भारतीय खगोलविदों ने 'जर्मेनियम-समृद्ध' तारे की खोज की
- 20 Jun 2025
19 जून 2025 को, भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA), बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने ओफियूकस तारामंडल में स्थित A980 नामक एक दुर्लभ Extreme Helium (EHe) तारे में पहली बार जर्मेनियम (Ge) की अत्यधिक मात्रा की खोज की।
मुख्य तथ्य:
- खोज का स्थान और दूरी: A980 तारा ओफियूकस तारामंडल में स्थित है और पृथ्वी से 25,800 प्रकाश वर्ष दूर है।
- तारकीय विशेषता: A980 को पहले हाइड्रोजन-रहित कार्बन तारा माना जाता था, लेकिन स्पेक्ट्रोस्कोपिक विश्लेषण से यह एक ठंडा EHe तारा निकला, जिसमें लगभग पूरी तरह हीलियम होता है।
- जर्मेनियम की खोज: A980 के स्पेक्ट्रम में पहली बार सिंगली-आयनाइज्ड जर्मेनियम (Ge II) की उपस्थिति पाई गई, जो सूर्य की तुलना में आठ गुना अधिक है; यह EHe तारों में जर्मेनियम की पहली पुष्टि है।
- उत्पत्ति का कारण: EHe तारे संभवतः एक कार्बन-ऑक्सीजन श्वेत बौने और एक हीलियम श्वेत बौने के विलय से बनते हैं; A980 में भारी तत्वों की उपस्थिति s-process (slow neutron capture) के कारण मानी जा रही है।
- वैज्ञानिक महत्व: यह खोज तारकीय रसायन, भारी तत्वों के निर्माण, और श्वेत बौनों के विलय की प्रक्रिया को समझने में एक नया आयाम जोड़ती है; शोध द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल (‘The Astrophysical Journal’ ) में प्रकाशित हुआ है।
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