सामयिक
पुरस्कार/सम्मान:
वर्ष 2022 के लिए 57वां ज्ञानपीठ पुरस्कार
प्रसिद्ध कोंकणी लेखक दामोदर मौउजो को वर्ष 2022 के 57वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
(Image Source: https://timesofindia.indiatimes.com/)
- 77 वर्षीय दामोदर मौउजो गोवा के उपन्यासकार, कथाकार, आलोचक और निबन्धकार हैं।
- वह अपने उपन्यासों जैसे 'कार्मेलिन', और 'सुनामी साइमन', और लघु कथाएँ, जैसे 'टेरेसाज मैन एंड अदर स्टोरीज फ्रॉम गोवा' (Teresa’s Man and Other Stories from Goa) के लिए प्रसिद्ध हैं।
- उनका लघु कथाओं का पहला संग्रह 1971 में प्रकाशित 'गैंथन' था।
- उन्होंने अपने उपन्यास ‘कार्मेलिन’ के लिए 1983 में ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ जीता था।
- दामोदर मौउजो ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाले दूसरे कोंकणी लेखक हैं। इनसे पूर्व 2006 में कोंकणी भाषा में पहला पुरस्कार ‘रवींद्र केलेकर’ को दिया गया था।
भारतीय गणितज्ञ नीना गुप्ता ने जीता रामानुजन पुरस्कार 2021
10 दिसंबर, 2021 को कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान की गणितज्ञ ‘प्रोफेसर नीना गुप्ता’ को 'एफाइन बीजगणितीय ज्यामिति' (Aaffine algebraic geometry) और 'क्रमविनिमेय बीजगणित' (commutative algebra) में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए विकासशील देशों के युवा गणितज्ञों का 'डीएसटी-आईसीटीपी-आईएमयू रामानुजन पुरस्कार 2021' ( DST-ICTP-IMU Ramanujan Prize 2021) से सम्मानित किया गया है।
(Image Source: https://newsonair.com/)
- प्रोफेसर गुप्ता रामानुजन पुरस्कार प्राप्त करने वाली तीसरी महिला हैं। पहली बार 2005 में यह पुरस्कार प्रदान किया गया था।
- भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) और अंतरराष्ट्रीय गणितीय संघ (IMU) के साथ अब्दुस सलाम इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल फिजिक्स (ICTP) द्वारा यह पुरस्कार संयुक्त रूप से प्रदान किया जाता है।
- रामानुजन पुरस्कार हर साल एक प्रख्यात गणितज्ञ को दिया जाता है, जिनकी उम्र पुरस्कार दिए जाने वाले वर्ष के 31 दिसंबर को 45 वर्ष से कम हो और जिन्होंने विकासशील देशों में उत्कृष्ट शोध कार्य किया है।
- पुरस्कार ICTP, ट्राइस्टे द्वारा संचालित और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित है।
- नीना गुप्ता को 2019 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए 'शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।
- 2014 में, उन्हें बीजगणितीय ज्यामिति में एक मूलभूत सवाल 'जारिस्की कैंसलेशन प्रॉब्लम' (Zariski cancellation problem) के समाधान के उनके संस्करण के लिए भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के 'युवा वैज्ञानिक पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया था।
बालकृष्ण दोषी रॉयल गोल्ड मेडल 2022 से सम्मानित
