लॉटरी पर टैक्स पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

  • 29 Mar 2022

सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च, 2022 को कहा कि एक राज्य विधायिका को अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर अन्य राज्यों द्वारा आयोजित लॉटरी पर कर लगाने का अधिकार है।

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महत्वपूर्ण तथ्य: जस्टिस एमआर शाह और बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि 'लॉटरी' एक "जुआ गतिविधि का प्रकार" है।

  • 'सट्टेबाजी और जुआ' संविधान की सातवीं अनुसूची में राज्य सूची का हिस्सा है। इसलिए कर लगाने की शक्ति उन सभी गतिविधियों पर है, जो लॉटरी सहित 'सट्टेबाजी और जुए' की प्रकृति के हैं।
  • चूंकि, इसमें कोई विवाद नहीं है कि लॉटरी, चाहे भारत सरकार या राज्य सरकार द्वारा आयोजित की जाती है, 'सट्टेबाजी और जुआ' है, इसलिए राज्य विधान सभाओं को राज्य सूची की प्रविष्टि 62 के तहत लॉटरी पर कर लगाने का अधिकार है।
  • यह फैसला कर्नाटक और केरल सरकारों द्वारा अपने संबंधित उच्च न्यायालयों के फैसलों के खिलाफ दायर अपीलों पर आया है, जिसमें केरल और कर्नाटक उच्च न्यायालयों ने माना था कि राज्य सरकारें अन्य पूर्वोत्तर राज्यों जैसे नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, सिक्किम द्वारा चलाई जाने वाली लॉटरी पर कर नहीं लगा सकती हैं और उन्हें पैसे वापस करने का आदेश दिया था।