नाबार्ड की जल संभर परियोजनाओं हेतु पुनर्वित्त योजना

  • 22 Jul 2020

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने 13 जुलाई, 2020 को अपनी 2,150 जल संभर (वाटरशेड) विकास परियोजनाओं के लाभार्थियों को वित्त प्रदान करने हेतु बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए 5,000 करोड़ रुपये की पुनर्वित्त योजना की घोषणा की।

महत्वपूर्ण तथ्य: ये परियोजनाएं 23.04 लाख हेक्टेयर के वर्षा वाले क्षेत्र, जल क्षेत्र और आदिवासी विकास परियोजना क्षेत्रों को कवर करती हैं।

  • नाबार्ड ने देश के सहकारी बैंकिंग ढांचे का आधार प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS) को बहु सेवा केंद्रों में बदलने के लिए 5,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त वित्तपोषण की भी घोषणा की।

  • नाबार्ड ने 13 जुलाई को अपने 39वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम के अवसर पर अपनी पहली 'डिजिटल चौपाल' आयोजित की। नाबार्ड की स्थापना 12 जुलाई,1982 को की गई थी।

जल संभर कार्यक्रम: जल संभर कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण एवं मृदा संरक्षण हेतु वर्षा के जल के बहाव की गति को कम कर, जल में मृदा अवसाद को कम करना तथा वर्षा की बूँदों को भूमि की सतह पर रोककर मिट्टी के कटाव के साथ जल को संरक्षित करना है।