- भारत के वास्तुविद बालकृष्ण दोषी को 10 दिसंबर, 2021 को 'रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट्स' (Royal Institute of British Architects: RIBA) द्वारा रॉयल गोल्ड मेडल 2022 से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई।
(Image Source: https://twitter.com/mygovindia/)
- रॉयल गोल्ड मेडल वास्तुकला के लिए दुनिया का सर्वोच्च सम्मान है।
- 94 वर्षीय दोषी को उनके सात दशकों के करियर के लिए पूरे भारत में 100 से अधिक निर्मित परियोजनाओं के लिए जाना जाता है।
- आजीवन किए गए काम को मान्यता देने वाले रॉयल गोल्ड मेडल को व्यक्तिगत रूप से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा अनुमोदित किया जाता है और इसे ऐसे व्यक्ति या लोगों को दिया जाता है, जिनका वास्तुकला की उन्नति पर महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है।
- उन्हें यह पुरस्कार 2022 में एक विशेष समारोह में प्रदान किया जाएगा।
- ली कर्बजियर के साथ पेरिस में वरिष्ठ डिजाइनर (1951- 54) के रूप में चार साल और अहमदाबाद में परियोजनाओं की निगरानी के लिए भारत में चार और साल काम करने से पहले बालकृष्ण दोषी ने जे.जे. स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, बॉम्बे से अध्ययन किया।
- उन्होंने लुईस खान के साथ भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद के निर्माण के लिए एक सहयोगी के रूप में काम किया।
- दोषी 2018 में प्रित्जकर पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय वास्तुकार थे।
इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर अवॉर्ड 2021
अनुभवी अभिनेत्री हेमा मालिनी और प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी को गोवा में 52वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में 'इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर अवॉर्ड 2021' (Indian Film Personality of the Year Award for 2021) से सम्मानित किया गया।
(Image Source: https://twitter.com/IFFIGoa)
- 52वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन 20 से 28 नवंबर, 2021 तक गोवा में किया गया।
- हेमा मालिनी: 16 अक्टूबर, 1948 को तमिलनाडु के अम्मानकुडी में जन्मी हेमा मालिनी एक भारतीय अभिनेत्री, लेखिका, निर्देशक, निर्माता, नर्तकी और राजनीतिज्ञ हैं।
- उन्होंने 1963 में तमिल फिल्म 'इधु साथियाम' से अभिनय की शुरुआत की और बाद में 1968 में सपनों का सौदागर की मुख्य अभिनेत्री के रूप में हिंदी सिनेमा में प्रवेश किया।
- वे वर्तमान में मथुरा, उत्तर प्रदेश से लोक सभा सदस्य हैं।
- प्रशिक्षित भरतनाट्यम नर्तकी हेमामालिनी को 2000 में भारत सरकार द्वारा 'पद्म श्री' से सम्मानित किया गया था।
- प्रसून जोशी: केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून एक कवि, लेखक, गीतकार, पटकथा लेखक और संचार विशेषज्ञ एवं विज्ञापन गुरु हैं।
- उन्होंने 17 साल की उम्र में गद्य और कविता की अपनी पहली पुस्तक प्रकाशित की।
