विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति से संबंधित विधेयक

  • 02 May 2022

तमिलनाडु विधान सभा ने 25 अप्रैल, 2022 को दो विधेयक पारित किए, जो राज्य सरकार को 13 राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति में राज्यपाल की शक्ति को स्थानांतरित करने का प्रावधान करते हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य: मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल द्वारा कुलपतियों की नियुक्तियों में राज्य सरकार की राय की अवहेलना के बाद इन विधेयकों को लाया गया है।

  • ज्ञात हो कि इससे पूर्व में महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने भी राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालयों के कुलपति की नियुक्ति के संबंध में समान प्रावधान किये हैं।

विधेयकों की विशेषताएं: कुलपति की हर नियुक्ति सरकार द्वारा एक 'खोज-सह-चयन समिति' द्वारा अनुशंसित तीन नामों के पैनल के माध्यम से की जाएगी।

  • वर्तमान में, राज्यपाल, राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति कि हैसियत से, शॉर्टलिस्ट किए गए नामों में से किसी एक को कुलपति नियुक्त करने की शक्ति रखते हैं।
  • विधेयकों में राज्य सरकार को जरूरत पड़ने पर कुलपतियों को हटाने पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार देने का भी प्रयास किया गया है।
  • उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश या कम से कम मुख्य सचिव के रूप में सेवा करने वाले नौकरशाह द्वारा जांच के आधार पर कुलपतियों को हटाया जा सकेगा।

अन्य तथ्य: शिक्षा समवर्ती सूची के अंतर्गत आती है, लेकिन संघ सूची की प्रविष्टि 66 - "उच्च शिक्षा या अनुसंधान और वैज्ञानिक एवं तकनीकी संस्थानों में मानकों का समन्वय और निर्धारण" केंद्र को उच्च शिक्षा पर पर्याप्त अधिकार देती है।