हाई-रेजोल्यूशन जलभृत मानचित्रण और प्रबंधन

  • 23 Dec 2020

( 21 December, 2020, , www.pib.gov.in )


उत्तर-पश्चिम भारत के शुष्क इलाकों में ‘हाई-रेजोल्यूशन जलभृत मानचित्रण और प्रबंधन’ (High-Resolution Aquifer Mapping & Management) करने के लिए केंद्रीय भूजल बोर्ड, जल शक्ति मंत्रालय और सीएसआईआर-राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के बीच 21 दिसंबर, 2020 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

महत्वपूर्ण तथ्य: मानचित्रण कार्यक्रम के अंतर्गत राजस्थान, गुजरात और हरियाणा राज्यों के कुछ इलाकों में उन्नत हेलीबॉर्न (हवाई आधारित) भू-भौतिकीय सर्वेक्षण और अन्य वैज्ञानिक अध्ययनों का उपयोग किया जाएगा।

  • परियोजना के पहले चरण में, 54 करोड़ की अनुमानित लागत से लगभग 1 लाख वर्ग किमी. का क्षेत्र कवर किया जाएगा, जिसमें पश्चिमी शुष्क राजस्थान का लगभग 65,500 वर्ग किमी., शुष्क गुजरात का 32,000 वर्ग किमी. और हरियाणा का लगभग 2500 वर्ग किमी. (कुरुक्षेत्र और यमुना नगर जिले) को कवर किया जाएगा।

अध्ययन के प्रमुख लक्ष्य: हाई-रेजोल्यूशन जलभृत मानचित्रण; कृत्रिम पुनर्भरण (artificial recharge) के लिए साइट्स की पहचान; 3डी भू-भौतिकीय मॉडल, क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर मैदानों पर भू-भौतिकीय विषयक मानचित्रण;

  • असंतृप्त और संतृप्त जलभृतों के सीमांकन के साथ प्रमुख जलभृतों की जलभृत ज्यामिति; अपेक्षाकृत ताजा और खारे क्षेत्रों के साथ जलभृत प्रणाली; पुराने जल-प्रवाह नेटवर्क का स्थानिक और गहन वितरण; कृत्रिम या प्रबंधित जलभृत पुनर्भरण के माध्यम से भूजल निकासी और जल संरक्षण के लिए उपयुक्त स्थलों का चयन।

महत्व: अध्ययन से प्राप्त निष्कर्षों के द्वारा जल की कमी से प्रभावित इलाकों में भूजल स्तर में सुधार लाने हेतु कार्यस्थल विशिष्ट योजनाओं का निर्माण करने और भूजल संसाधनों के सतत प्रबंधन में मदद मिलेगी।