- जोशी ने 2001 में राजकुमार संतोषी की लज्जा के साथ एक गीतकार के रूप में भारतीय सिनेमा में प्रवेश किया।
- तारे जमीन पर (2007) और चटगांव (2013) में उनकी उत्कृष्ट कृति के लिए उन्हें दो बार ‘सर्वश्रेष्ठ गीत के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है।
- वर्ष 2015 में, उन्हें कला, साहित्य और विज्ञापन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 'पद्म श्री' से सम्मानित किया गया।
- वे अंतरराष्ट्रीय कान लॉयन टाइटेनियम पुरस्कारों की अध्यक्षता करने वाले प्रथम एशियाई हस्ती थे। उन्हें विश्व आर्थिक फोरम द्वारा ‘यंग ग्लोबल लीडर’ के रूप में भी नामित किया गया था।
पद्म पुरस्कार 2020
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने 8 नवंबर, 2021 को पद्म पुरस्कार 2020 प्रदान किए।
- वर्ष 2020 में राष्ट्रपति ने 4 जोड़ी पुरस्कार सहित 141 पद्म पुरस्कार प्रदान किए।
- इस सूची में 7 पद्म विभूषण, 16 पद्म भूषण और 118 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं।
- पुरस्कार पाने वालों में 34 महिलाएं, विदेशियों या एनआरआई / पीआईओ / ओसीआई की श्रेणी के 18 व्यक्ति तथा 12 मरणोपरांत पुरस्कार विजेता शामिल हैं।
1)पद्म विभूषण
- जन सेवा: जॉर्ज फर्नांडीस (मरणोपरांत) (बिहार), अरुण जेटली (मरणोपरांत) (दिल्ली), अनिरुद्ध जगन्नाथ (मॉरीशस) तथा सुषमा स्वराज (मरणोपरांत) (दिल्ली)।
- कला: छन्नूलाल मिश्र (उत्तर प्रदेश)
- खेल: एम. सी. मैरी कॉम (मणिपुर)
- अन्य: विश्वेशतीर्थ स्वामीजी (मरणोपरांत) (अध्यात्म- कर्नाटक)
2)पद्म भूषण
- जन सेवा: सैयद मुअज्जम अली (मरणोपरांत) (बांग्लादेश), मुजफ्फर हुसैन बेग (जम्मू - कश्मीर), एस. सी. जमीर (नागालैंड), एन आर माधव मेनन (मरणोपरांत) (केरल) तथा मनोहर परिकर (मरणोपरांत) (गोवा)।
- कला: अजय चक्रवर्ती (पश्चिम बंगाल)
- साहित्य और शिक्षा: मनोज दास (पुडुचेरी) तथा जगदीश सेठ (अमेरिका)।
- चिकित्सा: सेरिंग लैंडोल (लद्दाख)
- सामाजिक कार्य: कृष्णम्मल जगन्नाथन (तमिलनाडु) तथा अनिल प्रकाश जोशी (उत्तराखंड)।
- व्यापार एवं उद्योग: आनंद महिंद्रा (महाराष्ट्र) तथा वेणु श्रीनिवासन (तमिलनाडु)।
- खेल: पी वी सिंधु (तेलंगाना)
- अन्य: एम. मुमताज अली (अध्यात्म - केरल) तथा बालकृष्ण दोषी (वास्तुकला - गुजरात)।
3)महत्वपूर्ण पद्म श्री
- जन सेवा: बॉब ब्लैकमैन (यूनाइटेड किंगडम) तथा बैरी गार्डिनर (यूनाइटेड किंगडम)।
- कला: इंदिरा पी. पी. बोरा (असम), ललिता और सरोजा चिदंबरम (जोड़ी) (तमिलनाडु), शांति जैन (बिहार), सरिता जोशी (महाराष्ट्र), करण जौहर (महाराष्ट्र), एकता कपूर (महाराष्ट्र), मनमोहन महापात्र (मरणोपरांत) (ओडिशा), कंगना रनौत (महाराष्ट्र), अदनान सामी (महाराष्ट्र), मूझिक्कल पंकजाक्षी (केरल), केएस महबूब और एसएम सुबानी (जोड़ी) (तमिलनाडु), सुरेश वाडकर (महाराष्ट्र), तथा वजीरा चित्रसेना (श्रीलंका)।
