सामयिक

आर्थिकी:

ओबीसी उद्यमी

देश में लगभग 30% सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के मालिक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उद्यमी हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य: 31 मार्च, 2022 तक, देश में कुल लगभग 80.16 लाख इकाइयों में से ओबीसी के स्वामित्व वाले एमएसएमई की संख्या 23.31 लाख इकाइयां थी।

  • एमएसएमई विकास आयुक्त के कार्यालय द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, ओबीसी के स्वामित्व वाली इकाइयों में से, लगभग 41% तीन राज्यों - तमिलनाडु (14.5%), महाराष्ट्र (14.4%) और राजस्थान (12.4%) में स्थित हैं।
  • डेटा उन इकाइयों के आधार पर संकलित किया गया है, जिन्होंने उद्यम पोर्टल के माध्यम से अधिकारियों के साथ खुद को पंजीकृत किया है।

निधि (संशोधन) नियम 2022

20 अप्रैल, 2022 को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने निधि कंपनियों (Nidhi companies) को नियंत्रित करने वाले निधि नियम, 2014 में संशोधन किया है, जिसके तहत कुछ संस्थाओं द्वारा जमा स्वीकार करना शुरू करने से पहले इसकी पूर्व घोषणा अनिवार्य होगी।

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महत्वपूर्ण तथ्य: अब, निधि के रूप में कार्य करने की इच्छुक सार्वजनिक कंपनियों को जमा स्वीकार करने से पहले केंद्र सरकार से पूर्व घोषणा प्राप्त करनी होगी।

  • एक निधि कंपनी, जो विशेष रूप से तमिलनाडु जैसे- दक्षिणी राज्यों में लोकप्रिय है, एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी है।
  • निधि कंपनियों का मुख्य व्यवसाय उधार लेना और अपने सदस्यों के बीच पैसा उधार देना है।
  • इसके अलावा दस लाख रुपए की शेयर पूंजी के साथ निधि कंपनी के रूप में गठित फर्म को खुद को ‘निधि’ घोषित करने के लिए न्यूनतम 200 की सदस्यता के साथ एनडीएच-4 फॉर्म के जरिये आवेदन करना होगा।
  • ऐसी कंपनियों का 'शुद्ध स्वामित्व वाला कोष' (Net Owned Fund) गठन के 120 दिन के अंदर 20 लाख रुपये होना चाहिए।
  • समय पर निपटान के लिए संशोधित नियमों में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि एनडीएच-4 फॉर्म में कंपनियों द्वारा आवेदन प्राप्त होने के 45 दिनों के भीतर केंद्र सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं दिया जाता है, तो मंजूरी को स्वीकृत माना जाएगा। यह उन कंपनियों पर लागू होगा जो निधि (संशोधन) नियम, 2022 के बाद निगमित होंगी।

भारत ने किया 'अत्यधिक गरीबी' को समाप्त: आईएमएफ शोध पत्र

5 अप्रैल, 2022 को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा 'पेंडामिक पॉवर्टी एंड इनइक्वालिटी: एविडेंस फ्रॉम इंडिया' (Pandemic, Poverty, and Inequality: Evidence from India) शीर्षक से एक नया शोध पत्र जारी किया गया।

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महत्वपूर्ण तथ्य: शोध पत्र के अनुसार महामारी से पहले के साल यानी 2019 में भारत में अत्यधिक गरीबी 0.8 फीसदी तक कम हो गई थी।

  • उसके बाद खाद्य-हस्तांतरण जैसी योजना ने यह सुनिश्चित करने में महती भूमिका निभाई कि यह दर महामारी वाले साल यानी 2020 में भी उसी स्तर पर बनी रहे।
  • विश्व बैंक द्वारा अत्यधिक गरीबी को 2011 की क्रय शक्ति समता (purchasing power parity) शर्तों के अनुसार प्रतिदिन 1.9 डॉलर से कम जीवनयापन करने वाले लोगों के हिस्से के रूप में परिभाषित किया गया है।
  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेवाई) के कारण 2020 में भारत में अत्यधिक गरीबी 1 फीसदी से कम पर बनी रही।
  • शोध पत्र का तर्क है कि खाद्य सब्सिडी डेटा को शामिल करने से यह निष्कर्ष निकालने में मदद मिली है कि 'आधिकारिक गरीबी रेखा' को 865 रुपए प्रति व्यक्ति प्रति माह से 2250 रुपए प्रति व्यक्ति प्रति माह (PPP $1.9 to $3.2) किया जाना चाहिए।
  • सुरजीत भल्ला (कार्यकारी निदेशक आईएमएफ इंडिया), अरविंद विरमानी (संस्थापक अध्यक्ष, ईग्रो) और अमेरिका स्थित शोधकर्ता करण भसीन द्वारा यह शोध पत्र तैयार किया गया है।

