राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति 2022 मसौदा

  • 28 Mar 2022

रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्युटिकल विभाग ने 12 मार्च, 2022 को परामर्श के लिए 'राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति 2022 मसौदा' पर दृष्टिकोण पत्र जारी किया।

(Image Source: https://www.dtnext.in/)

उद्देश्य: चिकित्सा उपकरणों की सुलभता, खर्च वहनीयता, सुरक्षा और गुणवत्ता के मुख्य उद्देश्यों को पूरा करना और स्व-स्थायित्व, नवाचार एवं वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करना।

मुख्य विशेषताएं: निजी क्षेत्र के निवेश के साथ स्थानीय विनिर्माण इकोसिस्टम के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय और वित्तीय सहायता के माध्यम से प्रतिस्पर्धात्मकता का निर्माण।

  • टैक्स रिफंड और छूट के माध्यम से कोर प्रौद्योगिकी परियोजनाओं और निर्यात को प्रोत्साहित करना।
  • उपभोक्ताओं को सुरक्षित उपकरण उपलब्ध कराने के लिए गुणवत्ता मानकों और उपकरणों की सुरक्षा।
  • चिकित्सा उपकरणों के लाइसेंस के लिए एकल खिड़की निकासी प्रणाली।
  • महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ताओं की पहचान करना, स्थानीय रूप से उत्पादित सामग्री को बढ़ावा देना तथा विभिन्न उद्योगों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना।
  • अनुसंधान और विकास में चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़ाकर लगभग 50% करना।
  • इस नीति की परिकल्पना है कि 2047 तक -
  1. भारत में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPERs) की तर्ज पर कुछ राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (NIMERs) होंगे।
  2. भारत मेडटेक में 25 सर्वोत्तम फ्यूचरिस्टिक तकनीकों का केंद्र और जननी होगा।
  3. देश में 10-12% की वैश्विक बाजार हिस्सेदारी के साथ 100-300 अरब डॉलर के आकार का मेडटेक उद्योग होगा।

अन्य तथ्य: चिकित्सा उपकरणों के सनराइज सेक्टर 'मेडटेक सेक्टर' के 2025 तक बाजार के आकार में मौजूदा 11 अरब डॉलर से बढ़कर 50 अरब डॉलर होने की संभावना है।