किसानों का कर्ज

  • 29 Mar 2022

केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा मार्च 2022 में राज्य सभा को दी गई जानकारी के अनुसार पिछले छ: वर्षों में किसानों की बकाया ऋण राशि में 53 फीसदी की वृद्धि हुई है।

(Image Source: https://indianexpress.com/)

महत्वपूर्ण तथ्य: 2015-16 के बाद से बकाया कृषि ऋण राशि में 53% की वृद्धि हुई।

  • 2020-21 में, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए बकाया कृषि ऋण 2015-16 में 12 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 18.4 लाख करोड़ से अधिक था।
  • ऐसे ऋण वाले किसानों के खातों की संख्या भी 6.9 करोड़ से बढ़कर 10 करोड़ से अधिक हो गई है।
  • आरबीआई से प्राप्त डेटा के अनुसार महाराष्ट्र में किसानों के कर्ज का बोझ सबसे अधिक है, जहां छ: साल की अवधि में बकाया राशि में 116% की वृद्धि हुई है।
  • महाराष्ट्र के किसानों पर कृषि ऋण के रूप में सबसे अधिक 5.5 लाख करोड़ रुपये बकाया है। संयोग से, राज्य में किसान आत्महत्याओं की संख्या लगातार सबसे अधिक है।
  • जिन अन्य राज्यों में किसानों के कर्ज के बोझ में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, उनमें ओडिशा (76%), तमिलनाडु (68%), आंध्र प्रदेश (65%) और गुजरात (64%) शामिल हैं।
  • केवल कुछ राज्यों ने इस प्रवृत्ति को कम किया है-कर्नाटक में 37% और पंजाब में 4.5% की मामूली गिरावट दर्ज की गई।

केंद्र द्वारा उठाए गए कदम: केंद्र ने पिछले छ: वर्षों में कोई ऋण माफी योजना लागू नहीं की है और न ही ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन है।

  • इसके बजाय, सरकार ने विभिन्न पहलें की है, जिनमें ब्याज सबवेंशन योजनाएं, छोटे किसानों के लिए संपार्श्विक मुक्त कृषि ऋण (collateral free agricultural loans) और आय सहायता और कृषि बीमा योजनाएं शामिल हैं।