सामयिक - 21 November 2022

पीआईबी न्यूज आर्थिक

एमएसएमई वृद्धि और विकास पर राष्ट्रीय संगोष्ठी


20 नवम्बर, 2022 को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने मणिपुर के इंफाल में एमएसएमई की वृद्धि व विकास पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया है, जिसे केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे ने संबोधित किया|

उद्देश्य- एमएसएमई क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं और नीतियों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करना।

महत्वपूर्ण तथ्य-

  • मंत्रालय के अनुसार, भारत सरकार और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों के कारण मणिपुर आसियान के प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में सामने आएगा।
  • इस अवसर पर एमएसएमई मंत्रालय ने मणिपुर सरकार के वस्त्र, वाणिज्य, उद्योग और पर्यटन विभाग व व्यापार प्राप्य छूट प्रणाली (ट्रेड्स) के तीन मंचों – इनवॉइसमार्ट, एम1एक्सचेंज और आरएक्सआईएल के साथ एमएसएमई के प्रदर्शन को बढ़ाने व इसे गति प्रदान करने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

पीआईबी न्यूज आर्थिक

ईपीएफओ कुल वेतन भुगतान आंकड़े: सितम्‍बर, 2022


20 नवम्बर, 2022 को ईपीएफओ के जारी अस्थायी कुल वेतन भुगतान आंकड़ों के अनुसार, ईपीएफओ ने सितम्बर, 2022 के महीने में 16.82 लाख सदस्य जोड़े हैं; जिनमें 9.34 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के दायरे में आए।

महत्वपूर्ण तथ्य-

  • कुल वेतन भुगतान सितम्बर, 2022 में पिछले वर्ष 2021 में इसी महीने की तुलना में 9.14% सदस्यता वृद्धि दर्शाती है।
  • वास्तविक नामांकन पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान दर्ज मासिक औसत से 21.85% अधिक है।
  • आंकड़ों के अनुसार, लगभग 2,861 नए प्रतिष्ठानों ने कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान कानून, 1952 के तहत अपने कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनुपालन शुरू किया है।
  • कुल वेतन भुगतान आंकड़ों के लिंग-वार विश्लेषण से संकेत मिलता है कि सितम्बर, 2022 में महिला सदस्यों का नामांकन 3.50 लाख रहा है।
  • सितम्बर 2022 में संगठित कार्यबल में महिलाओं की सदस्यता में पिछले वर्ष सितम्बर 2021 की तुलना में 6.98 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • ईपीएफओ में शामिल होने वाले कुल नए सदस्यों में महिला कार्यबल का नामांकन 26.36 प्रतिशत दर्ज किया गया है।

GK फैक्ट

  • ईपीएफओ- यह भारत का एक प्रमुख संगठन है, जो कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान कानून, 1952 के तहत संगठित क्षेत्र के कार्यबल को सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है।
  • यह अपने सदस्यों को भविष्य निधि, उनकी सेवानिवृत्ति पर पेंशन लाभ, परिवारिक पेंशन और सदस्य की असामयिक मृत्यु के मामले में उसके परिवार को बीमा लाभ जैसी अनेक सेवाएं देता है।

पीआईबी न्यूज राष्ट्रीय

21वीं वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ अकाउंटेंट्स-2022


18-21 नवंबर, 2022 को 21वीं वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ अकाउंटेंट्स-2022 का आयोजन ‘चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया' (Chartered Accountants of India) द्वारा मुंबई में आयोजित की गई।

थीम-'बिल्डिंग ट्रस्ट इनेबलिंग सस्टेनेबिलिटी' |

महत्वपूर्ण तथ्य-

  • लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 21वीं वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ अकाउंटेंट्स को संबोधित किया और चार्टर्ड अकाउंटेंट को "नई आर्थिक व्यवस्था के संत" के रूप में वर्णित किया।
  • वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ अकाउंटेंट्स , कांग्रेस के इतिहास में इसे पहली बार हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया है।

GK फैक्ट

  • इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की स्थापना 1 जुलाई, 1949 को की गई थी।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है|
  • यह विश्व में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के क्षेत्र में अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट्स (एआईसीपीए) के बाद दूसरा सबसे बड़ा पेशेवर निकाय है।
  • यह कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है।

पीआईबी न्यूज राष्ट्रीय

क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान


20 नवंबर, 2022 को केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने असम के सिलचर में ‘क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान’ (Regional Unani Medical Research Institute) के अत्याधुनिक परिसर का उद्घाटन किया।

उद्देश्य- विभिन्न रोगों से ग्रस्त रोगियों को यूनानी उपचार प्रदान करना तथा रोगियों के स्वभाव का आकलन करना|

महत्वपूर्ण तथ्य-

  • इस परिसर का विकास भारत सरकार के उद्यम- ‘राष्ट्रीय परियोजना निर्माण निगम’ (National Project Construction Corporation) द्वारा किया गया है।
  • यह संस्थान आयुष चिकित्सा प्रणालियों में से एक परंपरागत यूनानी चिकित्सा के बारे में पूर्वोत्तर में स्थापित पहला केंद्र है।
  • इसे भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन ‘केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद’ को सौंपा गया है।
  • यूनानी चिकित्सा में अनुसंधान के लिए यह शीर्ष सरकारी संगठन है। यह यूनानी चिकित्सा के विभिन्न मौलिक और व्यावहारिक पहलुओं पर उन बीमारियों के बारे में जो उत्तर-पूर्व और विशेष रूप से असम में प्रचलित हैं। यह वैज्ञानिक अनुसंधान करने के साथ-साथ रोगी की देखभाल सेवाओं की विस्तृत श्रृंखला प्रदान करेगा।
  • यह केंद्र कार्डियक, पल्मोनरी, स्ट्रोक, कैंसर और मधुमेह जैसे गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के रोगियों की जांच के लिए भी पूरी तरह सक्षम है।

