प्रख्यात उड़िया साहित्यकार रजत कुमार कर का निधन
प्रख्यात उड़िया साहित्यकार रजत कुमार कर का 8 मई, 2022 को भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे।
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- वे जगन्नाथ संस्कृति के कुशल वक्ता थे। वे छ: दशकों तक टीवी और रेडियो पर वार्षिक रथ यात्रा के दौरान अपनी टिप्पणी के लिए जाने जाते थे।
- उन्होंने ओडिशा के 'पाल' (Pala) की मरणासन्न कला के पुनरुद्धार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- उन्हें साहित्य और शिक्षा के लिए 2021 में ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया गया था।
मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री जे डी रिंबाई का निधन
मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री जे डी रिंबाई का 21 अप्रैल, 2022 को निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे।
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- उन्होंने 1983 में सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया और जिरांग निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर मेघालय विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए।
- वे 1993, 1998 और 2003 में लगातार तीन बार जिरांग से विधायक के रूप में फिर से चुने गए। 1993 में, वे मेघालय विधान सभा के अध्यक्ष चुने गए।
- उन्हें मुख्यमंत्री डी.डी. लापांग (2003-2006) का वफादार माना जाता था। 2006 में लापांगके नेतृत्व में असंतोष के बाद, उन्होंने एक वर्ष के लिए 2006 में मेघालय के मुख्यमंत्री का पद संभाला था।
महान संगीतकार प्रफुल्ल कर का निधन
महान संगीत निर्देशक, उड़िया गायक और गीतकार प्रफुल्ल कर का 17 अप्रैल, 2022 को निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे।
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- उन्होंने 1962 में 'श्री श्री पतिता पबाना' के साथ उड़िया फिल्म उद्योग में एक पेशेवर गायक के रूप में शुरुआत की।
- 1975 में, उन्होंने फिल्म 'ममता' में एक संगीतकार के रूप में अपनी यात्रा शुरू की।
- प्रफुल्ल कर को कला के क्षेत्र में वर्ष 2015 में ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया गया था।
- 2004 में प्रतिष्ठित जयदेव पुरस्कार के अलावा, राज्य सरकार ने उन्हें ओडिया संगीत उद्योग में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए छ: मौकों पर 'सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार' से सम्मानित किया था।
प्रसिद्ध पाकिस्तानी परोपकारी बिलकिस बानो एधी का निधन
प्रसिद्ध पाकिस्तानी परोपकारी और सामाजिक कार्यकर्ता बिल्किस बानो एधी का 15 अप्रैल, 2022 को निधन हो गया। वे 74 वर्ष की थीं।
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- अब्दुल सत्तार एधी की पत्नी बिल्किस बानो एधी, एक पेशेवर नर्स थी और पाकिस्तान में सबसे सक्रिय परोपकारियों में से एक थी।
- बिलकिस एधी को 'पाकिस्तान की माँ' (Mother of Pakistan) कहा जाता था।
- उनकी चैरिटी बिल्किस एधी फाउंडेशन ने देश भर के 'ईधी होम्स' और केंद्रों में झूले लगाकर हजारों अनाथ बच्चों को बचाया।
- वे बिल्किस एधी फाउंडेशन की प्रमुख थी, और उन्हें उनके पति अब्दुल सत्तार एधी के साथ लोक सेवा के लिए 1986 के रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- उन्हें 'हिलाल-ए-इम्तियाज', 'लेनिन शांति पुरस्कार', सामाजिक न्याय के लिए मदर टेरेसा मेमोरियल इंटरनेशनल अवार्ड (2015) सहित विभिन्न राष्ट्रीय और विदेशी पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
- 2021 में उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय संगठन द्वारा मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिवेदक प्रो. यांगी ली और अमेरिकी नैतिकतावादी स्टीफन सोल्ड्ज के साथ-साथ 'पर्सन ऑफ द डिकेड' (Person of the Decade) भी नामित किया गया था।
पुलित्जर पुरस्कार विजेता कवि रिचर्ड हॉवर्ड का निधन
- पुलित्जर पुरस्कार विजेता अमेरिकी कवि रिचर्ड हॉवर्ड का 31 मार्च, 2022 को निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे।
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- उन्होंने 'अनटाइटल्ड सब्जेक्ट्स' (Untitled Subjects) कविता संग्रह के लिए 1970 में पुलित्जर पुरस्कार जीता था।
- हॉवर्ड, कोलंबिया विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर थे।
- वे 2008 में 'विदाउट सेइंग' (Without Saying) के लिए नेशनल बुक अवॉर्ड फाइनलिस्ट भी थे।
- चार्ल्स बौडेलेयर के 'लेस फ्लेर्स डू मल' (Les Fleurs du Mal) के उनके अनुवाद ने 1983 में नेशनल बुक अवॉर्ड (तब इसे अमेरिकी बुक अवॉर्ड के नाम से जाना जाता था) जीता था।
अमेरिकी खगोल वैज्ञानिक यूजीन पार्कर का निधन
सौर भौतिकी में योगदान देने वाले अमेरिकी खगोल वैज्ञानिक यूजीन न्यूमैन पार्कर का 15 मार्च, 2022 को निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे।
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- यूजीन पार्कर ने 2018 में नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के पार्कर सोलर प्रोब के लॉन्च को देखा, जो एक जीवित व्यक्ति के नाम पर नासा का पहला मिशन था।
- वे अपने नाम पर अंतरिक्ष यान के लॉन्च का गवाह बनने वाले पहले व्यक्ति थे।
- पार्कर ने हेलियोफिजिक्स के क्षेत्र में एक दूरदर्शी के रूप में सूर्य और अन्य सितारों के अध्ययन पर काम किया।
- वे सौर हवा के अस्तित्व के अपने 1958 के सिद्धांत 'सूर्य की सतह से कणों का एक सुपरसोनिक प्रवाह' के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं।
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रमेश चंद्र लाहोटी का निधन
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) रमेश चंद्र लाहोटी का 23 मार्च, 2022 को नई दिल्ली में निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे।
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- जस्टिस लाहोटी को 1 जून, 2004 को सुप्रीम कोर्ट का 35वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वे 1 नवंबर, 2005 को सेवानिवृत्त हुए थे।
- वे प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के निदेशक मंडल में एक पूर्व स्वतंत्र निदेशक भी थे।
जीआईएफ प्रारूप के निर्माता स्टीफन विल्हाइट का निधन
ग्राफिक्स इंटरचेंज फॉर्मेट (जीआईएफ) प्रारूप के निर्माता स्टीफन विल्हाइट का 14 मार्च, 2022 को निधन हो गया। वे 74 वर्ष के थे।
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- विल्हाइट, 'अमेरिका ऑनलाइन' के प्राथमिक आर्किटेक्ट थे।
- विल्हाइट ने 1987 में कंप्यूसर्व (Compuserve) में काम करते हुए ग्राफिक्स इंटरचेंज फॉर्मेट (GIF) प्रारूप तैयार किया था।
- ऑक्सफोर्ड अमेरिकन डिक्शनरी ने 2012 में जीआईएफ को 'वर्ड ऑफ द ईयर' नामित किया था। उन्हें 2013 में 'वेबबी लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।
पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल एस एफ रॉड्रिक्स का निधन
भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख जनरल एस एफ रोड्रिग्स का 4 मार्च, 2022 को निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे।
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- जनरल सुनीथ फ्रांसिस रोड्रिग्स 1 जुलाई, 1990 से 30 जून, 1993 तक 15वें सेना प्रमुख थे। वे पंजाब के 26वें राज्यपाल और चंडीगढ़ के 13वें प्रशासक भी रहे।
मीना स्वामीनाथन का निधन
प्रख्यात बाल कल्याण विशेषज्ञ मीना स्वामीनाथन का 14 मार्च, 2022 को निधन हो गया। वे 88 वर्ष की थीं। मीना कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन की पत्नी थीं।
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- वे शिक्षिका और बाल शिक्षा की लेखिका थीं।
- उन्हें 1970 में केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड द्वारा प्री-स्कूल बाल विकास पर अध्ययन समूह के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।
- 1972 में प्रस्तुत इस समिति की रिपोर्ट, 1975 में एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) के रूप में जानी जाने वाली योजना का आधार बनी, जो बाल कल्याण और विकास के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक योजना है।
- वे 1980 में 'सेंटर फॉर विमेन डेवलपमेंट स्टडीज, नई दिल्ली' की संस्थापक सदस्य थीं और 1987 से 1993 तक इसकी उपाध्यक्ष रहीं।
शास्त्रीय गायक पंडित दामोदर होता का निधन
ओडिसी शास्त्रीय गायक पंडित दामोदर होता का 6 फरवरी, 2022 को निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे।
- पंडित होता ओडिसी शास्त्रीय संगीत और हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के प्रतिपादक थे।
- पंडित होता को उनके पिता गोपीनाथ होता ने ओडिसी शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण दिया था।
- बाद में उन्होंने गुरु नृसिंहनाथ खुंटिया से ओडिसी और हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
- ओडिशा संगीत नाटक अकादमी से छात्रवृत्ति के तहत, होता ने पंडित ओंकारनाथ ठाकुर और पंडित बलवंतराय भट्ट के सानिध्य में भी प्रशिक्षण लिया था।
प्रसिद्ध पत्रकार रवीश तिवारी का निधन
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के राष्ट्रीय पॉलिटिकल एडिटर और राष्ट्रीय ब्यूरो के प्रमुख रवीश तिवारी का 19 फरवरी, 2022 को निधन हो गया। वे 40 वर्ष के थे।
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- आईआईटी बॉम्बे से धातु विज्ञान और सामग्री विज्ञान में इंजीनियरिंग स्नातक और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से तुलनात्मक सामाजिक नीति (Comparative Social Policy) में मास्टर्स रहे रविश तिवारी प्रतिष्ठित ‘रोड्स स्कॉलरशिप’ (Rhodes Scholarship) के प्राप्तकर्ता भी थे।
- पत्रकारिता में तिवारी के करियर को राजनीतिक और सामाजिक मामलों पर अंतर्दृष्टिपूर्ण रिपोर्टिंग और विश्लेषण के लिए जाना जाता था।
गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी शकुंतला चौधरी का निधन
गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी शकुंतला चौधरी का 21 फरवरी, 2022 को गुवाहाटी में निधन हो गया। वे 102 वर्ष की थी।
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- असम के कामरूप की रहने वाली, शकुंतला चौधरी ने ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए काम किया।
- उन्हें 'शकुंतला बाइदेव' (Shakuntala Baideo) के नाम से भी जाना जाता था।
- सरानिया आश्रम, गुवाहाटी में उनके नेक काम ने कई लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया था।
- उन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 2022 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
एचआईवी के सह-खोजकर्ता ल्यूक मॉन्टैग्नियर का निधन
एचआईवी वायरस की खोज के लिए 2008 में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले फ्रांसीसी शोधकर्ता ल्यूक मॉन्टैग्नियर (Luc Montagnier) का फ्रांस में 8 फरवरी, 2022 को निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे।
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- वायरोलॉजिस्ट मॉन्टैग्नियर ने उस दल का नेतृत्व किया था, जिसने 1983 में एड्स के लिए जिम्मेदार ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) की पहचान की थी।
- मॉन्टैग्नियर ने सहयोगी फ्रेंकोइस बैरे-सिनौसी (Francoise Barré-Sinoussi) के साथ चिकित्सा में 2008 के नोबेल पुरस्कार का आधा हिस्सा साझा किया था। शेष आधे हिस्से के विजेता सर्वाइकल कैंसर का कारण बनने वाले 'ह्यूमन पैपिलोमा वायरस' की खोज करने वाले जर्मन वैज्ञानिक हेराल्ड जूर हॉसन थे।
- मॉन्टैग्नियर ने 1960 में नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च (CNRS) में कार्य करना शुरू किया और 1972 में पाश्चर इंस्टीट्यूट के वायरोलॉजी विभाग के प्रमुख बने।
गायक और संगीतकार बप्पी लाहिड़ी का निधन
1980 और 90 के दशक में भारत में डिस्को संगीत को लोकप्रिय बनाने वाले गायक-संगीतकार बप्पी लाहिड़ी का 16 फरवरी, 2022 को निधन हो गया। वे 69 वर्ष के थे।
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- वे 'बप्पी दा' के नाम से लोकप्रिय थे। उनका असली नाम आलोकेश लाहिड़ी था।
- उन्हें 1970-80 के दशक के उत्तरार्ध की कई फिल्मों जैसे- 'चलते-चलते', 'डिस्को डांसर' और 'शराबी' में लोकप्रिय गाने दिये थे।
- उनका आखिरी बॉलीवुड गाना 2020 की फिल्म 'बागी 3' के लिए 'भंकस' था।
- 1985 में, उन्होंने 'शराबी' के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक के लिए अपना पहला 'फिल्मफेयर पुरस्कार' जीता था। उन्हें 2018 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
वयोवृद्ध अभिनेता रमेश देव का निधन
हिंदी और मराठी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता रमेश देव का 2 फरवरी, 2022 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे।
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- देव ने अपने लंबे करियर के दौरान कई हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया।
- देव ने 1962 में 'आरती' फिल्म के साथ हिंदी सिनेमा में खलनायक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की।
- देव ने 'आनंद', 'आप की कसम', 'मेरे अपने' और 'ड्रीम गर्ल' जैसी फिल्मों में अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा, हेमा मालिनी और धर्मेंद्र के साथ यादगार भूमिकाएँ निभाईं थी।
महान बंगाली गायिका संध्या मुखोपाध्याय का निधन
महान बंगाली गायिका संध्या मुखोपाध्याय (मुखर्जी) का 15 फरवरी, 2022 को कोलकाता में निधन हो गया। वे 90 वर्ष की थी।
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- उन्हें 'गीताश्री' (प्रसिद्ध गायिका) के रूप में जाना जाता था।
- वे एक प्रशिक्षित शास्त्रीय गायिका थी, जिन्होंने समान रूप से गायन के विभिन्न रूपों पार्श्व गायकी से लेकर लोक गीतों, रवींद्र संगीत और भजनों को अपनाया। उन्होंने उस्ताद बड़े गुलाम अली खान से प्रशिक्षण लिया था।
- संध्या ने पहला गाना 1945 में रिकॉर्ड किया था और दुर्गा पूजा गीतों का उनका पहला एल्बम 1948 में रिलीज हुआ था।
- उनका पहला पार्श्व गायन 1948 में रिलीज हुई फिल्म 'सम्पिका' के लिए था। 1971 में, उन्होंने जय जयंती (1970) और निशि पद्मा (1970) फिल्मों के गीतों के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था।
- उन्हें 2011 में राज्य सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल के सर्वोच्च सम्मान ‘बंग विभूषण’ से सम्मानित किया गया था।
भारत के प्रख्यात उद्योगपति राहुल बजाज का निधन
भारत के प्रख्यात उद्योगपतियों में से एक और बजाज ऑटो लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज का 12 फरवरी, 2022 को पुणे में निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे।
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- वे उद्योगपति, स्वतंत्रता सेनानी और समूह के संस्थापक जमनालाल बजाज के पोते थे।
- राहुल बजाज ने 1965 में बजाज समूह की कमान संभाली थी। राहुल बजाज ने 2005 तक लगभग चार दशकों तक ऑटोमोबाइल, सामान्य और जीवन बीमा, और उपभोक्ता वित्त सहित उद्योगों में मौजूद कंपनियों के समूह का नेतृत्व किया।
- उन्होंने कंपनी का नेतृत्व करते हुये बजाज चेतक स्कूटर लांच किया, जो 1980 और 90 के दशक में मध्यवर्गीय भारतीय परिवारों के लिए एक आकांक्षात्मक प्रतीक बन गया था।
- राहुल बजाज जून 2006 में राज्य सभा के लिए चुने गए और 2010 तक सदस्य रहे।
- बजाज विश्व आर्थिक मंच के अंतरराष्ट्रीय व्यापार परिषद (International Business Council) के पूर्व अध्यक्ष के साथ ही भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के पूर्व अध्यक्ष भी रहे।
- उन्हें वर्ष 2001 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
अभिनेता प्रवीण कुमार सोबती का निधन
बीआर चोपड़ा की महाभारत में ‘भीम’ का किरदार निभाने वाले लोकप्रिय अभिनेता प्रवीण कुमार सोबती का 7 फरवरी, 2022 को निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे।
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- अभिनेता बनने से पहले, प्रवीण एक हैमर थ्रो और डिस्कस थ्रो (hammer throw and discus throw) एथलीट थे।
- चार बार के एशियाई खेलों के पदक विजेता, प्रवीण ने 1968 मैक्सिको और 1972 म्यूनिख ओलम्पिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
'स्वर कोकिला' लता मंगेशकर का निधन
'भारत की स्वर कोकिला' के नाम से मशहूर जानी-मानी गायिका लता मंगेशकर का 6 फरवरी, 2022 को निधन हो गया। वे 92 वर्ष की थी।
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- लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को मराठी और कोंकणी संगीतकार पंडित दीनानाथ मंगेशकर के घर हुआ था। इनका मूल नाम हेमा था।
- उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक शास्त्रीय गायक और थिएटर अभिनेता थे।
- वर्ष 1942 में लता मंगेशकर ने 13 साल की उम्र में एक मराठी फिल्म 'किटी हसाल' के लिए अपना पहला पार्श्व गीत रिकॉर्ड किया।
- वर्ष 1946 में, उन्होंने वसंत जोगलेकर द्वारा निर्देशित हिंदी फिल्म 'आप की सेवा में' के लिए अपना पहला प्लेबैक गीत रिकॉर्ड किया था।
- उन्होंने छत्तीस से अधिक भारतीय भाषाओं और कुछ विदेशी भाषाओं में गीत रिकॉर्ड किए, जिसमें मुख्य रूप से हिंदी, बंगाली, मराठी भाषाओं में गीत रिकॉर्ड किए।
- 1974 में, वे लंदन में रॉयल अल्बर्ट हॉल में प्रस्तुति देने वाली पहली भारतीय बनी।
- 1984 में, मध्य प्रदेश की राज्य सरकार ने लता मंगेशकर पुरस्कार की स्थापना की, जबकि महाराष्ट्र सरकार ने भी गायन प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए 1992 में लता मंगेशकर पुरस्कार की स्थापना की।
पुरस्कार और सम्मान: भारत रत्न (2001), पद्म विभूषण (1999), पद्म भूषण (1969), दादा साहब फाल्के पुरस्कार (1989), सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का फिल्मफेयर पुरस्कार (1959, 1963, 1966, 1970), सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (1972, 1974, 1990) तथा फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'ऑफिसर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर' (2009)।
ऑस्कर विजेता अभिनेता सिडनी पोइटियर का निधन
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का ऑस्कर जीतने वाले पहले अश्वेत व्यक्ति सिडनी पोइटियर का 7 जनवरी, 2022 को निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे।
- वे 'लिलीज ऑफ द फील्ड (1963) में अपनी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के ऑस्कर के पहले अश्वेत विजेता थे।
- 'गेस हूज कमिंग टू डिनर' में, उन्होंने एक श्वेत मंगेतर के साथ एक अश्वेत व्यक्ति की भूमिका निभाई और 'इन द हीट ऑफ द नाइट' में वे एक अश्वेत पुलिस अधिकारी वर्जिल टिब्स थे।
- 2009 में, पोइटियर को राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा सर्वोच्च अमेरिकी नागरिक सम्मान 'प्रेजीडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम' से सम्मानित किया गया था।
कथक नृतक पंडित बिरजू महाराज का निधन
देश के प्रसिद्ध कथक नृतक पंडित बिरजू महाराज का 17 जनवरी, 2022 को दिल्ली में निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे।
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- बिरजू महाराज का जन्म कथक नृत्य के लिए प्रसिद्ध एक परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम बृजमोहन नाथ मिश्र था।
- लखनऊ के कालका-बिंदादीन घराने से ताल्लुक रखने वाले महाराज अपनी संपूर्ण लय और अभिव्यंजक हावभाव भाषा के लिए जाने जाते थे।
- उन्हें एक शानदार कोरियोग्राफर के रूप में भी जाना जाता था, और उन्होंने नृत्य-नाटकों को लोकप्रिय बनाने में मदद की। उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का भी अभ्यास किया और वे एक गायक थे।
- बिरजू महाराज ने बॉलीवुड में कई गानों को कोरियोग्राफ किया है, जिनमें देवदास (2002) में 'काहे छेड़े मोहे' और बाजीराव मस्तानी (2015) में 'मोहे रंग दो लाल' शामिल हैं।
- पंडित बिरजू महाराज को वर्ष 1986 में प्रतिष्ठित पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 2012 में, उन्होंने फिल्म 'विश्वरूपम' के लिए सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता।
