां
  • प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के अंतर्गत अन्य मुख्य पहल हैं। -- 602 जिलों और 12 केन्द्रीय संस्थानों में क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉक स्थापित करना; राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी) की पांच क्षेत्रीय शाखाओं और 20 महानगर स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों को सुदृढ़ करना; एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में विस्तार; 17 नई सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को चालू करना और 33 मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को मजबूत करना; विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय अनुसंधान प्लेटफॉर्म तथा 9 जैव सुरक्षा लेवल III प्रयोशालाएं

पोषण:

  • मिशन पोषण 2.0 का शुभारंभ होगा, जिसके तहत। -पोषणगत मात्रा, डिलीवरी, आउटरीच तथा परिणाम को सुदृढ़ बनाने हेतु संपूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान का विलय किया जाएगा; तथा 112 आकांक्षी जिलों में पोषणगत परिणामों में सुधार लाने के लिए एक सुदृढ़ीकृत कार्यनीति अपनाई जाएगी

जल आपूर्ति का सर्वव्यापी कवरेज:

  • 2.86 करोड़ परिवारों को नल कनेक्शन, सभी 4,378 शहरी स्थानीय निकायों में सर्व सुलभ जल आपूर्ति तथा 500 अमृत शहरों में तरल कचरा प्रबंधन के उद्देश्य से पांच वर्ष में 2,87,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस कार्यक्रम का कार्यान्वयन किया जायेगा। -जल जीवन मिशन (शहरी)

स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत:

  • शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के लिए पांच वर्ष की अवधि के लिए कुल वित्तीय आवंटन। -- 1,41,678 करोड़ रुपये
  • स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के अंतर्गत मुख्य उद्देश्य। -- पूर्ण मल-मूत्र प्रबंधन और अपशिष्ट जल शोधन; कचरे के स्रोत पर पृथक्करण; एकल उपयोग प्लास्टिक में कमी लाना; निर्माण और विध्वंस के कार्याकलापों के कचरे का प्रभावी रूप से प्रबंध करके वायु प्रदूषण में कमी लाना तथा सभी पुराने डम्प साइटों के बायो उपचार पर ध्यान केन्द्रित करना

वायु प्रदूषण:

  • वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 42 शहरी केन्द्रों के लिए इतनी राशि मुहैया करने का प्रस्ताव। -2,217 करोड़ रुपये

स्क्रैपिंग नीति:

  • पुराने और अनुपयुक्त वाहनों को हटाने के लिए इस नीति की घोषणा। -स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति
  • इसमें स्वचालित फिटनेस सेंटर में फिटनेस जांच करनी होगी। -- निजी वाहनों के मामले में 20 वर्ष के बाद तथा वाणिज्यिक वाहनों के मामलें में 15 वर्ष बाद

2. वास्तविक और वित्तीय पूंजी एवं अवसंरचना

उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई):

  • 13 क्षेत्रों में पीएलआई योजना के लिए अगले पांच वर्षों में 1.97 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था, जिसका उद्देश्य होगा। -- आत्मनिर्भर भारत के लिए विनिर्माण वैश्विक चैंपियन बनाना, विनिर्माण कंपनियों के लिए वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं का एक अभिन्न अंग बनने के लिए सक्षमता और अत्याधुनिकी प्रौद्योगिकी रखने की आवश्यकतातथा युवाओं को नौकरियां प्रदान करना

कपड़ा:

  • कपड़ा उद्योग को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाने, बड़े निवेश आकर्षित करने तथा रोजगार सृजन को तेज करने के लिए पीएलआई योजना के अतिरिक्त यह योजना लॉन्च की जाएगी।-मेगा निवेश टेक्सटाइल पार्क (मित्र)
  • तीन वर्ष की अवधि में स्थापित किए जाएंगे। -- 7 टेक्सटाइल पार्क

अवसंरचना:

  • राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी)का विस्तार करके इसमें इतनी परियोजनाओं को शामिल कर दिया गया है। - 7400 परियोजनाओं
  • 1.10 लाख करोड़ रुपये की करीब इतनी परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। - 217 परियोजनाएं
  • एनआईपी के लिए वित्त पोषण में वृद्धि के लिए तीन तरीकों के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। -संस्थागत संरचनाएं सृजित करके, आस्तियों के मुद्रीकरण (monetizing assets) पर जोर देकर तथा केन्द्रीय तथा राज्य बजटों में पूंजीगत व्यय के हिस्सों में बढ़ोतरी करके

संस्थागत बुनियादी ढांचे का गठन : अवसंरचना वित्त पोषण

  • बुनियादी ढांचा वित्त पोषण के लिए प्रदाता और उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने हेतु इस संस्थान की स्थापना तथा पूंजीकरण के लिए 20,000 करोड़ रुपये की धनराशि मुहैया कराई गई है। -- विकास वित्तीय संस्थान (डीएफआई)
  • कितने वर्षों में डीएफआई के अंतर्गत कम-से-कम 5 लाख करोड़ रुपये के उधारी पोर्टफोलियो प्रस्तावित हैं? -तीन वर्षों में

परिसम्पत्ति मुद्रीकरण पर जोर:

  • राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (National Monetization Pipeline) की शुरुआत की जाएगी महत्वपूर्ण परिसम्पत्ति मुद्रीकरण उपाय हैं। - 5,000 करोड़ रुपये के अनुमानित उद्यम मूल्य के साथ पांच परिचालित टोल सड़कें एनएचएआई आईएनवीआईटी (NHAIInvIT) को हस्तांतरित की जा रही है; 7,000 करोड़ रुपये मूल्य की ट्रांसमिशन परिसम्पत्तियां पीजीसीआईएलआईएनवीआईटी (PGCILInvIT) को हस्तांतरिक की जाएंगी; रेलवे समर्पित भाड़ा कॉरिडोर की परिसम्पत्तियों को चालू होने के बाद प्रचालन और रखरखाव के लिए मुद्रीकृत करेगा तथा विमान पत्तनों को प्रचालनों और प्रबंधन रियायत के लिए मुद्रीकृत किया जाएगा।
  • अन्य प्रमुख बुनियादी ढांचा परिसम्पत्तियों के ‘परिसम्पत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम’ के तहत शुरू किया जाएगा। -गेल, आईओसीएल और एचपीसीएल की तेल और गैस पाइपलाइनें; टियर II और III शहरों में एएआई विमानपत्तन; अन्य रेलवे बुनियादी ढांचा परिसम्पत्तियां; केन्द्रीय वेयरहाउसिंग निगम और नैफेड जैसे सीपीएसई की वेयरहाउसिंग परिसम्पत्तियां तथा खेल स्टेडियम

पूंजीगत बजट में तीव्र वृद्धि:

  • वर्ष 2021-22 के लिए पूंजीगत व्यय में तेज वृद्धि कर 5.54 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं, जो 2020-21 में आवंटित 4.12 लाख करोड़ रुपये से कितना अधिक है? -- 34.5 प्रतिशत
  • राज्यों और स्वायत्तशासी संगठनों को उनके पूंजीगत व्यय के लिए कितनी राशि प्रदान की जाएगी? -- 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की
  • पूंजीगत व्यय की अच्छी प्रगति को देखते हुए परियोजनाओं/कार्यक्रमों/विभागों के लिए प्रदान किए जाने वाले आर्थिक कार्य विभाग के बजट में इतनी राशि रखी गई है। -- 44,000 करोड़ रुपये से अधिक की

सड़क एवं राजमार्ग अवसंरचना:

  • सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय को 1,81,101 लाख करोड़ रूपये का अब तक का सर्वाधिक आवंटन, जिसमें से पूंजी जुटाने के लिए हैं। -- 1,08,230 करोड़ रूपये
  • 5.35 लाख करोड़ रूपये की भारतमाला परियोजना के तहत 3.3 लाख करोड़ रूपये की लागत से इतने किमी. लंबी सड़कों का निर्माण शुरू। -- 13,000 किमी.
  • 8,500 किलोमीटर लम्बी सड़कें और बनाई जायेंगी। -मार्च, 2022 तक
  • इतने किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारे भी मार्च, 2022 तक पूरे कर लिए जाएंगे। - 11,000 किमी.
  • तमिलनाडु में कितने करोड़ रूपये के निवेश से 3,500 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का कार्य किया जाएगा? - 1.03 लाख करोड़ रुपये
  • अन्य राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण प्रस्तावित है। -केरल में 65,000 करोड़ रुपये के निवेश से 1,100 किलोमीटर; पश्चिम बंगाल में 25,000 करोड़ रुपये लागत का 675 किलोमीटर तथा असम में 19,000 करोड़ रुपये लागत का राष्ट्रीय राजमार्ग कार्य इस समय जारी है तथा अगले तीन वर्षों में 34,000 करोड़ रुपये लागत का 1,300 किलोमीटर लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य
  • चार लेन और छ: लेन के सभी नए राजमार्गों में उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली स्थापित की जाएगी। -स्पीड रडार, परिवर्तनशील संदेश साइनबोर्ड तथा जीपीएस सक्षम रिकवरी वाहन

रेलवे अवसंरचना:

  • रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है, जिसमें से पूंजीगत व्यय के लिए हैं। - 1,07,100 करोड़ रुपये
  • 2030 तक भविष्य के लिए तैयार रेल व्यवस्था बनाने के लिए। -भारत के लिए राष्ट्रीय रेल योजना (2030)
  • ब्रॉड-गेज मार्गों पर शत-प्रतिशत विद्युतीकरण पूरा किया जायेगा। -दिसम्बर 2023 तक
  • पश्चिमी समर्पित भाड़ा कॉरिडोर (डीएफसी) और पूर्वी डीएफसी को चालू किया जायेगा। -जून 2022 तक
  • अतिरिक्त पहल प्रस्तावित हैं। -2021-22 में पूर्वी डीएफसी का सोननगर – गोमो खण्ड (263.7 किमी) पीपीपी मोड में शुरू किया जाना
  • भावी समर्पित भाड़ा कॉरिडोर परियोजनाएं। – खड़गपुर से विजयवाड़ा तक पूर्वी तट कॉरिडोर, भुसावल से खडगपुर से दानकुनी तक पूर्वी-पश्चिमी कॉरिडोर तथा इटारसी से विजयवाड़ा तक उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर
  • यात्रियों की सुगमता और सुरक्षा के प्रस्तावित उपाय। -विस्टाडोम एलएचबी कोच का आरंभ, भारतीय रेलवे के अधिक उपयोग किए जाने वाले नेटवर्क रूटों पर मानवीय त्रुटि के कारण ट्रेनों के टकराने जैसी दुर्घटनाओं को समाप्त करने हेतु स्वचालित ट्रेन संरक्षण प्रणाली प्रदान करना

शहरी अवसंरचना:

  • सार्वजनिक बस परिवहन सेवाओं का विस्तार करने के लिए इतने करोड़ रूपये की लागत से एक नई योजना शुरू की जाएगी। -- 18,000 करोड़ रुपये
  • देश में इस समय करीब 702 किलोमीटर पारम्परिक मेट्रो ट्रेनें चल रही हैं; और 27 शहरों में निर्माण किया जा रहा है। - 1,016 किलोमीटर लम्बी मेट्रो तथा आरआरटीएस लाइनों का
  • टियर-2 शहरों और टियर-1 शहरों के आसपास के इलाकों में कम लागत में समान अनुभव, सुविधा और सुरक्षा से युक्त मेट्रो रेल प्रणालियां उपलब्ध कराने के लिए दो नई तकनीक लागू की जाएंगी। -‘मेट्रोलाइट’(MetroLite) और ‘मेट्रोनियो’ (MetroNeo)

विद्युत अवसंरचना:

