इंडस लिपि पाठ्यवाचन पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की घोषणा
- 20 Jun 2025
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने 20-22 अगस्त 2025 को ग्रेटर नोएडा स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय पुरातत्व संस्थान में ‘इंडस लिपि के पाठ्यवाचन: वर्तमान स्थिति और आगे की दिशा’ विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा की।
मुख्य तथ्य:
- सम्मेलन का उद्देश्य: इंडस लिपि के पाठ्यवाचन पर वर्तमान शोध की समीक्षा, भविष्य की दिशा तय करना और वैश्विक विशेषज्ञों के बीच सहयोग को बढ़ाना है; भारत और विदेश के प्रमुख विद्वानों को आमंत्रित किया गया है।
- प्रस्तुतियाँ और चर्चा: सम्मेलन में शोध पत्र प्रस्तुतियाँ (ऑफलाइन और ऑनलाइन) होंगी, जिनके बाद विचार-विमर्श सत्र आयोजित किए जाएंगे; प्रतिभागियों को अपने शोध कार्य 30 जून 2025 तक जमा करने होंगे।
- इंडस लिपि की विशेषता: इंडस लिपि में 400 से अधिक चित्रात्मक चिह्न हैं, जो मुख्यतः मुहरों, टैबलेट्स और बर्तनों पर मिलते हैं; इसकी संक्षिप्तता और द्विभाषी अभिलेखों की अनुपस्थिति के कारण इसे पढ़ना अब तक संभव नहीं हो सका है।
- पुरस्कार और वैश्विक रुचि: तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में इंडस लिपि को डिकोड करने वाले को $1 मिलियन का पुरस्कार देने की घोषणा की है, जिससे इस विषय में वैश्विक रुचि और शोध को बढ़ावा मिला है।
- आयोजनकर्ता: सम्मेलन का आयोजन ASI और संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है; इसमें वर्तमान शोध, तकनीकी नवाचार और सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़े विविध पहलुओं पर चर्चा होगी।
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