भारत में कोयले की कमी

19 अप्रैल, 2022 के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत में 100 से अधिक ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले का स्टॉक महत्वपूर्ण आवश्यक स्टॉक से 25% नीचे गिर गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य: 50 से अधिक ताप विद्युत संयंत्रों में, स्टॉक 10% से नीचे गिर गया है, जिससे राज्यों को भारत के एकमात्र कोयला उत्पादक कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) से अतिरिक्त कोयले की आपूर्ति की मांग करनी पड़ी है।

  • भारत की 70% बिजली की मांग ताप विद्युत संयंत्रों द्वारा पूरी की जाती है, जो ज्यादातर कोयले से संचालित होते हैं।

कोयले की कमी का कारण: कोयले की कमी का सबसे बड़ा कारण बिजली की बढ़ती मांग है। बिजली की मांग 2019 में 106.6 बिलयन यूनिट प्रति माह से 2021 में बढ़कर 124.2 बिलयन यूनिट प्रति माह हो गई थी, जो अब 2022 में, बढ़कर 132 बिलयन यूनिट प्रति माह हो गई।

  • 2021 में केंद्र का कहना था कि गुजरात, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और तमिलनाडु जैसे कोयला खनन क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण कोयला उत्पादन कम हुआ है।
  • इसके अलावा केंद्र ने कहा कि आयातित कोयले से बिजली उत्पादन में 43.6% की कमी आई है, जिससे 17.4 मीट्रिक टन घरेलू कोयले की अतिरिक्त मांग हुई, जिससे कोयला भंडार और कम हो गया।
  • 'फिच' के अनुसार, अप्रैल 2022 में भारत में 'दैनिक बिजली की कमी' (daily electricity deficit) 0.3% से बढ़कर 1% हो गई है।

तमिलनाडु में सीवीड पार्क

केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन ने 16 अप्रैल, 2022 को कहा कि देश में पहली बार मछुआरों की आजीविका में सुधार के लिए तमिलनाडु में एक सीवीड पार्क (Seaweed park) स्थापित किया जाएगा।

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महत्वपूर्ण तथ्य: डॉ. मुरुगन ने कहा कि तमिलनाडु सरकार से सीवीड की खेती के लिए एक विशेष आर्थिक क्षेत्र के लिए अलग जगह चिन्हित करने का अनुरोध किया गया है।

  • राज्य सरकार द्वारा स्थल का चयन करने के बाद इस पर काम शुरू होगा।
  • रामेश्वरम और मंडपम क्षेत्रों में मछली के स्टॉक को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत समुद्र में गुणवत्ता वाली फिश फ्राई बढ़ाने की एक परियोजना लागू की जाएगी।
  • तमिलनाडु में कोल्ड स्टोरेज, मछली प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना और गहरे समुद्र में जल कृषि जैसी मत्स्य परियोजनाओं के लिए 20,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
  • मछली पकड़ने पर प्रतिबंध अवधि के दौरान केंद्र सरकार की ओर से राहत सहायता के रूप में 1,500 रुपए प्रदान किए जाएंगे और मछुआरों के लिए एक समूह बीमा योजना लागू की जाएगी।
  • 'सीवीड' समुद्री पौधों और शैवाल की अनगिनत प्रजातियों का सामान्य नाम है, जो समुद्र के साथ-साथ नदियों, झीलों और अन्य जल निकायों में उगते हैं।

भारत में ग्रामीण मंहगाई दर

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा 12, अप्रैल 2022 को जारी अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अनंतिम आकड़ों के अनुसार मार्च 2022 में ग्रामीण महंगाई दर 7.66% रही।

महत्वपूर्ण तथ्य: इसमें कई राज्यों ने संयुक्त (ग्रामीण + शहरी) रूप से उच्च मंहगाई दर दर्ज की है। पश्चिम बंगाल में 8.85%, उत्तर प्रदेश और असम में 8.19% और मध्य प्रदेश में 7.89% महंगाई दर रही।

  • 2021 में दो माह को छोड़कर अधिकांशत: शहरी मंहगाई दर आमतौर पर ग्रामीण मंहगाई दर की तुलना में लगभग 0.8% के औसत से अधिक रही है।
  • अगस्त 2021 में दोनों ग्रामीण मंहगाई दर और शहरी मंहगाई दर 5.3% रही, जबकि मई 2021 में ग्रामीण मंहगाई दर 6.6% और शहरी मंहगाई दर 5.9% थी।
  • मार्च 2022 में, दोनों के बीच का अंतर 1.5% से अधिक हो गया है। शहरी मंहगाई दर 6.12% और ग्रामीण मंहगाई दर 7.66% हो गई है।
  • खाद्य मुद्रास्फीति मार्च में हेडलाइन मुद्रास्फीति दर उछाल के लिए प्रमुख चालक थी। समग्र उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक फरवरी2022 में 5.85% से बढ़कर 7.68% तक हो गया है, ग्रामीण भारत में उछाल कहीं अधिक था, जहां खाद्य मुद्रास्फीति 8.04% थी।
  • उच्च मुद्रास्फीति सामान्य रूप से गरीबों को सबसे अधिक प्रभावित करती है। खाद्य पदार्थों में मूल्य वृद्धि, जो कि उपभोग का सबसे बड़ा घटक है, वर्तमान उछाल के पीछे का मुख्य कारक है।

चालू वित्त वर्ष में भारत की 8% वृद्धि दर का अनुमान: विश्व बैंक

विश्व बैंक ने 13 अप्रैल, 2022 को अपनी 'साउथ एशिया इकोनॉमिक फोकस स्प्रिंग 2022' (South Asia Economic Focus spring 2022) रिपोर्ट जारी की।

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महत्वपूर्ण तथ्य: इस रिपोर्ट का शीर्षक 'साउथ एशिया इकोनॉमिक फोकस रिशेपिंग नॉर्म्स: ए न्यू वे फॉरवर्ड' (South Asia Economic Focus Reshaping Norms: A New Way Forward) है।

  • विश्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद के पूर्वानुमान को 8.7% से घटाकर 8% कर दिया है।
  • विश्व बैंक ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण आपूर्ति की बाधाओं और बढ़ते मुद्रास्फीति जोखिमों का हवाला देते हुए भारत की जीडीपी का अनुमान घटाया है।
  • वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी के 7.1% की दर से बढ़ने का अनुमान है।
  • भारत में, श्रम बाजार के अपूर्ण सुधार और मुद्रास्फीति के दबाव के कारण घरेलू उपभोग बाधित होगा।
  • दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए, विकास दर 2022 में 6.6% और अगले वित्त वर्ष में 6.3% होने का अनुमान है।
  • यूक्रेन पर रूस के युद्ध से दक्षिण एशिया क्षेत्र, जो पहले से ही 'असमान और कमजोर' विकास दर और वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी से जूझ रहा है, आपूर्ति में बाधाओं और वित्तीय क्षेत्र की कमजोरियों का अनुभव कर रहा है।
  • हरित करों (green taxes) की शुरूआत दक्षिण एशिया क्षेत्र में सरकारी राजस्व का एक नया स्रोत होगी।

राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक

नीति आयोग द्वारा 11 अप्रैल, 2022 को राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक-राउंड I का शुभारंभ किया गया।

(Image Source: https://pib.gov.in/)

सूचकांक के उद्देश्य: ऊर्जा पहुंच, ऊर्जा खपत, ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण की सुरक्षा में सुधार के प्रयासों के आधार पर राज्यों की रैंकिंग;

  • राज्य स्तर पर सस्ती, सुलभ, कुशल और स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद करना;
  • ऊर्जा और जलवायु के विभिन्न आयामों पर राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना।

महत्वपूर्ण तथ्य: राज्यों को आकार और भौगोलिक अंतर के आधार पर बड़े राज्यों, छोटे राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

  • राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को संदर्भ वर्ष (2019-20) के आधार पर तीन समूहों में वर्गीकृत किया गया है- फ्रंट रनर (समग्र स्कोर 46 से अधिक), अचीवर्स (समग्र स्कोर 36 से 46 के बीच) और एस्पिरेंट्स (समग्र स्कोर 36 से कम)।
  • गुजरात, केरल और पंजाब को बड़े राज्यों की श्रेणी में शीर्ष तीन प्रदर्शनकर्ताओं के रूप में स्थान दिया गया है।
  • गोवा, छोटे राज्यों की श्रेणी में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में उभरा, इसके बाद त्रिपुरा और मणिपुर का स्थान है।
  • केंद्र-शासित प्रदेशों में, चंडीगढ़, दिल्ली और दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली शीर्ष प्रदर्शनकर्ता हैं।
  • राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक राउंड I राज्यों के प्रदर्शन को 6 मापदंडों पर रैंक करता है। ये मापदंड हैं- (1) डिस्कॉम का प्रदर्शन (2) ऊर्जा की पहुंच, वहनीयता और विश्वसनीयता (3) स्वच्छ ऊर्जा पहल (4) ऊर्जा दक्षता (5) पर्यावरणीय स्थिरता; और (6) नई पहल।