  • पिछले 6 सालों में स्थापित क्षमता में 139 गीगा वाट्स का इजाफा किया गया है और 1.41 लाख किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनें जोड़ी गई हैं, तथा इतने कनेक्शन दिये गये हैं। -2.8 करोड़ अतिरिक्त घरों में
  • आने वाले 5 वर्षों में इतने परिव्यय से एक ‘परिष्कृत और सुधार आधारित तथा परिणाम संबद्ध विद्युत वितरण क्षेत्र योजना’ शुरू की जायेगी। - 3,05,984 करोड़ रुपये
  • 2021-22 में शुरू किया जायेगा। -एक वृहद हाइड्रोजन एनर्जी मिशन

पत्तन, नौवहन, जलमार्ग:

  • वित्त वर्ष 2021-22 में बड़े-बड़े पत्तनों पर सरकारी और निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत प्रमुख पत्तनों द्वारा 7 परियोजनाएं प्रस्तावित की जाएंगी जिनकी लागत होगी। - 2,000 करोड़ रुपये
  • आने वाले 5 वर्षों में भारतीय नौवहन कंपनियों को मंत्रालयों और सीपीएसई के वैश्विक टेंडरों में सब्सिडी प्रदान की जायेगी। - 1624 करोड़ रुपये की
  • 2024 तक रिसाइंकिलिंग (पुनर्चक्रण) की मौजूदा क्षमता को मौजूदा 4.5 मिलियन लाइट डिस्प्लेसमेंट टन (एलडीटी) से बढ़ाकर कर दिया जायेगा। -दोगुना

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस:

  • इस योजना का विस्तार कर इसमें 1 करोड़ और लाभार्थियों को शामिल किया जायेगा। -उज्ज्वला योजना
  • अगले तीन वर्ष में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क से जोड़ा जायेगा। - 100 अन्य जिलों को
  • एक नई गैस पाइप लाइन परियोजना शुरू की जायेगी। -जम्मू-कश्मीर में
  • बिना किसी भेदभाव के खुली पहुंच के आधार पर सभी प्राकृतिक गैस पाइप लाइनों की सामान्य वाहक क्षमता (common carrier capacity) की बुकिंग में सुविधा प्रदान करने हेतु गठन किया जायेगा। -एक स्वतंत्र गैस ट्रांसपोर्ट सिस्टम ऑपरेटर का

वित्तीय पूंजी:

  • सेबी अधिनियम 1992, डिपॉजिटरीज अधिनियम 1996, प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम1956 और सरकारी प्रतिभूति अधिनियम 2007 के प्रावधानों को समेकित करने का प्रस्ताव किया है । -- एकल प्रतिभूति बाजार संहिता में
  • सरकार जीआईएफटी – आईएफएससी (GIFT-IFSC) में इसे विकसित करने के लिए समर्थन देगी। -एक विश्वस्तरीय फिनटेक हब
  • सोने के विनिमय को विनियमित करने के लिए एक व्यवस्था स्थापित की जायेगी। इस उद्देश्य के लिए। -सेबी को एक विनियामक के रूप में अधिसूचित किया जाएगा तथा वेयर हाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेट्री अथारिटी को मजबूत बनाया जायेगा
  • निवेशकों को संरक्षण देने के लिए लागू किया जायेगा। -इन्वेस्टर चार्टर (investor charter)
  • गैर परंपरागत ऊर्जा क्षेत्र को और अधिक बढ़ावा देने के लिए भारतीय सौर ऊर्जा निगम में और भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी में क्रमशः कितनी अतिरिक्त पूंजी लगाई जायेगी? - 1,000 करोड़ रुपये और 1,500 करोड़ रुपये

बीमा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाना:

  • बीमा कंपनियों में स्वीकार्य एफडीआई सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर इतना करने का प्रस्ताव किया गया है। - 74 प्रतिशत

तनावग्रस्त परिसंपत्ति का समाधान, पीएसबी का पुन: पूंजीकरण तथा जमा बीमा:

  • तनावग्रस्त परिसंपत्ति के समाधान हेतु गठन किया जायेगा। -एक असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड और असेट मैनेजमेंट कंपनी का
  • सार्वजनिक क्षेत्रों (पीएसबी) की वित्तीय क्षमता को और अधिक समेकित करने के लिए 2021-22 में अतिरिक्त पुन: पूंजीकरण किया जायेगा। -20,000 करोड़ रुपये का
  • उन एनबीएफसी के लिए जिसकी न्यूनतम परिसंपत्ति 100 करोड़ रुपये तक की हो सकती है, सिक्यूरीटाइजेशन एंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल असेट्स एंड इनफोर्समेंट ऑफ सिक्यूरिटी इंटरेस्ट (SARFAESI) कानून, 2002 के तहत ऋण वसूली के लिए न्यूनतम ऋण सीमा को 50 लाख रुपये के मौजूदा स्तर से कम करके किया जायेगा। - 20 लाख रुपये

कंपनी मामले:

  • लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) कानून 2008 को बनाया जायेगा। -- अपराध मुक्त
  • कंपनी अधिनियम 2013 के तहत लघु कंपनियों की परिभाषा में संशोधन किया जायेगा, जिसके तहत। -प्रदत्त पूंजी के लिए उनकी न्यूनतम सीमा 50 लाख रुपये से अधिक नहीं होने के स्थान पर 2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना तथा कारोबार की न्यूनतम सीमा 2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होने के स्थान पर 20 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना तय किया जायेगा

विनिवेश एवं रणनीतिक बिक्री:

  • बजट अनुमान 2020-21 में विनिवेश से अनुमानित प्राप्तियां। -1,75,000 करोड़ रुपये की
  • बीपीसीएल, एयर इंडिया, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बीईएमल, पवन हंस, नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड आदि का रणनीतिक विनिवेश पूरा हो जाएगा। - 2021-22 में
  • 2021-22 में आईपीओ लाया जायेगा। -एलआईसी का
  • रणनीतिक विनिवेश के लिए नई नीति को मंजूरी दी गई, 4 रणनीतिक क्षेत्रों के अलावा सीपीएसई का निजीकरण किया जायेगा; रणनीतिक विनिवेश के लिए सीपीएसई की नई सूची पर कौन काम करेगा? -नीति आयोग

3.आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास

कृषि:

  • गेहूं के मामले में, 2020-21 में किसानों को भुगतान किया गया। -75,060 करोड़ रुपये का
  • धान के लिए, वर्ष 2020-21 में भुगतान किया गया। -1,72,752 करोड़ रुपये का
  • इसी तरह, दालों के मामले में वर्ष 2020-21 में भुगतान किया गया। -10,530 करोड़ रुपये
  • स्वामित्व योजना का सभी राज्यों/ केंद्र-शासित प्रदेशों में विस्तार किया जाएगा। 1241 गांवों में कार्ड पहले ही उपलब्ध कराए जा चुके हैं। -1.80 लाख संपत्ति मालिकों को
  • वित्तीय वर्ष 2022 में कृषि क्रेडिट लक्ष्य बढ़ाकर कर दिया गया है। - 16.5 लाख करोड़ रुपये
  • ग्रामीण अवसंरचना विकास कोष को 30 हजार करोड़ से बढ़ाकर किया जाएगा। - 40 हजार करोड़ रुपये
  • नाबार्ड के अंतर्गत 5,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ बनाए सूक्ष्म सिंचाई कोष को दोगुना कर किया गया है।- 10 हजार करोड़ रुपये
  • कृषि और सहायक उत्पादों में मूल्य संवर्धन व उनके निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए की गई एक अहम घोषणा के तहत, ‘ऑपरेशन ग्रीन योजना’ के दायरे में अब जल्दी खराब होने वाले कितने उत्पाद शामिल किए जाएंगे? - 22

मछली पालन:

  • आधुनिक मछली बंदरगाहों और मछली उतारने वाले केंद्रों के विकास के लिए निवेश का प्रस्ताव तथा इन पांच प्रमुख मछली बंदरगाहों को आर्थिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। -कोच्चि, चेन्नई, विशाखापट्टनम, पारादीप और पेटुआघाट
  • सीवीड (Seaweed) उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कहाँ बहुउद्देशीय सीवीड पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है? -तमिलनाडु

प्रवासी कामगार और मजदूर:

  • वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना लागू होने से अब तक 32 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में लाभार्थियों को शामिल किया गया है। - 86 प्रतिशत
  • सभी श्रेणी के मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी की व्यवस्था लागू होगी और उनको लाया जाएगा। -कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अंतर्गत
  • किसे सभी श्रेणियों में काम करने की इजाजत होगी, जिसमें वह रात्रि पाली में भी काम कर सकेंगी और उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी? -महिला कामगारों को

वित्तीय समावेशन:

  • अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के लिए चलाई गई ‘स्टैंडअप इंडिया योजना’ के तहत नकदी प्रवाह सहायता को आगे बढ़ाने की घोषणा की है। मार्जिन मनी को 25 प्रतिशत से घटाकर किया गया है। - 15 प्रतिशत
  • एमएसएमई क्षेत्र के लिए बजट में व्यवस्था की गई है। -- 15700 करोड़ रुपये की

4. मानव पूंजी का पुनः शक्तिवर्धन

विद्यालय शिक्षा:

  • इतने विद्यालयों में गुणवत्ता की दृष्टि से सुधार किया जाएगा, ताकि वहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी घटकों का अऩुपालन हो सके। -- 15,000
  • गैर-सरकारी संगठनों / निजी स्कूलों / राज्यों के साथ भागीदारी में स्थापित किए जाएंगे। --100 नए सैनिक स्कूल

उच्चतर शिक्षा:

  • भारतीय उच्चतर शिक्षा आयोग गठित करने को लेकर इस वर्ष विधान पेश किया जाएगा। यह एक छत्रक निकाय होगा, जिसमें चार अलग-अलग घटक होंगे। -- मानक-स्थापना, मान्यता, विनियमन और वित्त पोषण के लिए
  • लद्दाख में उच्च शिक्षा तक पहुंच बनाने के लिए केन्द्रीय विश्व विद्यालय की स्थापना की जाएगी। -- लेह में

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण:

  • जनजातीय क्षेत्रों में स्थापना करने का लक्ष्य है। -- 750 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल
  • अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना पुनः प्रारंभ की गई, 2025-2026 तक 6 वर्षों के लिए कितनी केन्द्रीय सहायता की वृद्धि की गई? -- 35,219 करोड़ रुपये

कौशल:

  • अभियांत्रिकी में स्नातकों और डिप्लोमा धारकों की शिक्षा-उपरांत अप्रैन्टिसशिप, प्रशिक्षण की दिशा में मौजूदा राष्ट्रीय अप्रैन्टिसशिप प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) के पुनर्सृजन के लिए प्रस्तावित। --3,000 करोड़ रूपए
  • कौशल में अन्य देशों के साथ साझेदारी की पहलों को आगे बढ़ाया जाएगा। जिस तरह की साझेदारी की गई है। -- संयुक्त अरब अमीरात के साथ कौशल योग्यता, मूल्यांकन, प्रमाणीकरण और प्रमाणित श्रमिकों की तैनाती तथा जापान के साथ कौशल, तकनीक और ज्ञान के हस्तांतरण के लिए सहयोगपूर्ण अंतर-प्रशिक्षण कार्यक्रम

5.नवोन्मेष और अनुसंधान एवं विकास

  • राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान (NRF) के लिए जुलाई 2019 में एक कार्य-प्रणाली तैयार की गई थी। पाँच वर्ष में NRF के लिए परिव्यय होगा। - 50,000 करोड़ रुपये
  • भुगतान के डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की प्रस्तावित योजना के लिए प्रावधान। - 15,00 करोड़ रुपये
  • प्रमुख भारतीय भाषाओं में शासन और नीति से संबंधित ज्ञान को उपलब्ध कराने के लिए सरकार इस नई पहल की शुरुआत करेगी। - राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन
  • न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड द्वारा ‘पीएसएलवी-सीएस51’ को छोड़ा जाएगा, जो अपने साथ ले जाएगा। -ब्राजील के अमेजोनिया उपग्रह और कुछ भारतीय उपग्रहों को
  • गगनयान मिशन गतिविधियों के तहत। - 4 भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को रूस में जैनरिक स्पेस फ्लाइट के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है; पहला मानवरहित प्रक्षेपण दिसंबर 2021 में होगा
  • गहरे महासागर मिशन सर्वेक्षण अन्वेषण और गहरे महासागर की जैव विविधता के संरक्षण के लिए 5 वर्षों के लिए व्यवस्था की गई है। - 4,000 करोड़ रूपए की