अन्य पुरस्कार व सम्मान: संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, संगम कला पुरस्कार और लता मंगेशकर पुरस्कार।
प्रख्यात फ्रांसीसी कथकली नृत्यांगना मिलिना साल्विनी का निधन
इटली में जन्मी फ्रांस की प्रसिद्ध कथकली नृत्यांगना मिलिना साल्विनी का 25 जनवरी, 2022 को निधन हो गया। वे 84 वर्ष की थी।
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- 1962 में मिलिना ने ‘केरल कलामंडलम’ में कथकली में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति प्राप्त की।
- अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, मिलिना पेरिस लौट आई और यूनेस्को सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत कथकली मंडली के दौरे की व्यवस्था की।
- मिलिना ने अपने पति रोजर फिलिपुजी के सहयोग से 1975 में पेरिस में 'मंडप सेंटर' (Mandapa Centre) की स्थापना की और चार दशकों से अधिक समय तक भारतीय नृत्य और संगीत को बढ़ावा दिया।
- कथकली में उनकी सेवाओं के लिए उन्हें2019 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
प्रख्यात पर्यावरणविद् एम के प्रसाद का निधन
प्रख्यात पर्यावरणविद् प्रोफेसर एम के प्रसाद का 17 जनवरी, 2022 को निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे।
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- वे केरल की ‘साइलेंट वैली’ में सदाबहार उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों को विनाश से बचाने के लिए ऐतिहासिक जमीनी स्तर के आंदोलन में एक अग्रणी व्यक्ति थे।
- उन्होंने 'सेव साइलेंट वैली अभियान' का नेतृत्व किया था, जिसे राज्य में वन पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए पहला लोकप्रिय अभियान माना जाता है।
- प्रसाद 1970 के दशक में पलक्कड़ जिले में साइलेंट वैली में एक पनबिजली परियोजना स्थापित करने के राज्य सरकार के कदम के खिलाफ राष्ट्रीय आंदोलन के पीछे एक मार्गदर्शक शक्ति थे।
- वे 'संयुक्त राष्ट्र के मिलेनियम इकोसिस्टम असेसमेंट बोर्ड' (Millennium Ecosystem Assessment Board of the United Nations) में भी शामिल रहे थे।
स्की दुर्घटना में फ्रांसीसी अभिनेता गैसपर्ड उलिएल की मौत
फ्रांसीसी स्टार अभिनेता गैसपर्ड उलिएल (Gaspard Ulliel) का 19 जनवरी, 2022 को एक स्कीइंग दुर्घटना में निधन हो गया। वे 37 वर्ष के थे।
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- उन्होंने एक युवा 'हैनिबल लैक्टर' (Hannibal Lecter) की भूमिका निभाई थी और वह मार्वेल सीरीज की आगामी फिल्म 'मून नाइट' (Moon Knight) का भी हिस्सा हैं।
- उन्होंने वर्ष 2007 की फिल्म 'हैनिबल राइजिंग' (Hannibal Rising) में युवा हैनिबल लैक्टर की भूमिका निभाई थी। मार्वेल सीरीज की आगामी फिल्म 'मून नाइट' में वे 'मिडनाइट मैन' के रूप में प्रमुख भूमिका में हैं।
- उलिएल ने 2017 में 'इट्स ओनली द एंड ऑफ द वर्ल्ड' (It's Only the End of the World) में मुख्य भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फ्रांस का 'सेजर पुरस्कार' (César award) जीता था। 'सेजर पुरस्कार' को फ्रांस में ऑस्कर के समकक्ष माना जाता है।
प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट नारायण देबनाथ का निधन
कई बंगाली कॉमिक किरदारों के सृजक प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट नारायण देबनाथ (Narayan Debnath) का लंबी बीमारी के बाद 18 जनवरी, 2022 को निधन हो गया। वे 97 वर्ष के थे।
(Image Source: https://twitter.com/mygovindia)
- वे बंगाली कॉमिक किरदारों 'बंतुल द ग्रेट', 'हांडा भोंडा' और 'नोंते फोंते' के सृजक थे।
- उनके पास हांडा भोंडा कॉमिक्स सीरीज के लिए एक व्यक्तिगत कलाकार द्वारा सबसे लंबे समय तक चलने वाली कॉमिक्स का रिकॉर्ड है, जिसने लगातार 53 साल पूरे किए थे।
- देबनाथ को वर्ष 2021 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
- देबनाथ को 2013 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था और पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें उसी वर्ष 'बंग विभूषण' से सम्मानित किया था। 2015 में रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय ने उन्हें मानद डी. लिट की उपाधि प्रदान की थी।
सामाजिक कार्यकर्ता शांति देवी का निधन
प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी शांति देवी का 16 जनवरी, 2022 को रायगडा जिले के गुनुपुर स्थित उनके सेवा समाज आश्रम में निधन हो गया। वे 87 वर्ष की थी।
(Image Source: https://padmaawards.gov.in/)
- ओडिशा में, शांति देवी ने सेवा समाज आश्रम की स्थापना की थी, जहाँ से उन्होंने आदिवासी लड़कियों के भविष्य को संवारने हेतु शिक्षा प्रदान करने का अपना आंदोलन चलाया था।
- वे एक पुराने जीवाणु संक्रमण 'याज' (Yaws) के उन्मूलन के लिए भी जानी जाती हैं।
- 2021 में, उन्हें माओवादी प्रभावित रायगडा क्षेत्र में उनके सामाजिक कार्यों के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- प्रतिष्ठित पद्म श्री के अलावा, शांति को 1991 में 'बाल कल्याण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार' और 1994 में महिलाओं और बच्चों के विकास और कल्याण के लिए 'जमनालाल बजाज पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।
मलयालम कवि एस. रामेसन का निधन
प्रसिद्ध मलयालम कवि और वक्ता तथा केरल के सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र में एक प्रमुख व्यक्तित्व और प्रगतिशील आंदोलन के प्रचारक एस रामेसन का 13 जनवरी, 2022 को एर्नाकुलम में निधन हो गया। वे 69 वर्ष के थे।
(Image Source: https://www.manoramaonline.com/)
- 1952 में वैकोम में जन्मे रामेसन ने कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था।
- 'शिधिला चित्रंगल', 'माला कायरुन्नवर', 'कलुशिता कलाम' और 'करुथा कुरिपुकल' उनकी कुछ कृतियाँ हैं।
- एस. रामेसन ने चेरुकाड पुरस्कार, आसन पुरस्कार और राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार जीता था।
- वे 2007 तक राज्य सरकार में सेवारत थे।
'आधुनिक युग के डार्विन' ई.ओ. विल्सन का निधन
'आधुनिक युग के डार्विन' के रूप में प्रसिद्ध अमेरिकी प्रकृतिवादी एडवर्ड ओ. विल्सन का 26 दिसंबर, 2021 को मैसाचुसेट्स में निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे।
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- ब्रिटिश प्रकृतिवादी डेविड एटनबरो के साथ, विल्सन को प्राकृतिक इतिहास और संरक्षण के क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी लोगों में से एक माना जाता था।
- विल्सन को 'डार्विन का प्राकृतिक उत्तराधिकारी' कहा जाता था और एक कीटविज्ञानी के रूप में उनके अग्रणी कार्य के लिए उन्हें 'आंट मैन' (the ant man) भी कहा जाता था।
- विल्सन की 'हाफ-अर्थ' (Half-Earth) परियोजना में ग्रह की आधी भूमि और समुद्र की रक्षा करने का आह्वान किया गया है ताकि प्रजातियों की विलुप्ति को रोकने के लिए पर्याप्त विविध और अच्छी तरह से जुड़ा पारिस्थितिकी तंत्र हो।
- उन्हें दो बार पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था- 1979 में 'ऑन ह्यूमन नेचर' (On Human Nature) और 1991 में 'द आंट्स' (The Ants) के लिए।
- विल्सन की 1975 की पुस्तक 'सोशियोबायोलॉजी: द न्यू सिंथेसिस' से विवाद हो गया था, जिसमें उन्होंने लिखा था परोपकार या शत्रुता जैसे मानवीय व्यवहार जीन या प्रकृति द्वारा निर्धारित होते हैं, न कि वातावरण या लालन-पालन से।
शिलांग चैंबर चोइर के संस्थापक नील नोंगकिनरिह का निधन
शिलांग चैंबर चोइर (गायक-मंडली) (Shillong Chamber Choir: SCC) के संस्थापक और प्रसिद्ध पियानोवादक व संगीतकार नील नोंगकिनरिह का 5 जनवरी, 2021 को मुंबई में निधन हो गया। वे 51 वर्ष के थे।
(Image Source: https://www.shillongchamberchoir.com/)
- नील लंदन के प्रतिष्ठित ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ म्यूजिक और गिल्डहॉल स्कूल ऑफ म्यूजिक के पूर्व छात्र थे।
- 'शिलांग चैंबर चोइर' शिलांग, मेघालय में स्थित एक भारतीय गायक-मंडली है, जिसे 2001 में नील नोंगकिनरिह द्वारा स्थापित किया गया था, जो एक बहु-शैली वाली गाना बजाने वाली मंडली है।
- SCC ने 2010 में रियलिटी टीवी शो 'इंडियाज गॉट टैलेंट' जीता। उसी वर्ष शाओजिंग, चीन में 'वर्ल्ड चोइर गेम्स' (World Choir Games) में तीन श्रेणियों - 'म्यूजिक सैक्रा' (Music Sacra) , गॉस्पेल (Gospel) और पॉपुलर (Popular) में गोल्ड अवार्ड भी जीते।
- 2010 में, SCC ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और मिशेल ओबामा की भारत यात्रा के दौरान प्रस्तुति दी थी।
- विशेष रूप से SCC के 'वंदे मातरम' संस्करण को लाइव टेलीकास्ट कार्यक्रम भारतीय अंतरिक्ष रॉकेट चंद्रयान - 2 के चंद्रमा पर उतरने के दौरान बजाया गया था।
- नील को 2015 में 'पद्म श्री' से सम्मानित किया गया था।
'अनाथों की मां' सिंधुताई सपकाल का निधन
'अनाथंची माई' या 'अनाथों की माँ' (Mother of orphans) के नाम से प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता सिंधुताई सपकाल का 4 जनवरी, 2021 को पुणे के एक निजी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 73 वर्ष की थीं।
(Image Source: https://www.sindhutaisapkal.org/)
- अत्यधिक गरीबी में पली-बढ़ी सिंधुताई पुणे के हडपसर इलाके में एक अनाथालय 'सनमती बाल निकेतन संस्था' चलाया करती थी।
- उन्होंने इस अनाथालय में 1,000 से अधिक अनाथ बच्चों को गोद लिया और उनकी देखभाल की।
- सपकाल को उनके काम के लिए 700 से अधिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिसमें 2021 में ‘पद्म श्री’ भी शामिल है। उन्हें 2010 में महाराष्ट्र सरकार की ओर से 'अहिल्याबाई होल्कर पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया।
- 2010 में, सपकाल की एक मराठी बायोपिक 'मी सिंधुताई सपकाल' को महाराष्ट्र में रिलीज किया गया था।
रंगभेद नीति के विरोधी डेसमंड टूटू का निधन
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता व दक्षिण अफ्रीका के आर्कबिशप रह चुके डेसमंड टूटू का 26 दिसंबर, 2021 को निधन हो गया। वे 90 वर्ष के थे।
