सामयिक

आर्थिकी:

अमेरिकी फैशन ब्रांड 'पेटागोनिया' ने अपने परिधानों के लिए खादी डेनिम को चुना

अमेरिका स्थित दुनिया का प्रमुख फैशन ब्रांड, ‘पेटागोनिया’ अब डेनिम परिधान बनाने के लिए दस्तकारी खादी डेनिम कपड़े का उपयोग कर रहा है।

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महत्वपूर्ण तथ्य: पेटागोनिया ने कपड़ा प्रमुख अरविंद मिल्स के माध्यम से गुजरात से 1.08 करोड़ रुपये मूल्य के लगभग 30,000 मीटर खादी डेनिम फैब्रिक खरीदा है।

  • जुलाई 2017 में, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने दुनिया भर में खादी डेनिम उत्पादों का व्यापार करने के लिए अरविंद मिल्स लिमिटेड, अहमदाबाद के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
  • तब से, अरविंद मिल्स गुजरात के केवीआईसी-प्रमाणित खादी संस्थानों से हर साल बड़ी मात्रा में खादी डेनिम कपड़े खरीद रहा है।
  • पेटागोनिया द्वारा खादी डेनिम की खरीद ने खादी कारीगरों के लिए अतिरिक्त 1.80 लाख मानव घंटे, यानी 27,720 मानव दिवस का रोजगार सृजन किया है।

कोयला नियंत्रक संगठन

केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा 13 दिसंबर, 2021 को राज्य सभा में दी गई जानकारी के अनुसार कोयला मंत्रालय के अधीनस्थ कार्यालय 'कोयला नियंत्रक संगठन' (Coal Controller Organisation) देश में सभी निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला खदानों के कोयला उत्पादन डेटा संग्रहण और रखरखाव करता है। इसकी जानकारी मासिक आधार पर संग्रहीत की जाती है।

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  • 'कोयला नियंत्रक संगठन' की जिम्मेदारियां: कोयले के वर्ग, ग्रेड या आकार की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए कोयला खान (collieries) का निरीक्षण।
  • कोयला खान में खनन किए गए कोल सीम (coal seam) के ग्रेड की घोषणा और रखरखाव के उद्देश्य से निर्देश जारी करना।
  • कोयले के ग्रेड और आकार की घोषणा से उत्पन्न उपभोक्ताओं और मालिक के बीच विवाद के मामले में अपीलीय प्राधिकारी के रूप में कार्य करना।
  • कोयला खान में कोयले के स्टॉक या कोयले के अपेक्षित उत्पादन के निपटान को विनियमित करना।
  • अन्य तथ्य: खान सुरक्षा महानिदेशालय (DGMS) खानों में सुरक्षा के लिए भारत सरकार की नियामक एजेंसी है। DGMS का मिशन खनन उद्योग और अपस्ट्रीम पेट्रोलियम उद्योग में सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों, कार्यप्रणालियों और प्रदर्शन में लगातार सुधार करना है।

वाराणसी में पश्मीना का उत्पादन जल्द

30 नवंबर, 2021 को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अनुसार, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने कच्चे पश्मीना ऊन के प्रसंस्करण और इस ऊनी कपड़े में आगे बुनाई के लिए उत्तर प्रदेश के वाराणसी और गाजीपुर जिलों से 4 खादी संस्थानों को शामिल किया है।

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महत्वपूर्ण तथ्य: पश्मीना की बुनाई वाराणसी में की जाएगी। जम्मू-कश्मीर के बाहर पश्मीना बुनाई के विरासत शिल्प को पेश करने का यह पहला प्रयास है।