पीआईबी न्यूज राष्ट्रीय

भारत का पहला राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र


केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हरित पत्तन और पोत परिवहन के लिए मुंबई में आयोजित "इनमार्को 2022" में भारत के पहले ‘राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र’ (National Center of Excellence) की घोषणा की।

उद्देश्य- भारत में कार्बन उदासीनता और वित्तीय अर्थव्यवस्था (सीई) को बढ़ावा देना तथा पत्तन और पोत परिवहन को ज्यादा से ज्यादा पर्यावरण अनुकूल बनाना है।

महत्वपूर्ण तथ्य-

  • यह केंद्र पोत और पोत परिवहन क्षेत्र का समर्थन करने के लिए कई तकनीकी उपायों का उपयोग करेगा और वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से उद्योग में आने वाली विभिन्न समस्याओं का समाधान करेगा।
  • यह स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समुद्री परिवहन में मूल्यवान शिक्षा, अनुप्रयुक्त अनुसंधान और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भी करेगा।

यह केंद्र 5 व्यापक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा-

  • नीति, नियामक और अनुसंधान,
  • मानव संसाधन विकास,
  • नेटवर्क- प्रमुख भागीदार और रणनीतिक सहयोगी,
  • अन्वेषण- कार्य का क्षेत्र, परिणाम, परियोजनाएं और संसाधन,
  • संलग्न- कार्य का क्षेत्र, परिणाम, परियोजनाएं और संसाधन।

संसद प्रश्न और उत्तर

ई-अपशिष्ट हेतु पुनर्चक्रण इकाइयां


प्रश्न: आरम्भ से लेकर अब तक देश में ई-अपशिष्ट के निपटान के लिए पंजीकृत अपशिष्ट प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण इकाइयों की राज्य-वार और वर्ष-वार संख्या कितनी है; और कुल कितनी मात्रा में अपशिष्ट उत्पन्न हुआ है और इन विनियमित अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाइयों के माध्यम से कितने प्रतिशत ई-अपशिष्ट का निपटान किया गया है?

उत्तर: वर्तमान में 22 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में ई-अपशिष्ट के विघटनकर्ताओं/पुर्चक्रणकर्ताओं की संख्या 472 है। इन अधिकृत विघटनकर्ताओं/पुनर्चक्रणकर्ताओं की वार्षिक प्रसंस्करण क्षमता 14,26,685.22 टन है।

  • विगत तीन वर्षों के दौरान ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 के तहत अधिसूचित 21 प्रकार के इलेक्ट्रिकल और इलेकट्रॉनिक्स उपकरणों (ईईई) से देश में उत्सर्जित तथा उत्सर्जन के संबंध में संसाधित ई-अपशिष्ट की प्रतिशतता की जानकारी सहित संसाधित ई-अपशिष्ट का विवरण नीचे दिया गया हैः

वित वर्ष

उत्सर्जन (टन में)

संसाधित (टन में)

संसाधित (विघटित और पुनर्चक्रित किए हुए) %

2017-18

7,08445.00

69,413.619

9.798%

2018-19

7,71,215.00

1,64,663.00

21.35%

2019-20

10,14,961.21

2,22,436.34

22.07%

ई-अपशिष्ट प्रबंधन के लिए मसौदा अधिसूचना

  • केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा मई 2022 में 'इलेक्ट्रॉनिक कचरा प्रबंधन के लिए मसौदा अधिसूचना' (Draft Notification for Electronic Waste Management) जारी की गई थी।
  • मसौदा अधिसूचना में लैपटॉप, लैंडलाइन और मोबाइल फोन, कैमरा, रिकॉर्डर, म्यूजिक सिस्टम, माइक्रोवेव, रेफ्रिजरेटर और चिकित्सा उपकरण सहित इलेक्ट्रॉनिक सामानों की एक विस्तृत शृंखला का उल्लेख किया गया है।
  • इसके अनुसार, सभी संबंधित कंपनियों को एक ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा और समय-समय पर अपने वार्षिक उत्पादन और ई-अपशिष्ट संग्रह लक्ष्य को निर्दिष्ट करना होगा।
  • अपने वार्षिक लक्ष्यों को पूरा करने में असफल रहने वाली कंपनियों को ‘पर्यावरण मुआवजे’ (Environmental Compensation) के रूप में जुर्माना भरना होगा।
  • नवीन नियमों के तहत लक्ष्यों को निर्दिष्ट करने के साथ कंपनियों के लिए ‘विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व’ (Extended Producer Responsibility-ERP) प्रमाण-पत्र हासिल करने की एक व्यवस्था निर्मित की गई है।
  • ये प्रमाण-पत्र किसी कंपनी द्वारा किसी विशेष वर्ष में एकत्रित और पुनर्नवीनीकरण किए गए ई-कचरे की मात्रा को प्रमाणित करते हैं।

दैनिक समसामयिकी

पुराने करंट अफेयर्स देखने के लिए, कृपया नीचे तिथि चुनें