- साहित्य और शिक्षा: ग्लोरिया एरिएरा (ब्राजील), दमयंती बेशरा (ओडिशा), केवी संपत और विदुषी जयलक्ष्मी (जोड़ी) (कर्नाटक), मीनाक्षी जैन (दिल्ली), सी. कमलोवा (मिजोरम), प्रशांत कुमार पटनायक (अमेरिका), बिनापाणि मोहंती (ओडिशा), रॉबर्ट थुरमन (अमेरिका), एसपी कोठारी (अमेरिका), इंद्र दसानायके (मरणोपरांत) (श्रीलंका) तथा पृथ्वीन्द्र मुखर्जी (फ्रांस)।
- चिकित्सा: पद्मावती बंदोपाध्याय (उत्तर प्रदेश), लीला जोशी (मध्य प्रदेश), नरेंद्र नाथ खन्ना (उत्तर प्रदेश), योगी एरोन (उत्तराखंड), सैंड्रा देसा सूजा (महाराष्ट्र) तथा शांति रॉय (बिहार)।
- सामाजिक कार्य: उषा चौमर (राजस्थान), तुलसी गौड़ा (कर्नाटक), हरेकला हजब्बा (कर्नाटक), अब्दुल जब्बार (मरणोपरांत) (मध्य प्रदेश), टेत्सु नाकामुरा (मरणोपरांत) अफगानिस्तान), कल्याण सिंह रावत (उत्तराखंड), मोहम्मद शरीफ (उत्तर प्रदेश), अगुस इंद्र उदयन (इंडोनेशिया) तथा लिया डिस्किन (ब्राजील)।
- व्यापार और उद्योग: संजीव बिखचंदानी (उत्तर प्रदेश), रोमेश टेकचंद वाधवानी (अमेरिका) तथा प्रेम वत्स (कनाडा)।
- खेल: जहीर खान (महाराष्ट्र), जीतू राय (उत्तर प्रदेश), तरुणदीप राय (सिक्किम), रानी रामपाल (हरियाणा), ओइनम बेमबेम देवी (मणिपुर) तथा एम. पी. गणेश (कर्नाटक)।
- विज्ञान एवं इंजीनियरिंग: रमन गंगाखेडकर (महाराष्ट्र) तथा वशिष्ठ नारायण सिंह (मरणोपरांत) (बिहार)।
- अन्य: एनामुल हक (पुरातत्व - बांग्लादेश), रहीबाई सोमा पोपेरे (कृषि - महाराष्ट्र), ट्रिनिटी सैयू (कृषि - मेघालय), राधामोहन और साबरमती (जोड़ी) (कृषि - ओडिशा)।
पद्म पुरस्कार 2021
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने 9 नवंबर, 2021 को पद्म पुरस्कार 2021 प्रदान किए।
- वर्ष 2021 के लिए राष्ट्रपति ने 1 जोड़ी पुरस्कार (एक जोड़ी पुरस्कार में 2 व्यक्तियों को दिये जाने वाले पुरस्कार को एक के रूप में गिना जाता है) सहित 119 पद्म पुरस्कार प्रदान किए।
- इस सूची में 7 पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 102 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं।
- पुरस्कार पाने वालों में 29 महिलाएं, विदेशियों या एनआरआई / पीआईओ / ओसीआई श्रेणी के 10 व्यक्ति, 16 मरणोपरांत और 1 ट्रांसजेंडर पुरस्कार विजेता शामिल हैं।
पद्म विभूषण: शिंजो आबे (जन सेवा - जापान), एसपी बालासुब्रमण्यम (मरणोपरांत) (कला-तमिलनाडु), डॉ. बेल्ले मोनप्पा हेगड़े (चिकित्सा - कर्नाटक), नरिंदर सिंह कापनी (मरणोपरांत) (विज्ञान और इंजीनियरिंग- अमेरिका), मौलाना वहीदुद्दीन खान (अन्य- अध्यात्म - दिल्ली), बी बी लाल (अन्य- पुरातत्व - दिल्ली) तथा सुदर्शन साहू (कला - ओडिशा)।
पद्म भूषण: कृष्णन नायर शांताकुमारी चित्रा (कला - केरल), तरुण गोगोई (मरणोपरांत) (जनसेवा - असम), चंद्रशेखर कंबर (साहित्य और शिक्षा - कर्नाटक), सुमित्रा महाजन (जन सेवा - मध्य प्रदेश), नृपेंद्र मिश्र (सिविल सेवा - उत्तर प्रदेश), राम विलास पासवान (मरणोपरांत) (जन सेवा - बिहार), केशुभाई पटेल (मरणोपरांत) (जनसेवा - गुजरात), कल्बे सादिक (मरणोपरांत) (अन्य-अध्यात्म - उत्तर प्रदेश), रजनीकांत देवीदास श्रॉफ (व्यापार व उद्योग - महाराष्ट्र) तथा तरलोचन सिंह (जन सेवा- हरियाणा)।
