दुर्लभ रोगों के लिए राष्ट्रीय नीति 2021

  • 06 Apr 2021

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 30 मार्च, 2021 को ‘दुर्लभ रोगों के लिए राष्ट्रीय नीति 2021’ को स्वीकृति दे दी है।

उद्देश्य: स्वदेशी अनुसंधान पर ज्यादा जोर के साथ दुर्लभ बीमारियों के उपचार की ऊंची लागत को कम करना।

महत्वपूर्ण तथ्य: नीति में दुर्लभ बीमारियों की परिभाषा और देश के भीतर दुर्लभ बीमारियों से संबंधित अनुसंधान एवं विकास के लिए पर्याप्त डेटा उपलब्धता हेतु दुर्लभ बीमारियों की एक राष्ट्रीय स्तर की अस्पताल आधारित रजिस्ट्री की परिकल्पना की गई है।

  • स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों और जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केन्द्रों (District Early Intervention Centres) जैसी प्राथमिक और द्वितीयक स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना के माध्यम से त्वरित जांच और बचाव पर ध्यान केन्द्रित किया गया है।
  • नीति का उद्देश्य उत्कृष्टता केन्द्र (सीओई) के रूप में वर्णित 8 स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से दुर्लभ बीमारियों से बचाव और उपचार के लिए तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को मजबूत बनाना भी है और इन केंद्रों को निदान सुविधाओं के सुधार के लिए 5 करोड़ रुपये तक की एकमुश्त वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी।
  • एकमुश्त उपचार (दुर्लभ रोग नीति में समूह 1 के अंतर्गत सूचीबद्ध बीमारी) वाली दुर्लभ बीमारियों के उपचार के लिए, राष्ट्रीय आरोग्य निधि की छत्रक योजना के तहत 20 लाख रुपये तक के वित्तीय समर्थन का प्रावधान है। इस वित्तीय सहायता के लिए लाभार्थियों को बीपीएल परिवारों के अलावा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पात्र 40% आबादी तक बढ़ाया जाएगा।
  • नीति में एक क्राउड फंडिंग व्यवस्था की भी कल्पनी की गई है, जिसमें कंपनियों और लोगों को आईटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से वित्तीय समर्थन देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।