(Image Source: https://www.cnbc.com/)
- उन्हें दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद विरोधी प्रतीक के रूप में जाना जाता है। इतना ही नहीं टूटू को 'देश का नैतिक कम्पास' (country's moral compass) भी कहा जाता है।
- डेसमंड टूटू ने दक्षिण अफ्रीका में नस्लीय भेदभाव के विरोध के लिए 1984 में नोबेल शांति पुरस्कार जीता था। दो वर्ष के बाद 1986 में वे केपटाउन के पहले आर्कबिशप बनाए गए थे।
- टूटू ने दक्षिण अफ्रीका का वर्णन करने के लिए 1994 में 'रेनबो नेशन' (Rainbow Nation) शब्द गढ़ा था, जब नेल्सन मंडेला देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने थे।
ब्रिटिश वास्तुकार रिचर्ड रोजर्स का निधन
ब्रिटिश वास्तुकार रिचर्ड रोजर्स का 18 दिसंबर, 2021 को निधन हो गया है। वे 88 वर्ष के थे।
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- रोजर्स को लंदन की लॉयड्स इमारत तथा पेरिस के पोम्पीडौ सेंटर (Pompidou Centre) सहित दुनिया की कुछ सबसे प्रसिद्ध इमारतों को डिजाइन करने के लिए जाना जाता था।
- इटली में जन्मे वास्तुकार, रोजर्स ने मिलेनियम डोम और 'चीजग्रेटर' जैसी विशिष्ट रचनाओं के साथ लंदन के क्षितिज को बदल दिया था।
- उन्होंने न्यूयॉर्क में ‘3 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर’ का भी डिजाइन किया, जो एक 80-मंजिला गगनचुंबी इमारत है।
- रोजर्स को दुनिया के सबसे सफलतम और प्रभावशाली वास्तुकारों में से एक माना जाता था। वर्ष 1991 में उन्हें ‘नाइट’ की उपाधि दी गई थी। रोजर्स को 2007 में ‘प्रित्जकर पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
गोधरा दंगों की जांच करने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश नानावती का निधन
2002 के गोधरा दंगों और 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच करने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति गिरीश ठाकोरलाल नानावती का 18 दिसंबर, 2021 को निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे।
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- नानावती को 11 फरवरी, 1958 को बॉम्बे हाईकोर्ट में एक वकील के रूप में नामांकित किया गया था।
- नानावती को 31 जनवरी, 1994 को ओडिशा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें 28 सितंबर, 1994 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया था।
- नानावती को 6 मार्च, 1995 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था और वे 16 फरवरी, 2000 को सेवानिवृत्त हुए।
- जस्टिस नानावती और जस्टिस अक्षय मेहता ने 2014 में ‘2002 के गोधरा दंगों पर अपनी अंतिम रिपोर्ट’ गुजरात की तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सौंपी थी। 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने दंगों की जांच के लिए आयोग को नियुक्त किया था।
- नानावती को एनडीए सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए नियुक्त किया था। वे नानावती आयोग के एकमात्र सदस्य थे।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन
8 दिसंबर, 2021 को देश के सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्य कर्मियों का तमिलनाडु में कुन्नूर के पास भारतीय वायु सेना के Mi-17V5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया। बिपिन रावत 63 वर्ष के थे।
(Image Source: https://indianarmy.nic.in/)
- जनरल बिपिन रावत ने 31 दिसंबर, 2016 को 27वें सेना प्रमुख और 1 जनवरी, 2020 को पहले CDS के रूप में पदभार ग्रहण किया था।
- जनरल रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के द्वारीखाल विकास खंड के सैण गांव के मूल निवासी थे।
- जनरल बिपिन रावत को दिसंबर 1978 में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से ग्यारह गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में कमीशन किया गया था, जहां उन्हें 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया था।
- उन्होंने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ एक इन्फैन्ट्री बटालियन और कश्मीर में एक राष्ट्रीय राइफल्स सेक्टर में ब्रिगेडियर के रूप में कमान संभाली थी।
- दक्षिणी सेना कमांडर और थल सेनाध्यक्ष के रूप में सेवा देने से पहले, उन्होंने कश्मीर में एक इन्फैन्ट्री डिवीजन और पूर्वी कमान में एक कोर की कमान संभाली थी।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कोनिजेती रोसैया का निधन
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कोनिजेती रोसैया का 4 दिसंबर, 2021 को हैदराबाद में निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे।
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- उन्होंने 1968 में विधान परिषद के सदस्य के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
- रोसैया को आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ वाई एस राजशेखर रेड्डी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत के बाद 3 सितंबर, 2009 को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। वे 24 नवंबर, 2010 तक मुख्यमंत्री के पद पर रहे।
- बाद में, उन्हें 2011 और 2016 के बीच तमिलनाडु के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था।
तेलुगु फिल्म गीतकार 'सिरिवेनेला' सीताराम शास्त्री का निधन (
तेलुगु फिल्म गीतकार और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित 'सिरिवेनेला' सीताराम शास्त्री का 30 नवंबर, 2021 को फेफड़ों के कैंसर से संबंधित जटिलताओं के बाद निधन हो गया। वे 66 वर्ष के थे।
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- सीताराम शास्त्री ने फिल्म 'जननी जन्मभूमि' (1984) से गीतकार के रूप में अपनी शुरुआत की।
- 1986 में के विश्वनाथ द्वारा निर्देशित फिल्म 'सिरिवेनेला' से उन्हें प्रसिद्ध मिली, जिसके बाद उन्हें 'सिरिवेनेला' सीताराम शास्त्री के रूप में दूसरा नाम भी दिया गया।
- 11 बार के नंदी पुरस्कार विजेता गीतकार, सिरिवेनेला ने भक्ति, रोमांटिक, लोकगीत और सामूहिक कई तरह के गीत लिखे।
- फिल्म जगत और साहित्य में उनके योगदान के लिए उन्हें 2019 में 'पद्म श्री' से भी सम्मानित किया गया था।
दक्षिण कोरिया के पूर्व सैन्य तानाशाह चुन डू-ह्वान का निधन
दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति चुन डू-ह्वान का 23 नवंबर, 2021 को निधन हो गया। वे 90 वर्ष के थे।
(Image Source: https://www.globalsecurity.org/)
- 1979 के सैन्य तख्तापलट के बाद देश में बड़े पैमाने पर लोकतंत्र समर्थकों ने विरोध किया था।
- पूर्व सैन्य कमांडर, चुन के नेतृत्व में 1980 में ग्वांगजू में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों का नरसंहार किया गया था, जिसके लिए उन्हें बाद में दोषी ठहराया गया और मौत की सजा सुनाई गई थी।
- राष्ट्रपति के रूप में चुन का आठ साल का शासन क्रूरता और राजनीतिक दमन वाला था।
- एक सीधी चुनावी व्यवस्था की मांग को लेकर 1987 में हुये देशव्यापी छात्र-नेतृत्व वाले लोकतांत्रिक आंदोलन के बाद चुन ने पद से इस्तीफा दे दिया था।
प्रसिद्ध मप्पिलापट्टू गायक पीर मोहम्मद का निधन
प्रसिद्ध मप्पीला गीत (मप्पिलापट्टू) के गायक पीर मोहम्मद का 16 नवंबर, 2021 को कन्नूर में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे।
(Image Source: https://english.mathrubhumi.com/)
- पीर मोहम्मद ने मप्पीला गीतों को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्हें मप्पिलापट्टू परंपरा के अग्रदूतों में से एक माना जाता है।
- वे 1976 में दूरदर्शन पर मप्पिलापट्टू प्रस्तुत करने वाले पहले कलाकार थे।
- पीर मोहम्मद ने केरल लोकगीत अकादमी पुरस्कार, केरल मप्पीला संगीत अकादमी पुरस्कार और मोयनकुट्टी वैद्यर स्मारक पुरस्कार सहित कई पुरस्कार जीते थे।
- केरल में 'इशालुकल' (Ishalukal) की धुन पर मप्पीला गीत राज्य के मुस्लिम समुदाय के बीच लोकप्रिय हैं। इसमें उर्दू, अरबी, फारसी, हिंदी, संस्कृत, तमिल और कन्नड़ तथा अन्य भाषाओं के बहुत सारे शब्दों और उक्तियों का उपयोग किया गया है।
प्रसिद्ध खेल कमेंटेटर नोवी कपाड़िया का निधन
प्रसिद्ध खेल कमेंटेटर और लेखक नोवी कपाड़िया का लंबी बीमारी के बाद 18 नवंबर, 2021 को नई दिल्ली में निधन हो गया। वे 68 वर्ष के थे।
(Image Source: https://twitter.com/IndianFootball/)
- वे मोटर न्यूरॉन बीमारी से पीड़ित थे; मोटर न्यूरॉन दुर्लभ स्थिति है, जिसके कारण रीढ़ और मस्तिष्क की नसें समय के साथ काम करना बंद कर देती हैं।
- कपाड़िया, को व्यापक रूप से 'भारतीय फुटबॉल की आवाज' (voice of Indian football) के रूप में जाना जाता था।
- कपाड़िया ने अपने प्रशंसकों के लिए भारतीय फुटबॉल के इतिहास पर एक शानदार पुस्तक 'बेयरफुट टू बूट्स: द मेनी लाइव्ज ऑफ इंडियन फुटबॉल' (Barefoot to Boots: The Many Lives of Indian Football) का लेखन किया था।
- फुटबॉल के विश्वकोश, कपाड़िया ने ओलंपिक, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के अलावा नौ फीफा विश्व कप को कवर करने का गौरव हासिल किया था।
प्रख्यात हिंदी लेखिका मन्नू भंडारी का निधन
प्रख्यात हिंदी लेखिका मन्नू भंडारी का 15 नवंबर, 2021 को गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 90 वर्ष की थीं।
(Image Source: https://twitter.com/airnewsalerts)
- वे दिवंगत हिंदी कथा लेखक राजेंद्र यादव की पत्नी थीं। मन्नू भंडारी को उनके उपन्यास 'आपकी बंटी' और 'महाभोज' के लिए जाना जाता है।
- 1974 की एक हिंदी फिल्म 'रजनीगंधा' उनके प्रसिद्ध उपन्यास 'यही सच है' पर आधारित थी।
पद्म विभूषण से सम्मानित बाबासाहेब पुरंदरे का निधन
प्रख्यात इतिहासकार और लेखक बाबासाहेब पुरंदरे का 13 नवंबर, 2021 को पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में निधन हो गया। वे 99 वर्ष के थे।
(Image Source: https://thehindu)
- एक प्रसिद्ध लेखक और रंगमंच व्यक्तित्व पुरंदरे, को छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास पर काम के लिए जाने जाता था। उन्होंने शिवाजी पर कई पुस्तकें लिखी हैं।
- उन्होंने 1985 में शिवाजी के जीवन और नेतृत्व पर एक लोकप्रिय नाटक 'जांता राजा' (Jaanta Raja) का भी निर्देशन किया था।
