भू-स्थानिक क्षेत्र का उदारीकरण

  • 04 Mar 2021

भारत ने 15 फरवरी, 2021 को भू-स्थानिक डेटा पर अपने नियमों को उदार बनाया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने भारतीय कंपनियों को पहले से सरकारी स्वीकृति प्राप्त किए बिना सर्वेक्षण और मैपिंग करने की अनुमति दी है।

महत्वपूर्ण तथ्य: सरकार ने सार्वजनिक और निजी कंपनियों को भू-स्थानिक डेटा के संग्रह, मैप तैयार करने, सृजन, भंडारण और प्रकाशन के लिए अनुमोदन, सुरक्षा मंजूरी या लाइसेंस लेने की आवश्यकता से मुक्त कर दिया है।

  • यह बदलाव लॉजिस्टिक्स और परिवहन से लेकर शहरी परिवहन और ई-कॉमर्स तक के विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
  • इसके अलावा, सर्वे ऑफ इंडिया और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन जैसी सरकारी एजेंसियों से उत्पन्न भू-स्थानिक डेटा सार्वजनिक और निजी कंपनियों को उपलब्ध कराया जाएगा।

भू-स्थानिक डेटा: भू-स्थानिक डेटा में पृथ्वी की सतह पर मौजूद वस्तुओं, घटनाओं आदि के विषय से संबंधित डेटा शामिल होते हैं।

  • ये डेटा स्थिर और अस्थिर दोनों हो सकते हैं, जैसे- सड़क का स्थान, भूकंप की घटना, गतिशील वाहन, पैदल यात्री की चाल, संक्रामक रोग का प्रसार आदि।
  • इससे अवस्थिति (Location), घटनाओं की विशेषता (Attribute) और समय (time) के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।