महत्वपूर्ण पद्म श्री: गुलफाम अहमद (कला - उत्तर प्रदेश), पी. अनीता (खेल- तमिलनाडु), राम स्वामी अन्नावरापु (कला - आंध्र प्रदेश), सुब्बू अरुमुगम (कला- तमिलनाडु), प्रकाशराव असवादी (साहित्य और शिक्षा - आंध्र प्रदेश), भूरी बाई (कला - मध्य प्रदेश), लखीमी बरुआ (सामाजिक कार्य - असम), बीरेन कुमार बसाक (कला - पश्चिम बंगाल), रजनी बेक्टर (व्यापार और उद्योग - पंजाब), पीटर ब्रुक (कला - यूनाइटेड किंगडम), संगखुमी बुआलछुआक (सामाजिक कार्य - मिजोरम), बिजॉय चक्रवर्ती (जन सेवा - असम), जगदीश चौधरी (मरणोपरांत) (सामाजिक कार्य - उत्तर प्रदेश), मौमा दास (खेल - पश्चिम बंगाल), श्रीकांत दातर (साहित्य और शिक्षा - संयुक्त राज्य अमेरिका), छुटनी महतो (सामाजिक कार्य- झारखण्ड), दुलारी देवी (कला - बिहार), हंजबम राधे शर्मी (कला - मणिपुर), शांति देवी (सामाजिक कार्य - ओडिशा), वायन डिबिया (कला - इंडोनेशिया), अंशु जमसेनपा (खेल - अरुणाचल प्रदेश), पूर्णमासी जनी (कला - ओडिशा), मंजम्मा जोगती (ट्रांसजेंडर) (कला - कर्नाटक), महेशभाई और नरेशभाई कनोड़िया (जोड़ी) (मरणोपरांत) (कला - गुजरात), रजत कुमार कार (साहित्य और शिक्षा - ओडिशा), प्रकाश कौर (सामाजिक कार्य - पंजाब), निकोलस कजानस (साहित्य और शिक्षा - ग्रीस), गुलाम रसूल खान (कला - जम्मू और कश्मीर), लाखा खान (कला- राजस्थान), संजीदा खातून (कला - बांग्लादेश), नीरू कुमार (सामाजिक कार्य - दिल्ली), लाजवंती (कला- पंजाब), रतन लाल (विज्ञान एवं इंजीनियरिंग - अमेरिका), अली मानिकफन (अन्य- जमीनी स्तर पर नवाचार लक्षद्वीप), रामचंद्र मांझी (कला - बिहार), नानाद्रो बी मारक (अन्य - कृषि - मेघालय), डॉ. रतन लाल मित्तल (चिकित्सा - पंजाब), माधवन नांबियार (खेल- केरल), डॉ. चंद्रकांत संभाजी पांडव (चिकित्सा - दिल्ली), डॉ. जे एन पांडे (मरणोपरांत) (चिकित्सा - दिल्ली), पप्पम्मल (अन्य- कृषि तमिलनाडु), डॉ. कृष्ण मोहन पथी (चिकित्सा - ओडिशा), जसवंतीबेन जमनादास पोपट (व्यापार और उद्योग - महाराष्ट्र), नंदा प्रुस्टी (साहित्य और शिक्षा - ओडिशा), बालन पुथेरी (साहित्य और शिक्षा - केरल), बिरुबाला राभा (सामाजिक कार्य - असम), बॉम्बे जयश्री रामनाथ (कला - तमिलनाडु), मैत्यराम रियांग (कला - त्रिपुरा), अशोक कुमार साहू (चिकित्सा - उत्तर प्रदेश), डॉ. भूपेंद्र कुमार सिंह संजय (चिकित्सा - उत्तराखंड), सिंधुताई सपकाल (सामाजिक कार्य - महाराष्ट्र), चमन लाल सप्रू (मरणोपरांत) (साहित्य और शिक्षा - जम्मू और कश्मीर), प्रेमचंद शर्मा (अन्य - कृषि - उत्तराखंड), अर्जुन सिंह शेखावत (साहित्य और शिक्षा - राजस्थान), राम यत्न शुक्ल (साहित्य एवं शिक्षा - उत्तर प्रदेश), जितेंद्र सिंह शंटी (सामाजिक कार्य - दिल्ली), करतार सिंह (कला - पंजाब), डॉ. दिलीप कुमार सिंह (चिकित्सा - बिहार), चंद्रशेखर सिंह (अन्य - कृषि - उत्तर प्रदेश), सुधा हरि नारायण सिंह (खेल - उत्तर प्रदेश), वीरेंद्र सिंह (खेल - हरियाणा), मृदुला सिन्हा (मरणोपरांत) (साहित्य और शिक्षा - बिहार), के सी शिवशंकर (मरणोपरांत) (कला- तमिलनाडु), गुरु माँ कमली सोरेन (सामाजिक कार्य - पश्चिम बंगाल), पी सुब्रमण्यन (मरणोपरांत) (व्यापार और उद्योग - तमिलनाडु), निदुमोलु सुमति (कला - आंध्र प्रदेश), कपिल तिवारी (साहित्य एवं शिक्षा - मध्य प्रदेश), फादर वालेस (मरणोपरांत) (साहित्य और शिक्षा - स्पेन), डॉ. तिरुवेंगदम वीरराघवन (मरणोपरांत) (चिकित्सा - तमिलनाडु), के वाई वेंकटेश (खेल - कर्नाटक), उषा यादव (साहित्य एवं शिक्षा - उत्तर प्रदेश), कर्नल काजी सज्जाद अली जहीर (जन सेवा - बांग्लादेश)
पृष्ठभूमि: पद्म पुरस्कार (पद्म विभूषण) को वर्ष 1954 में स्थापित किया गया था। बाद में इन्हें 8 जनवरी, 1955 को राष्ट्रपति भवन की अधिसूचना के माध्यम से पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री तीन अलग-अलग पुरस्कारों में पुनर्वर्गीकृत किया गया था।
- यह पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिया जाता है, अर्थात् असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए ‘पद्म विभूषण’; उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए ‘पद्म भूषण’; तथा विशिष्ट सेवा के लिए ‘पद्म श्री’।
- पद्म पुरस्कार विभिन्न विषयों / गतिविधियों के क्षेत्रों, अर्थात - कला, सामाजिक कार्य, जनसेवा, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि में दिए जाते हैं।
बुकर पुरस्कार 2021
3 नवंबर, 2021 को दक्षिण अफ्रीका के लेखक डेमन गलगुट ने अपने उपन्यास 'द प्रॉमिस' (The Promise) के लिए 2021 का बुकर पुरस्कार जीता है।
- उन्हें इससे पहले 2003 में "द गुड डॉक्टर" और 2010 में "इन ए स्ट्रेंज रूम" के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था, लेकिन वे दोनों बार हार गए थे।
- वह 1974 में नादिन गोर्डिमर और 1983 और 1999 में दो बार जीतने वाले जेएम कोएत्जी के बाद बुकर पुरस्कार जीतने वाले तीसरे दक्षिण अफ्रीकी उपन्यासकार हैं।
- बुकर पुरस्कार की शुरूआत 1969 में हुई थी। यह किसी भी देश के लेखकों द्वारा अंग्रेजी में लिखे जाने वाले और यूनाइटेड किंगडम या आयरलैंड में प्रकाशित होने वाले कथा साहित्य (Fiction) के लिए दिया जाता है। पुरस्कार के रूप में 50 हजार पाउंड की राशि दी जाती है।
- स्कॉटलैंड के लेखक 44 वर्षीय डगलस स्टूर्ट को उनके पहले ही उपन्यास ‘शग्गी बैन’ (Shuggie Bain) के लिए बुकर पुरस्कार 2020 दिया गया था।
एबीयू- यूनेस्को पीस मीडिया अवार्ड्स 2021
दूरदर्शन और आकाशवाणी द्वारा प्रोड्यूस क्रमशः टीवी और रेडियो शो ने मलेशिया के कुआलालंपुर में 17 नवंबर, 2021 को आयोजित 'एबीयू - यूनेस्को पीस मीडिया अवार्ड्स 2021' (ABU - UNESCO Peace Media Awards 2021) में कई पुरस्कार हासिल किए।
(Image Source: https://twitter.com/ABU_HQ)