- 2015 में, महाराष्ट्र सरकार ने पुरंदरे को 'महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार' से सम्मानित किया था। 2019 में उन्हें देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया था।
कन्नड़ अभिनेता पुनीत राजकुमार का निधन
प्रसिद्ध कन्नड़ स्टार पुनीत राजकुमार का 29 अक्टूबर, 2021 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वे 46 वर्ष के थे।
(Image Source: Indian express)
- पुनीत कन्नड़ फिल्म जगत के प्रमुख नायकों में से एक थे; उनके पिता स्वर्गीय राजकुमार को सुपर स्टार माना जाता था।
- उन्होंने 49 फिल्मों में अभिनय किया है, जिसमें 28 में वे मुख्य किरदार में थे।
- मात्र 10 साल की उम्र में, उन्होंने ‘बेट्टाडा हूवु’ (माउंटेन फ्लावर) [Bettada Hoovu (Mountain Flower)] फिल्म के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का राष्ट्रीय पुरस्कार’ जीता था।
पूर्व राजनयिक वी.एम.एम. नायर का निधन
भारत के सबसे वयोवृद्ध पूर्व राजनयिक वी.एम.एम.नायर का उनके 103वें जन्मदिन से दो दिन पहले 6 अक्टूबर, 2021 को निधन हो गया।
(Image Source: www.manoramaonline.com/)
- नायर 1942 के बिहार कैडर के भारतीय सिविल सेवा (आईसीएस) के अधिकारी थे।
- नायर ने अगस्त 1946 से सितंबर1948 तक विदेश विभाग में अवर सचिव के रूप में कार्य किया। बाद में वे राष्ट्रमंडल संबंधों के वरिष्ठ अवर सचिव भी रहे।
- उन्होंने 1957-58 के दौरान कुआलालंपुर में भारत के उच्चायुक्त के रूप में कार्य किया।उन्होंने कंबोडिया और पोलैंड में भारत के राजदूत के रूप में भी काम किया था।
मलयालम अभिनेता नेदुमुदी वेणु का निधन
मलयालम सिनेमा के सबसे बहुमुखी चरित्र अभिनेताओं में से एक नेदुमुदी वेणु का 11 अक्टूबर, 2021 को निधन हो गया। वे 73 वर्ष के थे।
(Image Source: @Forumkeralam2 Twitter)
- नेदुमुदी वेणु ने कवलम नारायण पणिकर के नाटकों के साथ एक 'थिएटर कलाकार' के रूप में अपना करियर शुरू किया।
- उन्होंने 1978 में जी अरविंदन द्वारा निर्देशित फिल्म 'थंबू' (Thambu) के साथ फिल्मों में अपनी शुरुआत की।
- मलयालम और तमिल फिल्मों में अपने अभिनय के लिए प्रख्यात वेणु ने 500 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया।
- नेदुमुदी वेणु ने अपने प्रदर्शन के लिए तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और छ: केरल राज्य फिल्म पुरस्कार जीते थे।
'पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के जनक' अब्दुल कदीर खान का निधन
पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के जनक परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कदीर खान का 10 अक्टूबर, 2021 को निधन हो गया। वे 85 वर्ष के थे।
(Image Source: CNN)
- खान, का जन्म 1936 में भोपाल में हुआ था और 1947 में विभाजन के बाद वे अपने परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए।
- अपने देश को दुनिया की पहली इस्लामी परमाणु शक्ति बनाने के लिए पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिक खान एक राष्ट्रीय नायक के रूप में प्रतिष्ठित थे।
वयोवृद्ध अभिनेता अरविंद त्रिवेदी का निधन
1980 के दशक के लोकप्रिय पौराणिक धारावाहिक रामायण में 'रावण' की भूमिका निभाने वाले वयोवृद्ध अभिनेता अरविंद त्रिवेदी का 5 अक्टूबर, 2021 को निधन हो गया। वे 82 वर्ष के थे।
(Image Source: tribuneindia.com)
- अरविंद त्रिवेदी ने लगभग 300 हिंदी और गुजराती फिल्मों में भी अभिनय किया था।
- इसके अलावा उन्होंने 'विक्रम और बेताल' (1985) और 1998 की गुजराती फीचर फिल्म 'देश रे जोया दादा परदेश जोया' में अभिनय से प्रसिद्धि पाई थी।
- 1991 में, अरविंद त्रिवेदी भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में साबरकांठा निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में चुने गए थे।
प्रख्यात कार्टूनिस्ट येसुदासन का निधन
प्रख्यात कार्टूनिस्ट येसुदासन का 6 अक्टूबर, 2021 को कोच्चि में निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे।
(Image Source: Newsonair)
- येसुदासन ने 'जनयुगोम मलयालम' (Janayugom Malayalam) दैनिक से राजनीतिक कार्टून की दुनिया में प्रवेश किया। बाद में, उन्होंने नई दिल्ली से प्रकाशित शंकर साप्ताहिक और व्यंग्य पत्रिकाओं 'कट-कट' (Cut-Cut) और 'टुक टुक' (Tuk Tuk) के साथ काम किया।
- उन्होंने 23 वर्षों तक मलयाला मनोरमा ग्रुप में बतौर कार्टूनिस्ट सेवायें दी। वे ‘केरल ललित कला अकादमी’ के पूर्व अध्यक्ष और ‘केरल कार्टून अकादमी’ के संस्थापक अध्यक्ष भी रहे थे।
- उन्हें 'इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कार्टूनिस्ट्स' द्वारा ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ तथा केरल सरकार द्वारा कार्टून और मीडिया क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 'स्वदेश-अभिमानी केसरी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।
- येसुदासन ने चार पुस्तकें भी लिखी हैं - अनियारा, प्रधम दृष्टि, पोस्टमॉर्टम और वारेयली नयनार।
अभिनेता घनश्याम नायक का निधन
लोकप्रिय टीवी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में 'नट्टू काका' का किरदार निभाने वाले दिग्गज अभिनेता घनश्याम नायक का 3 अक्टूबर, 2021 को कैंसर के कारण निधन हो गया। वे 77 वर्ष के थे।
(Image Source: Koimoi.com)
- घनश्याम नायक ने 100 से अधिक गुजराती और हिंदी फिल्मों में काम किया था।
- उन्होंने 350 से अधिक टेलीविजन शो में अभिनय किया। 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के अलावा, वह 'खिचड़ी' और 'साराभाई बनाम साराभाई' जैसे शो में अपनी भूमिकाओं के लिए जाने जाते थे।
महिला अधिकार कार्यकर्ता कमला भसीन का निधन
प्रख्यात महिला अधिकार कार्यकर्ता, कवयित्री और लेखिका कमला भसीन का 25 सितंबर, 2021 को दिल्ली में निधन हो गया। वे 75 वर्ष की थी।
(Source: Navbharat Times)
- चार साल तक उदयपुर स्थित 'सेवा मंदिर' नामक एक ग्रामीण गैर-सरकारी संगठन के साथ काम करने के बाद, भसीन ने वर्ष 1976 - 2002 तक संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के साथ काम किया।
- भसीन दक्षिण एशियाई नारीवादी नेटवर्क 'संगत' की संस्थापक और महिला संसाधन केंद्र 'जागोरी' की सह-संस्थापक थीं। वह कई अन्य संगठनों से जुड़ी रहने के अलावा, 'वन बिलियन राइजिंग' अभियान(One Billion Rising campaign) की दक्षिण एशियाई समन्वयक भी थी।
- वह अपनी कविता 'क्योंकि मैं एक लड़की हूं, मुझे पढ़ना है' के लिए जानी जाती हैं।
पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव केशव देसिराजू का निधन
पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव केशव देसिराजू का 5 सितंबर, 2021 को चेन्नई में ‘एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम' (acute coronary syndrome) के कारण निधन हो गया। वे 66 वर्ष के थे।
(Source: Twitter profile)
- उत्तराखंड कैडर के 1978 बैच के आईएएस अधिकारी रहे देसिराजू ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार तथा भारत सरकार के साथ कई पदों पर कार्य किया और उपभोक्ता मामलों के विभाग में केंद्रीय सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे।
- उन्होंने देश में मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा का दायरा बढ़ाने तथा सामुदायिक स्वास्थ्यके क्षेत्र में सराहनीय काम किया। उन्होंने 'मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017' का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- उन्होंने समीरन नंदी और संजय नागराल के साथ 'हीलर ऑर प्रीडेटर्स? हेल्थकेयर करप्शन इन इंडिया' (Healers or Predators? Healthcare Corruption in India) नामक पुस्तक का सह-संपादन किया था।
- हाल ही में उन्होंने एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी पर 'गिफ्टेड वॉयस: द लाइफ एंड आर्ट ऑफ एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी' (Gifted Voice: The Life and Art of M.S. Subbulakshmi) नामक पुस्तक का लेखन भी किया था।
अभ्यास जपड़ - 2021
अभ्यास जपड़ - 2021 (Exercise ZAPAD 2021)
200 भारतीय सेना कर्मियों की एक टुकड़ी ने 3 से 16 सितंबर, 2021 तक रूस के नोवगोग्राड क्षेत्र में निजनी के पास मुलिनो ट्रेनिंग ग्राउंड में आयोजित बहुराष्ट्रीय अभ्यास ‘जपड़ – 2021’ (Exercise ZAPAD 2021) में हिस्सा लिया।
उद्देश्य: भाग लेने वाले देशों के बीच सैन्य और रणनीतिक संबंधों को बढ़ाना।
- अभ्यास के लिए आमंत्रित किए गए 17 देशों में से नौ भाग लेने वाले देश और चीन तथा पाकिस्तान सहित आठ पर्यवेक्षक देश थे।
- नौ भाग लेने वाले देशों में मंगोलिया, आर्मेनिया, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, सर्बिया, रूस, भारत और बेलारूस शामिल थे।
- जपड़ - 2021 रूसी सशस्त्र बलों के थिएटर स्तर के अभ्यासों में से एक है और यह मुख्य रूप से आतंकवाद विरोधी संचालन पर केंद्रित था।
- अभ्यास में भाग लेने वाले 'नागा' बटालियन समूह में एक ‘सभी शस्त्रों का संयुक्त कार्यबल’ (all arms combined task force) था।
प्रसिद्ध खगोल भौतिक वैज्ञानिक तनु पद्मनाभन का निधन
प्रख्यात खगोल भौतिक विज्ञानी और ब्रह्मांड विज्ञानी तनु पद्मनाभन का 17 सितंबर, 2021 को पुणे में निधन हो गया। वे 64 वर्ष के थे।
- उन्होंने स्नातक (बीएससी) की पढ़ाई के दौरान मात्र 20 साल की उम्र में अपना पहला शोध पत्र ‘सामान्य सापेक्षता’ (General Relativity) में प्रकाशित किया।
- पुणे स्थित खगोलशास्त्र एवं खगोलभौतिकी अन्तरविश्वविद्यालय केन्द्र (IUCAA) में प्रोफेसर रहे पद्मनाभन ने गुरुत्वाकर्षण और ब्रह्मांड में संरचना निर्माण पर शोध किया था।
- उन्हें 2009 में इंफोसिस साइंस फाउंडेशन द्वारा भौतिक विज्ञान में 'इंफोसिस साइंस पुरस्कार' दिया गया था। प्रोफेसर पद्मनाभन ने 2008 में ग्रेविटी रिसर्च फाउंडेशन, यूएसए द्वारा प्रतिष्ठित ‘ग्रेविटी निबंध प्रतियोगिता’ में प्रथम पुरस्कार भी जीता था।
- वर्ष 2007 में उन्हें ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया गया था।
प्रसिद्ध महिला अधिकार कार्यकर्ता सोनल शुक्ला का निधन
