नामदा शिल्प

  • 02 Dec 2021

केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने 27 नवंबर, 2021 को दो परियोजनाओं का शुभारंभ किया-(i) प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) 3.0 के अंतर्गत एक विशेष पायलट परियोजना के रूप में कश्मीर के नामदा शिल्प का पुनरुद्धार और (ii) पीएमकेवीवाई के घटक, पूर्व शिक्षा मान्यता (Recognition of Prior Learning: RPL) के अंतर्गत कश्मीर के कारीगरों और बुनकरों का कौशल विकास।

महत्वपूर्ण तथ्य: इन परियोजनाओं का उद्देश्य कश्मीर के पारंपरिक ‘नामदा शिल्प’ को बढ़ावा देना और संरक्षित करना और स्थानीय बुनकरों और कारीगरों को RPL मूल्यांकन और प्रमाणन के माध्यम से उनकी उत्पादकता को बढ़ाने के लिए समर्थन करना है।

  • कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने इस लुप्तप्राय शिल्प को संरक्षित करने के लिए अल्पकालिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किया है।
  • नामदा परियोजना से कश्मीर के 6 जिलों (श्रीनगर, बारामुला, गांदरबल, बांदीपोरा, बडगाम और अनंतनाग) के 30 नामदा क्लस्टरों के 2,250 लोगों को लाभ प्राप्त होगा।
  • RPL पहल का लक्ष्य जम्मू-कश्मीर के 10,900 कारीगरों और बुनकरों का कौशल विकास करना होगा।

नामदा शिल्प सामान्य बुनाई प्रक्रिया के बदले भेड़ के ऊन से बना हुआ एक गलीचा (rug) है। कच्चे माल की उपलब्धता में कमी, कुशल जनशक्ति और विपणन तकनीकों के अभाव के कारण 1998 और 2008 के बीच इस शिल्प के निर्यात में लगभग 100 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी।