सामयिक - 01 December 2022
पीआईबी न्यूज विज्ञान-प्रौद्योगिकी
PSLV-C54 रॉकेट
26 नवंबर,2022 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से C-54 और 8 नैनो उपग्रहों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
उद्देश्य- परिचालन अनुप्रयोगों को बनाए रखने के लिए समुद्र के रंग और पवन वेक्टर डेटा की निरंतरता सुनिश्चित करना।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने विश्वसनीय रॉकेट पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) की सहायता से ओशियन-सैट-3 सहित 9 उपग्रहों को प्रक्षेपित कर अपनी-अपनी कक्षाओं में सफलता से स्थापित किया। वर्ष 2022 के लिए यह इसरो का 5वां और अंतिम मिशन था।
- यह इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान की 56वीं और PSLV-XL संस्करण की 24वीं उड़ान है।
- ओशियन-सैट को 742 किमी ऊंचाई पर पहुंचाने के बाद रॉकेट नीचे की ओर लाया गया और बाकी 8 उपग्रह 513 से 528 किमी पर स्थापित किए गए।
- ISRO ने PSLV C54/EOS06 लॉन्च किया, इसे ओशनसैट-3 के नाम से भी जाना जाता है।
- पहली बार दो कक्षाओं में उपग्रह प्रक्षेपित किए गए। इसमें ऑर्बिट चेंज थ्रस्टर्स (ओसीटी) उपयोग हुए।
- इस उपग्रह से प्राप्त विशिष्ट डेटा सरकारी विभागों द्वारा उपयोग किया जाएगा।
- 4 अमेरिकी उपग्रह- एस्ट्रोकास्ट के रूप में तकनीकी के प्रदर्शन के लिए अमेरिका की स्पेसफ्लाइट की ओर से चार उपग्रह भेजे गए। यह इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीक में उपयोग होंगे। कुल वजन 17.92 किलोग्राम था।
- भूटान का उपग्रह : मिशन में भूटान का नैनो सैटेलाइट INS-2B शामिल है, यह 18.28 किलोग्राम वजनी था।
- इसमें दो उपकरण नैनो एमएक्स और APRS-डिजिपीटर हैं।
- इन्हें भूटान और बंगलूरू के यूआर राव उपग्रह केंद्र द्वारा तैयार किया गया है।
पीआईबी न्यूज योजना एवं कार्यक्रम
हर घर गंगाजल योजना
27 नवंबर, 2022 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राजगीर और गया में ‘हर घर गंगाजल परियोजना’ का शुभारंभ किया गया| यह राज्य के सूखे क्षेत्रों में नल से गंगा जल उपलब्ध कराने की एक अनूठी और महत्वाकांक्षी पहल है, जो नदी के किनारे नहीं हैं।
उद्देश्य- राज्य के शुष्क क्षेत्रों में नलों पर पवित्र नदी का पानी उपलब्ध कराना ।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- यह योजना मानसून बाढ़ के मौसम के दौरान गंगा में अतिरिक्त पानी का संचयन करेगी, जिसे राजगीर, गया और बोधगया क्षेत्रों में उपचारित, संग्रहीत और पाइप लाइन शुरू किया जाएगा, जो लंबे समय से आसपास के जिलों के पीने के पानी के टैंकरों पर निर्भर हैं।
- नालंदा जिले के राजगीर में 4,000 करोड़ रुपये की 'हर घर गंगाजल' योजना का उद्घाटन किया, यहाँ सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों के लिए अपनी सरकार के कार्य को भी सूचीबद्ध किया: जिसमें हिंदू, मुस्लिम, जैन और बौद्ध है।
- इस गंगा जल आपूर्ति योजना (GWSS) के तहत, राजगीर, गया और बोधगया के लगभग 7.5 लाख घरों को 28 नवंबर से पाइप के माध्यम से नदी का उपचारित पानी मिलेगा।
- परियोजना के हिस्से के रूप में, गंगा नदी के बाढ़ के पानी को राजगीर, गया और बोधगया में संग्रहीत, उपचारित और आपूर्ति की जाएगी।
- जीडब्ल्यूएसएस उपचारित पानी की आपूर्ति करके इन क्षेत्रों में पीने के पानी की मांग को पूरा करेगा।
भारत का सारस रेडियो टेलीस्कोप
28 नवंबर, 2022 को ‘नेचर एस्ट्रोनॉमी’ पत्रिका में प्रकाशित पेपर के परिणामों ने दिखाया है कि कैसे शुरुआती ब्रह्मांड से लाइन डिटेक्शन न होने पर भी खगोलशास्त्री असाधारण संवेदनशीलता के साथ शुरुआती आकाशगंगाओं के गुणों का अध्ययन कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- भारत का ‘सारस’ रेडियो टेलीस्कोप खगोलशास्त्रियों को ब्रह्मांड के पहले सितारों और आकाशगंगाओं की प्रकृति के बारे में जानकारी देता है|
- वैज्ञानिकों ने ‘बिग बैंग’ के सिर्फ 20 करोड़ वर्ष, एक अवधि जिसे अंतरिक्षीय प्रभात के रूप में जाना जाता है,के बाद बनी चमकदार रेडियो आकाशगंगाओं के गुणों का निर्धारण किया है|
- इससे सबसे शुरुआती रेडियो लाउड आकाशगंगाओं जो आमतौर पर बेहद विशाल ब्लैक होल द्वारा संचालित होती हैं, के गुणों के बारे में जानकारी मिली है ।
- "सारस 3 टेलीस्कोप से मिले परिणाम में पहली बार ऐसा हुआ है कि औसत 21 सेंटीमीटर लाइन का रेडियो ऑब्जर्वेशन सबसे शुरुआती रेडियो लाउड आकाशगंगाओं के गुणों के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है जो आमतौर पर बेहद विशाल ब्लैक होल द्वारा संचालित होती हैं"
- वैज्ञानिक बेहद पुरानी आकाशगंगाओं के गुणों का अध्ययन इन आकाशगंगाओं के अंदर और उसके आसपास हाइड्रोजन परमाणुओं से विकिरण को देखकर करते हैं, जो कि लगभग 1,420 मेगाहर्ट्ज की आवृत्ति पर उत्सर्जित होती है।
- मार्च 2020 में अपनी अंतिम तैनाती के बाद से, सारस 3 को अपग्रेड की एक श्रृंखला से गुजारा गया है। इन सुधारों से 21-सेमी सिग्नल का पता लगाने की दिशा में और भी अधिक संवेदनशीलता प्राप्त होने की उम्मीद है। वर्तमान में, सारस टीम अपनी अगली तैनाती के लिए भारत में कई जगहों का आकलन कर रही है।
चौथी भारत-फ्रांस वार्षिक रक्षा वार्ता
26 से 28 नवंबर, 2022 को फ्रांसीसी गणराज्य के सशस्त्र बल मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू भारत यात्रा पर रहे, दोनों देशों ने चौथी भारत-फ्रांस वार्षिक रक्षा वार्ता की सह-अध्यक्षता की।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- यह फ्रांस के मंत्री के रूप में सेबेस्टियन लेकोर्नू की पहली भारत यात्रा है।
- उन्होंने कोच्चि में दक्षिणी नौसेना कमान मुख्यालय जाकर भारत के पहले स्वदेशी विमान वाहक आईएनएस विक्रांत को देखा।
- भारत और फ्रांस के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। वर्ष 1998 में दोनों देशों ने करीबी और बढ़ते द्विपक्षीय संबधों के अलावा अनेक अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपने वैचारिक मेल-मिलाप के मद्देनज़र रणनीतिक साझेदारी की।
- भारत और फ्रांस रक्षा एवं आयुध क्षेत्र में भागीदार हैं, जो दोनों देशों के बीच विभिन्न प्रकार के औद्योगिक सहयोग के ज़रिए भारत की रक्षा क्षेत्र में रणनीतिक स्वायत्तता प्राप्त करने की नीति में योगदान दे रहा है।
दैनिक समसामयिकी
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