प्रसिद्ध महिला अधिकार कार्यकर्ता सोनल शुक्ला का 9सितंबर, 2021 को मुंबई में हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया। वे 80 वर्ष की थी।
- वे 'वाचा चैरिटेबल ट्रस्ट' की संस्थापक और प्रबंध न्यासी थीं और उन्होंने पिछले चार दशकों में किशोरियों और महिलाओं के साथ काम किया।
- वे 'फोरम अगेंस्ट रेप' (Forum Against Rape) ग्रुप' की सह-संस्थापक थीं, जिसे अब 'फोरम अगेंस्ट ऑप्रेसन ऑफ वीमेन' (Forum Against Oppression of Women) के रूप में जाना जाता है।
- वाचा की शुरुआत 1987 में एक पुस्तकालय और महिला संसाधन केंद्र के रूप में हुई थी।
- भारत भर में हजारों किशोरियों और महिलाओं द्वारा प्यार से वे 'सोनलबेन' के रूप में जानी जाती हैं।
प्रख्यात बंगाली लेखक बुद्धदेव गुहा का निधन
- प्रख्यात बंगाली लेखक बुद्धदेव गुहा का 28 अगस्त को निधन हो गया। वे 85 वर्ष के थे।
- उनके उपन्यासों और लघु कथाओं को आलोचकों द्वारा अत्यधिक प्रशंसित किया गया है।
- उन्हें 1976 में आनंद पुरस्कार, शिरोमन पुरस्कार और शरत पुरस्कार सहित कई
- अन्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- उनकी महत्वपूर्ण कृतियों में 'मधुकरी' (शहद इकट्ठा करने वाला) के अलावा 'कोलेर कच्छे' (कोयल पक्षी के पास) और 'सोबिनॉय निबेदोन ' (विनम्र भेंट) शामिल हैं।
- एक पुरस्कार विजेता बंगाली फिल्म 'डिक्शनरी' उनकी दो रचनाओं 'बाबा होवा' (पिता होने के नाते) और 'स्वामी होवा' (पति होने के नाते) पर आधारित थी।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन
वरिष्ठ भाजपा नेता एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का 21 अगस्त‚ 2021 को निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे।
- उनका जन्म 5 जनवरी‚ 1932 को अलीगढ़ में अतरौली तहसील के तहत मधौली गाँव में हुआ था।
- वे पहली बार 24 जून‚ 1991 से 6 दिसंबर‚ 1992 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
- दूसरी बार वे 21 दिसंबर‚ 1997 से 11 नवंबर‚ 1999 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
- वे 4 सितंबर, 2014 से 9 सितंबर, 2019 तक राजस्थान के राज्यपाल रहे। साथ ही वे जनवरी 2015 से अगस्त 2015 तक हिमाचल प्रदेश के कार्यवाहक (अतिरिक्त प्रभार) राज्यपाल भी रहे।
- वे 2004 से 2009 तक भाजपा से बुलंदशहर संसदीय क्षेत्र और 2009 से 2014 तक बतौर स्वतंत्र उम्मीदवार एटा (उ.प्र.) संसदीय क्षेत्र से लोक सभा सदस्य रहे।
- 2010 में, उन्होंने जन क्रांति पार्टी भी बनाई, बाद में 2013 में इसका भाजपा में विलय कर दिया गया था।
प्रख्यात शोधकर्ता और लेखिका गेल ओमवेट का निधन
प्रख्यात शोधकर्ता, लेखिका और बहुजन आंदोलन की बौद्धिक आवाजों में से एक गेल ओमवेट (Gail Omvedt) का 25 अगस्त, 2021 को निधन हो गया। वे 81 वर्ष की थीं।
- डॉ. ओमवेट एक अमेरिकी मूल की भारतीय विद्वान थी, जिन्होंने दलित राजनीति, महिला संघर्ष और जाति-विरोधी आंदोलन पर किताबें लिखीं।
- उन्होंने विभिन्न जन आंदोलनों में भी भाग लिया, जिसमें कोयना बांध के कारण विस्थापित लोगों के अधिकारों के लिए एक आंदोलन भी शामिल था।
- उन्होंने अपने पति और कार्यकर्ता (Activist) भरत पाटनकर के साथ 'श्रमिक मुक्ति दल' की सह-स्थापना की।
- गेल ओमवेट ने न केवल सामाजिक आंदोलनों, संतों के साहित्य, परंपराओं में एक शोधकर्ता के रूप में योगदान दिया, बल्कि महिलाओं, वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए आंदोलनों में भी सक्रिय रूप से भाग लिया।
- ओमवेट ने 'इन कोलोनियल सोसाइटी- नॉन-ब्राह्मण मूवमेंट इन वेस्टर्न इंडिया', 'सीकिंग बेगमपुरा' (Seeking Begampura), 'बुद्धिज्म इन इंडिया', 'डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर', 'महात्मा फुले', 'दलित एंड द डेमोक्रेटिक रेवोल्यूशन', 'अंडरस्टैंडिंग कास्ट', 'वी विल स्मैश द प्रिजन' और 'न्यू सोशल मूवमेंट इन इंडिया' सहित 25 से अधिक पुस्तकें लिखीं।
- वे पुणे विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में फुले-आंबेडकर पीठ की प्रमुख; एशियाई अध्ययन संस्थान, कोपेनहेगन में प्रोफेसर थीं।
पी.टी. उषा के कोच ओ.एम. नांबियार का निधन
भारत की महान धाविका पीटी उषा के कोच (प्रशिक्षक) ओ.एम. नांबियार का 19 अगस्त, 2021 को कोझीकोड के पय्योली में निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे।
- भारत के सबसे प्रसिद्ध प्रशिक्षकों में से एक, नांबियार ने 1976 में बहुत कम उम्र में उषा को कन्नूर स्पोर्ट्स डिवीजन में कोचिंग देना शुरू कर दिया था।
- उनके मार्गदर्शन में, उषा का सबसे अच्छा प्रदर्शन 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में 400 मीटर बाधा दौड़ में था, जहां वे एक सेकंड के सौवें हिस्से से कांस्य पदक से चूक गई थी।
- पीटी उषा के अलावा उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले जिन एथलीटों को तैयार किया, उनमें शाइनी विल्सन (चार बार की ओलंपियन और 800 मीटर में 1985 की एशियाई चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता) और वंदना राव प्रमुख हैं।
- नांबियार को 1985 में द्रोणाचार्य पुरस्कार और 2021 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
‘सुडोकू पहेली के गॉडफादर’ ‘माकी काजी’ का निधन
सुडोकू पहेली के गॉडफादर ‘माकी काजी’ (Maki Kaji) का 10 अगस्त, 2021 को पित्त नली के कैंसर के कारण निधन हो गया। वे 69 वर्ष के थे।
- काजी ने नंबर पहेली सुडोकू को 1980 के दशक में अपनी पत्रिका ‘निकोली’ में प्रकाशित किया था।
- जापानी भाषा में 'सुडोकू' का अर्थ होता है 'हर संख्या एकल (single) होनी चाहिए। इसमें खिलाड़ी पंक्ति, स्तंभों एवं ब्लॉक में बिना दोहराये एक से नौ तक के अंक भरते हैं।
- यह खेल जापान में लोकप्रिय हुआ था, लेकिन 2004 में 'द टाइम्स ऑफ लंदन' द्वारा एक पहेली प्रकाशित करने के बाद ही यह वैश्विक रूप से सुर्खियों में आया। तब से यह लोकप्रिय खेल दुनिया भर में फैल गया है।
आयुर्वेद के समर्थक डॉ. बालाजी तांबे का निधन
आयुर्वेद चिकित्सक और योग के समर्थक डॉ. बालाजी तांबे का 10 अगस्त, 2021 को पुणे के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे।
- लोनावाला के पास एक समग्र चिकित्सा केंद्र 'आत्मसंतुलन गांव' (Atmasantulana Village) के संस्थापक, तांबे ने आध्यात्मिकता, योग और आयुर्वेद पर विभिन्न पुस्तकों का लेखन किया था।
प्रख्यात डोगरी लेखिका पद्मा सचदेव का निधन
प्रख्यात लेखिका और डोगरी भाषा की पहली आधुनिक महिला कवयित्री पद्म श्री से सम्मानित पद्मा सचदेव का 4 जुलाई, 2021 को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 81 वर्ष की थीं।
- उन्होंने डोगरी और हिंदी में कई पुस्तकों का लेखन किया था। उन्हें उनके कविता संग्रह 'मेरी कविता, मेरे गीत' के लिये 1971 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- उन्हें 2001 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही मध्य प्रदेश सरकार ने 2007-08 में कविता के लिए 'कबीर सम्मान' से भी सम्मानित किया था।
- सचदेव ने 1973 की हिंदी फिल्म प्रेम पर्वत के गीत 'मेरा छोटा सा घर बार' गीत भी लिखा था। उन्होंने 1978 की हिंदी फिल्म 'आंखिन देखी' के लिए दो गीतों के बोल भी लिखे, जिसमें मोहम्मद रफी और सुलक्षणा पंडित द्वारा गया गया प्रसिद्ध गीत 'सोना रे, तुझे कैसे मिलूं' शामिल है।
लेखक थॉमस जोसेफ का निधन
उपन्यासकार और लघु कथाकार थॉमस जोसेफ का 29 जुलाई 2021 को अलुवा, केरल में निधन हो गया। वे 66 वर्ष के थे।
- वे मलयालम साहित्य के एक भारतीय लेखक थे। जोसेफ ने अपने काम 'मारीचवार सिनेमा कानूकायनु'(Marichavar Cinema Kaanukayanu) के लिए 2013 में केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार जीता।
- उन्होंने एसबीटी साहित्य पुरस्कार के साथ-साथ केए कोडुंगलूर मेमोरियल पुरस्कार (KA Kodungalloor Memorial Prize) भी जीता था।
कोमोडोर गोपाल राव का निधन
1971 के पाकिस्तान युद्ध के नायक और महावीर चक्र और विशिष्ट सेवा पदक प्राप्त करने वाले कोमोडोर गोपाल राव का 9 अगस्त, 2021 को निधन हो गया। वे 95 वर्ष के थे।
- उन्हें अप्रैल 1950 में भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया था। तोपखाने के विशेषज्ञ, गोपाल राव पूर्वी नौसेना कमान में आईएनएस किल्टन के कमांडिंग ऑफिसर थे।
- उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' की कमान संभाली थी।
दिग्गज अभिनेता अनुपम श्याम का निधन
दिग्गज अभिनेता अनुपम श्याम का 9 अगस्त, 2021 को निधन हो गया। वे 63 वर्ष के थे।
- वे मशहूर टीवी धारावाहिक 'मन की आवाज: प्रतिज्ञा' में ठाकुर सज्जन सिंह के किरदार से लोकप्रिय हुए थे।
- अपने लगभग तीन दशक के लंबे करियर में, श्याम ने 'स्लमडॉग मिलियनेयर', 'बैंडिट क्वीन', 'सत्या', 'दिल से', 'लगान' और 'हजारों ख्वाहिशें ऐसी' जैसी फिल्मों में अभिनय किया था।
प्रख्यात फिल्म समीक्षक राशिद ईरानी का निधन
प्रख्यात फिल्म समीक्षक राशिद ईरानी, 2 अगस्त, 2021 को मुंबई में अपने आवास पर मृत पाये गए। वे 74 वर्ष के थे।
- ईरानी, ने टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स और वेबसाइट स्क्रॉल डॉट इन जैसे राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों में कई लेखों द्वारा योगदान दिया था।
- वे मुंबई प्रेस क्लब फिल्म सोसाइटी के प्रमुख स्तंभों में से एक थे।
भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी का निधन
16 जुलाई‚ 2021 को भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी का निधन हो गया। वे 38 वर्ष के थे।
- वे पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान की सीमा के पास कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक जिले में अफगान सुरक्षा बलों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करते हुए मारे गए।
- वे भारत में रॉयटर्स (Reuters) समाचार एजेंसी के मुख्य फोटोग्राफर थे।
- दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के पूर्व छात्र, सिद्दीकी 2010 से रॉयटर्स के साथ काम कर रहे थे।
- वे रॉयटर्स फोटोग्राफी की उस टीम का हिस्सा थे, जिसने रोहिंग्या शरणार्थी संकट पर रिपोर्टिंग हेतु 'फीचर फोटोग्राफी के लिए 2018 का पुलित्जर पुरस्कार' जीता था।
विख्यात कण भौतिक विज्ञानी स्टीवन वेनबर्ग का निधन