- दूरदर्शन के कार्यक्रम 'डेफिनिटली लीडिंग द वे' (DEAFinitely Leading the Way) ने 'लिविंग वेल विद सुपर डायवर्सिटी' श्रेणी के तहत एक पुरस्कार जीता, जबकि ऑल इंडिया रेडियो के कार्यक्रम 'लिविंग ऑन द एज - द कोस्टल लाइव्स' (Living on the edge – The coastal lives) ने 'प्रकृति के साथ नैतिक और सतत संबंध' की श्रेणी में पुरस्कार जीता।
- यूनेस्को द्वारा एशिया पैसिफिक ब्रॉडकास्टिंग यूनियन (एबीयू) के सहयोग से 'टुगेदर फॉर पीस' (Together for Peace: T4P) पहल के तहत पुरस्कार दिए गए।
- ABU - UNESCO Peace Media Awards 2021 मानव मन में सकारात्मक शांति के लिए स्वतंत्र, नैतिक पत्रकारिता और नागरिकों की मीडिया साक्षरता की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करते हैं और बढ़ावा देते हैं।
- पुरस्कार अभिनव और रचनात्मक सामग्री का सम्मान करते हैं, जो दर्शकों को सकारात्मक शांति के निर्माण की सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में सूचित और शिक्षित करता हो तथा जिसमें सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने और कोविड-19 महामारी से बेहतर ढंग से निपटने की सोच झलकती हो।
जेसीबी साहित्य पुरस्कार 2021
नवंबर 2021 में मलयालम लेखक एम मुकुंदन की अंग्रेजी में अनुवादित 'दिल्ली: ए सोलिलोक्यी' (Delhi: A Soliloquy) ने 'जेसीबी साहित्य पुरस्कार 2021' (JCB Prize for literature 2021) जीता है।
(Image Source: https://twitter.com/TheJCBPrize/)
- मूल रूप से मलयालम में लिखी गई इस पुस्तक का अंग्रेजी में अनुवाद फातिमा ई.वी. और नंदकुमार के. द्वारा किया गया।
- एस हरीश की 'मस्टाश' (Moustache) (2020) और बेन्यामिन की 'जैस्मीन डेज' (2018) के बाद जेसीबी पुरस्कार जीतने वाला यह तीसरा अनुवाद है।
- पुरस्कार के बारे में: 25 लाख रुपये राशि का जेसीबी साहित्य पुरस्कार हर साल एक भारतीय लेखक को उपन्यास के एक विशिष्ट कार्य के लिए दिया जाता है।
- पुरस्कार को वैश्विक निर्माण उपकरण निर्माता (construction equipment manufacturer) जेसीबी द्वारा वित्त पोषित किया जाता है और जेसीबी लिटरेचर फाउंडेशन द्वारा प्रशासित किया जाता है। पहली बार यह पुरस्कार 2018 में दिया गया था।
भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. विवेक लाल को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. विवेक लाल को अक्टूबर 2021 में दुबई में रिटोसा फैमिली समिट्स (Ritossa Family Summits) में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
(Image Source: https://spsnavalforces.com)
- डॉ. लाल, को भारत-अमेरिका रक्षा व्यापार बढ़ाने और दोनों देशों के बीच कुछ शीर्ष सौदों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है।
- रिटोसा फैमिली समिट्स दुनिया का प्रमुख फैमिली ऑफिस इन्वेस्टमेंट कॉन्फ्रेंस है, जहां दुनिया के नेता और कुलीन फैमिली ऑफिस निवेशक (family office investors) एक साथ निवेश करने और उज्जवल भविष्य बनाने के लिए एकजुट होते हैं।