भारत का पहला सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड

  • 10 Nov 2022

नवंबर 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत के पहले सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड की रूपरेखा को मंजूरी प्रदान की है|

महत्वपूर्ण तथ्य-

  • इस मंजूरी से पेरिस समझौते के तहत अपनाए गए अपने एनडीसी (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और भी अधिक मजबूत होगी, इसके साथ ही इससे पात्र हरित परियोजनाओं में वैश्विक एवं घरेलू निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
  • बॉन्ड से प्राप्त धनराशि को सार्वजनिक क्षेत्र की उन परियोजनाओं में लगाया जाएगा, जिनसे अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को कम करने में मदद मिलती है।
  • वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा हरित परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाने के लिए सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी करने की घोषणा की गई थी।

ग्रीन बॉन्ड क्या है? : ग्रीन बॉन्ड दरअसल ऐसे वित्तीय प्रपत्र होते हैं, जो पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ और जलवायु के अनुकूल परियोजनाओं में निवेश के लिए धनराशि सृजित करते हैं।

  • पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ परियोजनाओं में ग्रीन बॉन्डों का झुकाव होने को देखते हुए नियमित बॉन्डों की तुलना में हरित बॉन्डों की पूंजी की लागत अपेक्षाकृत कम होती है और इसके मद्देनजर बॉन्ड जारी करने की प्रक्रिया से जुड़ी विश्वसनीयता एवं प्रतिबद्धता अत्यंत आवश्यक होती है।