  • विश्व स्तर पर प्रशंसित पश्मीना ऊन उत्पाद, जो लेह-लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में प्रसिद्ध हैं, अब वाराणसी में भी तैयार किए जाएंगे।
  • वाराणसी में पश्मीना बुनाई अगले साल जनवरी से शुरू होगी। वाराणसी के सेवापुरी आश्रम के 20 खादी कारीगरों को पश्मीना बुनाई का 30 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • ‘पश्मीना बकरियाँ’ को चांगथांगी बकरियों के नाम से भी जाना जाता है। चांगथांगी बकरी के बाल बहुत मोटे होते हैं और इनसे विश्व का बेहतरीन पश्मीना प्राप्त होता है, जिसकी मोटाई 12-15 माइक्रोन के बीच होती है।
  • चांगथांगी या पश्मीना बकरी, लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्थानीय बकरी की एक विशेष नस्ल है। इन बकरियों को आम तौर पर ग्रेटर लद्दाख के चांगथांगी क्षेत्र में खानाबदोश समुदाय ‘चांगपा’ द्वारा पाला जाता है।

आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण - त्रैमासिक बुलेटिन (जनवरी-मार्च 2021)

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने 30 नवंबर, 2021 को आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) त्रैमासिक बुलेटिन (जनवरी-मार्च 2021) के निष्कर्ष जारी किए।

महत्वपूर्ण तथ्य: यह वर्तमान तिमाही बुलेटिन इस शृंखला में 10वां बुलेटिन था।

बेरोजगारी दर (UR): यह श्रम बल में व्यक्तियों के बीच बेरोजगार व्यक्तियों का प्रतिशत है।

  • जनवरी-मार्च 2021 में शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए बेरोजगारी दर बढ़कर 9.3% हो गई, जो पिछले वर्ष के इसी अवधि में 9.1% थी। अक्टूबर-दिसंबर 2020 में यह 10.3% थी।

श्रम बल भागीदारी दर( LFPR): इसे जनसंख्या में श्रम बल में व्यक्तियों (यानी काम कर रहे या काम की तलाश या काम के लिए उपलब्ध) के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।

श्रमिक जनसंख्या अनुपात (WPR): WPR को जनसंख्या में नियोजित व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।

शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए बेरोजगारी दर (UR), श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) और श्रमिक जनसंख्या अनुपात (WPR) के आंकड़े वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (CWS) के अनुसार-

जनवरी-मार्च 2021

जनवरी-मार्च 2020

अक्टूबर-दिसंबर 2020

बेरोजगारी दर

9.3%

9.1%

10.3%

बेरोजगारी दर (पुरुष)

8.6%

8.6%

9.5%

बेरोजगारी दर (महिला)

11.8%

10.6%

13.1%

श्रम बल भागीदारी दर

47.5%

48.1%

47.3%

श्रमिक जनसंख्या अनुपात

43.1%

43.7%

42.4%

लिनैक-एनसीडीसी मत्स्य व्यवसाय ऊष्मायन केंद्र

16 नवंबर‚ 2021 को केंद्रीय मत्स्य पालन‚ पशुपालन और डेयरी मंत्री परुषोत्तम रूपाला ने गुरुग्राम‚ हरियाणा में भारत के पहले मत्स्य पालन व्यवसाय इन्क्यूबेटर का उद्घाटन किया।

महत्वपूर्ण तथ्य: इस इन्क्यूबेटर को ‘लिनैक-एनसीडीसी मत्स्य व्यवसाय ऊष्मायन केंद्र’ (LINAC- NCDC Fisheries Business Incubation Centre: LIFIC) के रूप में जाना जाएगा।

  • केंद्र की स्थापना प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत की गई है।
  • इस केंद्र की निर्माण लागत राशि 3.23 करोड़ रुपये है। यह केंद्र वास्तविक बाजार परिस्थितियों में मत्स्य पालन स्टार्ट-अप को बढ़ावा देगा।
  • राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC), इस केंद्र के लिए एक कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।
  • इसके तहत चार राज्यों- बिहार, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के 10 इन्क्यूबेटरों के पहले बैच की पहचान की जा चुकी है।