पिछले पांच दशकों से सबसे प्रभावशाली एवं विख्यात कण भौतिक विज्ञानी (particle physicist), प्रो. स्टीवन वेनबर्ग का 23 जुलाई, 2021 को ऑस्टिन, टेक्सास में निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे।
- स्टीवन वेनबर्ग ने 1979 में हार्वर्ड, यू.एस.ए. के ‘शेल्डन ली ग्लासो’ और इंपीरियल कॉलेज, लंदन, ब्रिटेन के ‘अब्दस सलाम’ के साथ 'प्राथमिक कणों के बीच कमजोर और विद्युतचुंबकीय अंतःक्रियाओं के एकीकृत सिद्धांत' (Unified Theory of Weak and Electromagnetic Interactions between elementary particles) की खोज के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार जीता था।
- स्टीवन 'थ्योरी रिसर्च ग्रुप' (Theory Research Group) के निदेशक और टेक्सास विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे।
- प्राथमिक कण भौतिकी (elementary particle physics) और ब्रह्मांड विज्ञान पर उनके उत्कृष्ट शोध के लिए उन्हें भौतिकी में नोबेल पुरस्कार, विज्ञान का राष्ट्रीय पदक और अमेरिकन फिलॉसॉफिकल सोसाइटी द्वारा बेंजामिन फ्रैंकलिन मेडल, ओपेनहाइमर पुरस्कार और कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
प्रख्यात मराठी कवि सतीश कालसेकर का निधन
प्रख्यात मराठी कवि सतीश कालसेकर का 23 जुलाई, 2021 को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पेण टाउन में उनके आवास पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 78 वर्ष के थे।
- कालसेकर को उनके निबंधों के संग्रह 'वाचनार्याची रोजनिशि' के लिए 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- वे ज्यादातर एक कवि के रूप में अपने काम के लिए जाने जाते थे। उनके लोकप्रिय कविता संग्रह 'इंद्रियोपनिषद', 'साक्षात' और 'विलम्बित' हैं।
- उन्होंने साहित्य के कई रूपों में धाराप्रवाह काम किया और कविता, अनुवाद, गद्य लेखन और संपादन के क्षेत्र में योगदान दिया।
प्रसिद्ध अभिनेत्री जयंती का निधन
प्रसिद्ध अभिनेत्री जयंती का 26 जुलाई, 2021 को बेंगलुरू में निधन हो गया। वे 76 वर्ष की थीं।
- 1963 में अपने अभिनय करियर की शुरुआत करते हुए, जयंती के नाम कन्नड़, तेलुगु, तमिल, मलयालम और हिंदी में 500 से अधिक फिल्में हैं।
- 'अभिनय शारदे' या 'अभिनय की देवी' के रूप में जानी जाने वाली जयंती ने सुपरस्टार डॉ. राज कुमार, एन टी रामाराव, शिवाजी गणेशन, एमजी रामचंद्रन, रजनीकांत और शम्मी कपूर के नेतृत्व वाली फिल्मों में मुख्य किरदार निभाया।
- कन्नड़ फिल्म निर्देशक पुत्तन्ना कनागल की 'नागरहावु' फिल्म में उन्होंने अपने छोटे से किरदार से लोगों का दिल जीत लिया था।
- जयंती ने सात बार कर्नाटक राज्य फिल्म पुरस्कार और दो बार फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। उन्हें डॉ. राजकुमार लाइफटाइम अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।
अभिनेत्री सुरेखा सीकरी का निधन
तीन बार की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री सुरेखा सीकरी का 16 जुलाई, 2021 को दिल का दौरा पड़ने से मुंबई में निधन हो गया। वे 75 वर्ष की थी।
- अनुभवी अभिनेत्री ने अपने पूरे करियर में थिएटर, फिल्मों और टेलीविजन में काम किया था। सुरेखा सीकरी ने 1978 में राजनीतिक ड्रामा फिल्म 'किस्सा कुर्सी का' के साथ शुरुआत की थी।
- उन्होंने 'तमस' (1988), 'मम्मो' (1994) और 'बधाई हो' (2018) के लिए तीन बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था।
- उन्होंने टीवी धारावाहिक ‘बालिका वधू’ में निभाए उनके ‘दादी सा’ के किरदार से भी काफी लोक्रपियता हासिल की थी।
- सुरेखा ने 1971 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1989 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान की सह-संस्थापक गीरा साराभाई का निधन
अहमदाबाद स्थित प्रसिद्ध राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (National Institute of Design -NID) की सह-संस्थापक और भारत में डिजाइन शिक्षा में अग्रणी भूमिका निभाने वाली गीरा साराभाई का 15 जुलाई, 2021 को अहमदाबाद में निधन हो गया। वे 97 वर्ष की थीं।
- अपने भाई गौतम साराभाई के साथ, उन्होंने NID की स्थापना की और इसका शैक्षणिक पाठ्यक्रम भी तैयार किया।
- NID के अलावा, भारत के सबसे प्रसिद्ध निजी संग्रहालयों में से एक कैलिको संग्रहालय (Calico Museum) की स्थापना में भी गीरा और गौतम दोनों शामिल थे। कैलिको उनके पिता अंबालाल साराभाई द्वारा संचालित कपड़ा मिलों में से एक थी।
राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान: NID को 1961 में अहमदाबाद में राष्ट्रीय औद्योगिक डिजाइन संस्थान के रूप में स्थापित किया गया था और तब से डिजाइन शिक्षा, अभ्यास और अनुसंधान के लिए एक केंद्र रहा है। इसके दो अन्य परिसर गांधीनगर और बेंगलुरू में हैं।
- NID अहमदाबाद वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में एक स्वायत्त संस्थान है। राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान अधिनियम 2014 के तहत इसे 'राष्ट्रीय महत्व का संस्थान' घोषित किया गया है।
- वर्तमान में अन्य राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान हरियाणा (कुरुक्षेत्र), आंध्र प्रदेश, असम (जोरहाट) और मध्य प्रदेश (भोपाल) में हैं।
महान अभिनेता दिलीप कुमार का निधन
हिन्दी फिल्मों के महान अभिनेता दिलीप कुमार का 7 जुलाई, 2021 को मुम्बई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 98 वर्ष के थे।
- दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसम्बर, 1922 को पाकिस्तान के पेशावर शहर में हुआ था। उनके बचपन का नाम ‘मोहम्मद युसूफ खान’ था।
- दिलीप कुमार ने अपने करियर की शुरुआत 1944 में फिल्म ‘ज्वार भाटा’ से की थी, लेकिन उनकी पहली हिट फिल्म 1947 में रिलीज हुई ‘जुगनू’ थी।
- उन्होंने ‘मेला’, ‘शहीद’, ‘अंदाज’, ‘आन’, ‘देवदास’, ‘नया दौर’, ‘मधुमति’, ‘यहूदी’, ‘पैगाम’, ‘मुगल-ए-आजम’, ‘गंगा-जमुना’, ‘लीडर’ तथा ‘राम और श्याम’ जैसी फिल्मों में भी काम किया था।
- 1998 में बनी फिल्म ‘किला’ उनकी आखिरी फिल्म थी।
- दुखद कथानक वाली फिल्मों में उनकी दिल दहला देने वाली, लेकिन पुरस्कार विजेता भूमिकाओं के कारण उन्हें 'ट्रेजेडी किंग' (Tragedy King) के नाम से जाना जाता है।
- उन्हें आठ बार फिल्म फेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला है, जोकि एक कीर्तिमान है।
- भारतीय सिनेमा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें 2015 में पद्म विभूषण, 1991 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- कुमार को 1994 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। पाकिस्तान सरकार ने कुमार को 1998 में पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'निशान-ए-इम्तियाज' से सम्मानित किया था।
प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सक पी.के. वारियर का निधन
दुनिया भर में प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सक पी.के. वारियर का 10 जुलाई, 2021 को आर्य वैद्य शाला, कोट्टक्कल केरल में निधन हो गया। वे 100 वर्ष के थे।
- वे कोट्टक्कल आर्य वैद्य शाला के मुख्य चिकित्सक और प्रबंध न्यासी थे, जो देश की प्रमुख आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सेवा शृंखलाओं में से एक है।
- 1954 से आर्य वैद्य शाला के प्रबंध न्यासी, डॉ. वारियर ने सदियों पुरानी संस्था को गौरव और प्रसिद्धि की ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी सात दशक लंबी सेवा ने उन्हें कोट्टक्कल आयुर्वेद का पर्याय बना दिया है।
- 'स्मृतिपर्वम' नामक उनकी पुस्तक ने 2009 में सर्वश्रेष्ठ आत्मकथा के लिए केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार जीता। इसका अंग्रेजी अनुवाद 'द कैंटो ऑफ मेमोरीज' (The Canto of Memories) भी बेहद लोकप्रिय था।
- वे दो बार अखिल भारतीय आयुर्वेदिक कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए।
- आयुर्वेद में उनके योगदान के लिए उन्हें 1999 में पद्म श्री और 2010 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। कालीकट विश्वविद्यालय ने उन्हें 1999 में डी लिट की उपाधि से सम्मानित किया था।
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का निधन
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह का लंबी बीमारी के बाद 7 जुलाई, 2021 को शिमला में निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे।
- नौ बार के विधायक और पांच बार के सांसद, सिंह छ: बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
- सिंह ने 1983 से 1990 तक, 1993 से 1998 तक, 2003 से 2007 तक और 2012 से 2017 तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। सिंह मार्च 1998 से मार्च 2003 तक विधान सभा में विपक्ष के नेता भी रहे।
- वे पहली बार 1962 में लोक सभा के लिए चुने गए थे उन्होंने 1982-1983 में उद्योग राज्य मंत्री ; 2009-2011 से केंद्रीय इस्पात मंत्री; और 2011-2012 तक केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री के रूप में कार्य किया।
- वे 1977, 1979, 1980 और 2012 में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे।
- वे शिमला जिले के बुशहर के शाही परिवार से थे। उन्हें लोकप्रिय रूप से 'राजा साहिब' के नाम से जाना जाता है।
प्रसिद्ध कवि एवं गीतकार एस. रामेसन नायर का निधन
प्रसिद्ध कवि एवं गीतकार एस. रामेसन नायर का 18 जून, 2021 को निधन हो गया। वे 73 वर्ष के थे।
- उन्होंने 1985 में रिलीज हुई फिल्म 'पथमुदयम' (Pathamudayam) से मलयालम फिल्मों के लिए गीत लिखना शुरू किया था।
- कवि ने 'तिरुक्कुरल' (Tirukkural) और 'चिलपथिकरम' (Chilapathikaram) का मलयालम में अनुवाद भी किया था।
- नायर ने राज्य भाषा संस्थान, केरल में उप-संपादक के रूप में और ऑल इंडिया रेडियो में निर्माता के रूप में भी काम किया था।
- उनकी कविताओं के संग्रह ‘गुरुपूर्णमी’(Gurupowrnami) के लिए उन्हें वर्ष 2018 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- उन्हें वर्ष 2010 में केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
डीपीआईआईटी के सचिव गुरुप्रसाद महापात्र का निधन
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के सचिव, गुरुप्रसाद महापात्र का 19 जून को एम्स, नई दिल्ली में कोविड19 से संबंधित जटिलताओं के कारण निधन हो गया। वे 59 वर्ष के थे।