6.न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन

  • 56 संबंद्ध स्वास्थ्य देखभाल व्यवसायों की पारदर्शिता और दक्षता पर नियंत्रण सुनिश्चित करने हेतु पहले ही प्रस्ताव किया जा चुका है। - राष्ट्रीय संबंद्ध स्वास्थ्य देखभाल व्यवसायी आयोग (National Commission for Allied Healthcare Professionals) का
  • नर्सिंग व्यवसाय में पारदर्शिता और प्रशासनिक सुधार के लिए प्रस्तुत किया गया। - राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवायफरी आयोग विधेयक
  • सीपीएसई के साथ अनुबंध विवाद के तुरंत निपटारे के लिए प्रस्तावित किया गया है। - विवाद निपटान तंत्र (Conciliation Mechanism)
  • भारत के इतिहास में पहली डिजिटल जनगणना के लिए आवंटन किया गया है। - 3768 करोड़ रुपये
  • पुर्तगाल से गोवा राज्य की स्वतंत्रता की हीरक जयंती समारोह मनाने के लिए गोवा सरकार को अनुदान। - 300 करोड़ रुपये
  • असम और पश्चिम बंगाल में चाय बगान कामगारों विशेष रूप से महिला और उनके बच्चों की कल्याण के लिए विशेष योजना के लिए आवंटन। - 1000 करोड़ रुपये

राजकोषीय स्थिति:

  • 2020-21 के लिए 30.42 लाख करोड़ रुपये के मूल बजट अनुमान व्यय की तुलना में संशोधित अनुमान व्यय आंका गया है। - 34.50 लाख करोड़ रुपये
  • 2020-21 में मूल बजट अनुमान पूंजीगत व्यय 4.12 लाख करोड़ रुपये की तुलना में संशोधित अनुमान में पूंजीगत व्यय है। - 4.39 लाख करोड़ रुपये
  • संशोधित अनुमान 2020-21 में राजकोषीय घाटा बढ़कर हो गया है। - सकल घरेलू उत्पाद का 9.5 प्रतिशत
  • 2021-22 के बजट अनुमान में अनुमानित व्यय 34.83 लाख करोड़ रुपये रखा गया है, इसमें पूंजीगत व्यय के लिए शामिल है। - 5.5 लाख करोड़ रुपये
  • 2021-22 के बजट अनुमान में राजकोषीय घाटा अनुमानित है। - सकल घरेलू उत्पाद का 6.8 प्रतिशत
  • 2025-26 तक राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत तक करने के लिए योजना है। -राजकोषीय समेकन (fiscal consolidation) के मार्ग पर अग्रसर होने की
  • वित्त विधेयक के माध्यम से भारत की आकस्मिकता निधि को 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर किया गया। - 30,000 करोड़ रुपये

राज्यों की कुल उधारीः

  • 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार वर्ष 2021-22 के दौरान राज्यों को कुल उधारी प्राप्त करने की मंजूरी दी गई। - सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 4 प्रतिशत
  • 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार राज्यों का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3 प्रतिशत तक लाना है। - 2023-24 तक

15वां वित्त आयोगः

  • 2021-26 के लिए अंतिम रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी गई, जिसमें राज्यों का ऊर्ध्वमुखी हिस्सा (vertical shares) बरकरार रखा गया है। - 41 प्रतिशत पर
  • आयोग की सिफारिश के अनुसार वर्ष 2020-21 में 14 राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान के रूप में 74,340 करोड़ रुपये की अपेक्षा 2021-22 में 17 राज्यों को दिए गए। - 1,18,452 करोड़ रुपये