दक्षिण-मध्य रेलवे ने लॉन्च की 'एक स्टेशन एक उत्पाद' पहल

दक्षिण-मध्य रेलवे ने अप्रैल 2022 में अपने सभी छ: मंडलों के छ: प्रमुख स्टेशनों पर 'एक स्टेशन एक उत्पाद' (One station One Product) पहल शुरू की है।

(Image Source: https://twitter.com/SCRailwayIndia/)

  • उद्देश्य: रेलवे स्टेशनों को स्थानीय उत्पादों के लिए बिक्री और प्रचार केंद्र के रूप में बदलना।
  • महत्वपूर्ण तथ्य: तिरुपति स्टेशन पर पायलट परियोजना के बाद, अब इसे पहली बार सिकंदराबाद, काचीगुडा, विजयवाड़ा, गुंटूर और औरंगाबाद स्टेशनों पर लॉन्च किया गया है।
  • यह पहल अभी दो चरणों में 30 दिनों के लिए लागू की जा रही है- 9 अप्रैल से 7 मई, 2022 तक।
  • केंद्रीय बजट 2022-23 में 'एक स्टेशन एक उत्पाद' अवधारणा की घोषणा की गई थी। इसके तहत, ऐसे रेलवे स्टेशनों, जिनमें भारी संख्या में लोग आते हैं, को स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विपणन चैनलों के रूप में बदलने की परिकल्पना की गई है।
  • इन 6 स्टेशनों पर प्रचार/बिक्री के लिए पहचाने गए उत्पाद हैं-
    1. सिकंदराबाद: हैदराबादी ताजे पानी के मोती के आभूषण और हैदराबादी चूड़ियाँ;
    2. काचीगुडा: पोचमपल्ली हथकरघा और वस्त्र;
    3. विजयवाड़ा: कोंडापल्ली खिलौने और हस्तशिल्प;
    4. गुंटूर: तेनाली हथकरघा वस्त्र और मंगलागिरी साड़ी, जूट और केले के रेशे के उत्पाद;
    5. तिरुपति: कलमकारी, हस्तशिल्प और लकड़ी की नक्काशी;
    6. औरंगाबाद: पैठानी साड़ी और हिमरू शॉल।
  • दक्षिण मध्य रेलवे: इसका का गठन 2 अक्टूबर, 1966 को हुआ था। वर्तमान में इसमें 6 मंडल हैं- सिकंदराबाद, हैदराबाद, विजयवाड़ा, गुंतकल, गुंटूर और नांदेड़।
  • दक्षिण मध्य रेलवे मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र राज्यों और सीमित रूप से, कर्नाटक, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश राज्यों के कुछ हिस्सों में कार्य करता है।
  • दक्षिण मध्य रेलवे का मुख्यालय सिकंदराबाद (तेलंगाना) है।

एटीएम से कार्ड रहित नकद निकासी की सुविधा

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अप्रैल 2022 में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) का उपयोग करके सभी बैंकों और एटीएम नेटवर्क पर कार्ड-रहित नकद निकासी की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया है।

(Image Source: https://www.livemint.com/)

  • महत्वपूर्ण तथ्य: लेन-देन में आसानी को बढ़ाने के अलावा, ऐसे लेनदेन के लिए भौतिक कार्ड की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे कार्ड स्किमिंग (card skimming) और कार्ड क्लोनिंग (card cloning) जैसे धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी।
  • मौजूदा समय में एटीएम से कार्ड रहित नकद निकासी की सुविधा कुछ ही बैंकों तक सीमित है।
  • कार्ड रहित नकद निकासी के माध्यम से कोई भी वैध मोबाइल फोन नंबर की मदद से भारत में किसी को भी बैंक खाते से धनराशि भेज सकता है।
  • भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) के माध्यम से बिल भुगतान की अधिक पहुंच को और अधिक सुगम बनाने के लिए, और बीबीपीएस में अधिक संख्या में गैर-बैंक भारत बिल भुगतान परिचालन इकाइयों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए, इस तरह की इकाइयों के नेट वर्थ (net worth) आवश्यकता को 100 करोड़ रुपए से घटाकर 25 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव भी किया गया है।
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