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम: NCDC की स्थापना 1963 में संसद के एक अधिनियम द्वारा कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निगम के रूप में की गई थी।

  • NCDC ने 1985 में विश्व बैंक परियोजना के माध्यम से अपना प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया था। फरवरी 2018 में इसका नाम बदलकर लक्ष्मणराव इनामदार राष्ट्रीय सहकारिता अनुसंधान और विकास अकादमी (LINAC) कर दिया गया।

जेवर हवाई अड्डा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर स्थित जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनआईए) की आधारशिला रखी।

  • महत्वपूर्ण तथ्य: यह परियोजना मौजूदा हवाई अड्डों का विस्तार करने और क्षेत्रीय हवाई यातायात के विकास का समर्थन करने और भीड़भाड़ वाले महानगरों में हवाई यातायात वृद्धि को बनाए रखने हेतु नए हवाई अड्डों का निर्माण करने की सरकार की योजना का हिस्सा है।
  • 1334 हेक्टेयर क्षेत्र में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की योजना है। इसे 'ज्यूरिख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे एजी' (Zurich International Airport AG) द्वारा विकसित किया जा रहा है।
  • नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को चार चरणों में पूरा किया जाएगा।
  • हवाई अड्डे के पहले चरण का विकास 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जा रहा है और इसको 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • पहली बार, भारत में एक हवाई अड्डे की अवधारणा एक 'एकीकृत मल्टी-मोडल कार्गो हब' के साथ की गई है, जिसमें लॉजिस्टिक के लिए कुल लागत और समय को कम करने पर ध्यान दिया गया है।
  • यह भारत का पहला शुद्ध-शून्य उत्सर्जन हवाई अड्डा होगा।

वाणिज्यिक उड़ानों में वाईफाई सेवा

दूरसंचार विभाग द्वारा वाणिज्यिक उड़ानों में वाईफाई सेवाओं की अनुमति देने के तीन साल बाद भी, घरेलू हवाई यात्रियों के लिए यह अभी तक एक वास्तविकता नहीं बन पाया है।

महत्वपूर्ण तथ्य: भारी अधिष्ठापन लागत (installation costs) और कोविड-19 के प्रभाव से जूझने की वजह से एयरलाइंस इसे शुरू नहीं कर पा रहे हैं।

  • घरेलू वाहक सेवा की पेशकश में धीमे रहे हैं क्योंकि इसके लिए विमान पर आवश्यक एंटीना फिट करना काफी महंगा है।
  • इसके अलावा एयरलाइंस के लिए बेहद प्रतिस्पर्धी बाजार में सबसे सस्ते टिकट का खर्च यात्रियों पर डालना मुश्किल है।
  • हालांकि, लुफ्थांसा, एयर फ्रांस और अमीरात जैसी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों ने सेवा की पेशकश शुरू कर दी है।
  • एक विमान के लिए वाई फाई उपकरण की लागत 3 करोड़ से 4 करोड़ रुपए तक है, जोकि इसकी शुरुआत में बाधक है क्योंकि यात्रियों से यह लागत वसूल करना मुश्किल है।
  • पूर्ण-सेवा वाहक विस्तारा सितंबर 2020 से इसे पेश करने वाली एकमात्र भारतीय एयरलाइन है।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 नवंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के करवल खीरी में ‘पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे’ का उद्घाटन किया।

  • महत्वपूर्ण तथ्य: एक्सप्रेस-वे पर निर्मित 3.2 किमी लंबी हवाई पट्टी पर भारतीय वायु सेना का एयरशो भी हुआ।
  • यह हवाई पट्टी आपात स्थिति में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों को उतारने/उड़ान भरने के लिए निर्मित की गयी है।
  • पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की लम्बाई 341 किलोमीटर है। यह लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (राष्ट्रीय राजमार्ग- 731) पर स्थित गांव चौदसराय, जिला लखनऊ से शुरू होता है और यूपी-बिहार सीमा से 18 किमी पूर्व में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर स्थित गांव हैदरिया में समाप्त होता है।
  • यह परियोजना उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) द्वारा 22,497 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार की गई है।
  • पूर्वांचल एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों, विशेष रूप से लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिलों के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।

ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे

नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. वी के सिंह द्वारा 2 दिसंबर, 2021 को लोक सभा में दी गई जानकारी के अनुसार, पिछले 3 वर्षों में छ: ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का परिचालन शुरू किया गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य: ये छ: ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे हैं: केरल में कन्नूर हवाई अड्डा (2018), सिक्किम में पाक्योंग हवाई अड्डा (2018), कर्नाटक में कलबुर्गी हवाई अड्डा (2019), आंध्र प्रदेश में कुरनूल हवाई अड्डा (2021), महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग हवाई अड्डा (2021) और उत्तर प्रदेश कुशीनगर में हवाई अड्डा (2021)।

  • इसके अलावा, पिछले 3 वर्षों के दौरान, महाराष्ट्र में नवी मुंबई, गोवा में मोपा, राजकोट में हीरासर, उत्तर प्रदेश में जेवर (नोएडा) और अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में होलोंगी ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का निर्माण किया जा रहा है।
  • भारत सरकार की "उड़े देश का आम नागरिक" (उड़ान) योजना के तहत पिछले 3 वर्षों के दौरान कुल 42 हवाई अड्डों / हवाई पट्टियों का परिचालन शुरू किया गया है।
  • भारत सरकार ने गोवा में मोपा हवाई अड्डे; महाराष्ट्र में नवी मुंबई हवाई अड्डे; कर्नाटक में बीजापुर हवाई अड्डे, हसन हवाई अड्डे और शिमोगा हवाई अड्डे; पुडुचेरी में कराईकल हवाई अड्डे; गुजरात में धोलेरा हवाई अड्डे और हीरासर हवाई अड्डे; आंध्र प्रदेश में दगदार्थी हवाई अड्डे और भोगापुरम हवाई अड्डे, उत्तर प्रदेश में जेवर (नोएडा) हवाई अड्डे, मध्य प्रदेश में दतिया हवाई अड्डे और अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में होलोंगी हवाई अड्डे पर 13 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के विकास के लिए "सैद्धांतिक" अनुमोदन प्रदान किया है।
  • ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा बिल्कुल नया हवाई अड्डा होता है, जो एक ऐसे नए स्थान पर बना होता है जहां कोई हवाई अड्डा मौजूद नहीं था।

भारत-बांग्लादेश आर्थिक संबंध

‘भारत-बांग्लादेश सीईओ फोरम’ पहली बार जल्द ही बैठक करेंगे।

महत्वपूर्ण तथ्य: दोनों देश एक व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) को अंतिम रूप देने की दिशा में काम कर रहे हैं ताकि व्यापार और आर्थिक संबंधों को प्रतिस्पर्धियों के बजाय भागीदारों के रूप में मजबूत किया जा सके।

  • 10 बिलियन डॉलर से अधिक के वॉल्यूम के साथ बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है।
  • भारत ने बांग्लादेश को एक करोड़ से अधिक कोविड-19 वैक्सीन खुराक भेजी थी और लगभग 8 बिलियन डॉलर की रियायती ऋण सुविधा भी प्रदान की है।
  • वस्त्र (टेक्सटाइल) क्षेत्र में सहयोग को सुगम बनाने के लिए एक द्विपक्षीय 'टेक्सटाइल उद्योग मंच' का भी गठन किया गया है।
  • भारत 'मिरसराय' और 'मोंगला' में दो भारतीय आर्थिक क्षेत्र भी विकसित कर रहा है।
  • भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने पांच फोकस क्षेत्रों की पहचान की जो द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत कर सकते हैं: प्रौद्योगिकी, कनेक्टिविटी, उद्यमिता, स्वास्थ्य और पर्यटन।
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