विश्व जनसंख्या स्थिति रिपोर्ट 2021

  • 01 May 2021

‘संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष’ (United Nations Population Fund- UNFPA) ने 15 अप्रैल, 2021 को ‘मेरा शरीर मेरा अपना है’ (My Body is My Own) शीर्षक से अपनी प्रमुख ‘विश्व जनसंख्या स्थिति रिपोर्ट 2021’ (State of World Population Report 2021) जारी की।

महत्वपूर्ण तथ्य: पहली बार संयुक्त राष्ट्र की किसी रिपोर्ट में ‘दैहिक / शारीरिक स्वायत्तता’ (Bodily Autonomy) पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

  • ‘दैहिक या शारीरिक स्वायत्तता’ को, बगैर किसी हिंसा के डर से या आपके निर्णय किसी अन्य के द्वारा किए जाने के बिना, आपकी देह अथवा शरीर के बारे में स्वयं विकल्प चुनने के रूप में परिभाषित किया गया है।
  • 57 विकासशील देशों की लगभग आधी महिलाओं को अपने शरीर के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। ये महिलाएं, गर्भनिरोधक का उपयोग करने, स्वास्थ्य-देखभाल की मांग करने, और यहाँ तक अपनी काम-वासना (sexuality) के संबंध में भी खुद निर्णय नहीं ले सकती है।
  • आंकड़ों की उपलब्धता वाले देशों में से केवल 55% महिलाओं को स्वास्थ्य सेवा, गर्भनिरोधक का उपयोग करने और यौन संबंध के लिए हां या ना कहने का विकल्प चुनने का पूरा अधिकार हासिल है।

भारत की स्थिति: भारत के, ‘राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4’ (2015-2016) के अनुसार, वर्तमान में केवल 12% विवाहित महिलाएं (15-49 वर्ष आयु वर्ग) अपनी स्वास्थ्य-देखभाल के बारे में स्वतंत्र रूप से निर्णय लेती हैं।

  • इसी आयु वर्ग की 63% विवाहित महिलाएं, इस संबंध में अपने जीवनसाथी के परामर्श से निर्णय लेती हैं। एक चौथाई महिलाओं (23%) के जीवनसाथी, मुख्य रूप से उनकी स्वास्थ्य-देखभाल के बारे में निर्णय लेते हैं।

जीके फैक्ट: संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष ‘संयुक्त राष्ट्र की यौन और प्रजनन स्वास्थ्य संस्था’ (United Nations sexual and reproductive health agency) है। इसका गठन वर्ष 1969 में किया गया था।