- अगस्त 2019 में DPIIT के सचिव के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, महापात्र ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था।
- वे गुजरात कैडर के 1986 बैच के आईएएस अधिकारी थे। उन्होंने इससे पहले वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में भी कार्य किया था। राज्य स्तर पर, उन्होंने सूरत, गुजरात में नगर आयुक्त का पद संभाला था।
जाम्बिया के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. केनेथ डेविड कौंडा का निधन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 जून, 2021 को जाम्बिया के प्रथम राष्ट्रपति और आधुनिक जाम्बिया के संस्थापक डॉ. केनेथ डेविड कौंडा के निधन पर शोक व्यक्त किया। वे 97 वर्ष के थे।
- 28 अप्रैल, 1924 को जन्मे कौंडा 1964 से 1991 तक जाम्बिया के पहले राष्ट्रपति रहे। वह ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता संघर्ष में भी सबसे अग्रणी रहे।
- उनका सबसे उल्लेखनीय योगदान एचआईवी/एड्स के प्रसार के खिलाफ लड़ाई में था।
- अहिंसा के सिद्धांतों के लिए प्रतिबद्ध रहे गांधीवादी कौंडा ने 1961 में सविनय अवज्ञा का आयोजन किया था, जिसे 'चा-चा-चा अभियान' (Cha-cha-cha campaign) के रूप में जाना जाता है।
प्रख्यात अर्थशास्त्री, पर्यावरणविद् प्रोफेसर राधामोहन का निधन
प्रख्यात अर्थशास्त्री, पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता प्रोफेसर राधामोहन का 11 जून, 2021 को भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 78 वर्ष के थे।
- अर्थशास्त्र के सेवानिवृत्त प्रोफेसर राधामोहन और उनकी बेटी साबरमती को कृषि क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 2020 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म श्री पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
- बाप-बेटी की जोड़ी को ओडिशा के नयागढ़ जिले में जैविक खेती तकनीक के माध्यम से बंजर भूमि के एक टुकड़े को हरे- भरे फलों के जंगल में परिवर्तित करने का श्रेय जाता है।
- वे देश भर के किसानों को सतत जैविक खेती (sustainable organic farming) में सक्षम कर रहे थे। राधामोहन ने किसानों को जैविक खेती और बीजों के विनिमय के बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से एक सामाजिक संगठन 'संभव' (Sambhav) की स्थापना की थी।
- ओडिशा सरकार ने उन्हें उनकी उत्कृष्ट सामाजिक सेवा के लिए 'उत्कल सेवा सम्मान' से सम्मानित किया था। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने पर्यावरण के लिए उनके विशिष्ट कार्य के लिए उन्हें 'द ग्लोबल रोल ऑफ ऑनर' (The Global Roll of Honour) से सम्मानित किया था।
- ओडिशा सरकार ने उन्हें राज्य सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्त किया था। इसके अलावा वे राज्य योजना बोर्ड, सलाहकार समिति, राज्य वन्यजीव सलाहकार समिति, एनएसएस सलाहकार समिति, संयुक्त वन प्रबंधन संचालन समिति तथा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य भी रहे।
देश के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अशोक पनगढ़िया का निधन
देश के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अशोक पनगढ़िया का 11 जून, 2021 को कोविड -19 जटिलताओं से जूझने के बाद निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे।
- उन्होंने सवाई मान सिंह मेडिकल (एसएमएस) कॉलेज में न्यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष के रूप में कार्य किया था तथा वे 2006 से 2010 तक एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य भी रहे।
- 2014 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
- उन्होंने 1992 में राजस्थान सरकार से मेरिट अवॉर्ड प्राप्त किया था। इसके अलावा 2002 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने उन्हें प्रतिष्ठित डॉ. बीसी रॉय पुरस्कार से भी सम्मानित किया था।
मशहूर फिल्म निर्माता बुद्धदेव दासगुप्ता का निधन
बंगाली फिल्मों के मशहूर फिल्म निर्माता बुद्धदेव दासगुप्ता का 10 जून, 2021 को कोलकाता में निधन हो गया। वे 76 वर्ष के थे
- उन्होंने अर्थशास्त्र के व्याख्याता (lecturer) के रूप में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने जल्द ही फिल्म निर्माण की ओर रुख किया और 1960 के दशक के अंत में वृत्तचित्र बनाना शुरू किया।
- उनकी पहली फीचर फिल्म 'दूरत्व' (1978) थी। उनकी महत्वपूर्ण फिल्मों में 'फेरा' (1988), 'बाघ बहादुर' (1989), 'तहदेर कथा' (1992), 'चराचर' (1994), 'उत्तरा' (2000), 'मोंडो मेयर उपाख्यान' (2002), 'कालपुरुष' (2005) और 'टोपे' (2016) शामिल हैं।
- 'कालपुरुष' के लिए उन्होंने 2006 में 'सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार' जीता। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए पांच राष्ट्रीय पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए दो पुरस्कार जीते।
- उन्हें स्पेन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में 'लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड', एथेंस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में 'गोल्डन अवार्ड' और बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में 'गोल्डन बीयर अवार्ड' (Golden Bear Award) से सम्मानित किया गया था।
मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथ का निधन
मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ का 3 जून, 2021 को निधन हो गया है। वे 91 वर्ष के थे।
- वह 18 साल से अधिक के कार्यकाल के साथ सबसे लंबे समय तक मॉरीशस के प्रधानमंत्री रहे।
- जगन्नाथ ने पहले 1982 और 1995 के बीच, फिर 2000 और 2003 के बीच, और बाद में 2014 और 2017 के बीच प्रधानमंत्री का पद संभाला।
- जगन्नाथ 2003 से 2012 तक मॉरीशस के राष्ट्रपति पद पर भी रहे। उन्हें '1980 के दशक के मॉरीशस के आर्थिक चमत्कार का जनक' (father of the Mauritian economic miracle of the 1980s) माना जाता था।
- उन्हें 2020 में एनआरआई/पीआईओ/विदेशी श्रेणी के तहत भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
- अनिरुद्ध जगन्नाथ के पूर्वज उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के रसड़ा के मूल निवासी थे। वर्तमान में उनके बेटे प्रविंद जगन्नाथ मॉरीशस के प्रधानमंत्री हैं।
प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.के. के. अग्रवाल का निधन
17 मई‚ 2021 को देश के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.के. के. अग्रवाल का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया। वे 62 वर्ष के थे।
- वे हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (HCFI के प्रमुख और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के पूर्व अध्यक्ष थे।
- उन्हें केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2010 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। उन्हें वर्ष 2005 में डॉ. बी.सी. रॉय अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।
चीन के 'हाइब्रिड चावल के जनक' युआन लॉन्गपिंग का निधन
चीनी कृषि वैज्ञानिक युआन लॉन्गपिंग का 22 मई, 2021 को निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे।
- उन्हें चीन में धान की संकर प्रजाति विकसित करने के लिए जाना जाता है, जिसकी वजह से देश में खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि हुई।
- चीन में कृषि में उनके योगदान के लिए उन्हें 'हाइब्रिड चावल के जनक' (father of hybrid rice) के नाम से जाना जाता है।
- उन्होंने 1973 में 'नैन-यू नंबर 2' (Nan-you No. 2) नामक पहला हाइब्रिड चावल संयोजन विकसित किया, जिसने संकरओज (heterosis) के कारण, पिछली किस्मों की तुलना में 20% अधिक उपज दी।
- पूरे एशिया, अफ्रीका और अमेरिका में फैले संकर चावल ने दुनिया भर के किसानों को उनकी तकनीक से लाभान्वित किया।
- 2004 में, उन्हें "उच्च उपज वाली संकर चावल किस्मों के प्रजनन के लिए आवश्यक आनुवंशिक सामग्री और प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में उनकी सफलता की उपलब्धि के लिए'' 'विश्व खाद्य पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।
- रेमन मैग्सेसे अवार्ड फाउंडेशन, ने उन्हें 2001 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया था।
विख्यात संस्कृत विद्वान पंडित रेवा प्रसाद द्विवेदी का निधन
विख्यात संस्कृत विद्वान और कवि पंडित रेवा प्रसाद द्विवेदी का 22 मई, 2021 को निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे।
- उनकी प्रमुख रचनाएँ दो संस्कृत महाकाव्य कविताएँ 'सीताचरितम' और 'स्वातंत्र्यसंभवम' हैं।
- उनका दूसरा महाकाव्य, स्वातंत्र्य-संभवम, जिसने 1991 में ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ जीता, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के समय से लेकर स्वतंत्रता के बाद की घटनाओं तक भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन को चित्रित करता है।
- वे कालिदास संस्थान, वाराणसी के संस्थापक भी रहे।
- उन्हें 1993 में भारतीय भाषा परिषद, कलकत्ता द्वारा 'कल्पावल्ली पुरस्कार'; 1997 में के.के. बिड़ला फाउंडेशन, नई दिल्ली द्वारा 'वाचस्पति पुरस्कार'; और 1999 में आर.जे. डालमिया श्रीवेणी ट्रस्ट, दिल्ली द्वारा 'श्रीवेणी पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया था।
कलाक्षेत्र फाउंडेशन
केंद्र सरकार ने 21 मई, 2021 को 12 प्रख्यात कलाकारों और संगीतकारों को कलाक्षेत्र फाउंडेशन के शासी निकाय के सदस्यों के तौर पर नामित किया है।
- कलाक्षेत्र फाउंडेशन एक कला और सांस्कृतिक अकादमी है, जो भारतीय कला और शिल्प में, खासकर ‘भरतनाट्यम नृत्य’ और ‘गंधर्ववेद संगीत’ के क्षेत्र में पारंपरिक मूल्यों के संरक्षण के लिए समर्पित है।
- यह चेन्नई में स्थित है। इसकी स्थापना 1936 में रुक्मिणी देवी अरुंडेल और उनके पति जॉर्ज अरुंडेल ने की थी।
- कलाक्षेत्र फाउंडेशन को भारत सरकार द्वारा 1993 में संसद के एक अधिनियम द्वारा ‘राष्ट्रीय महत्व के संस्थान’ के रूप में मान्यता दी गई थी और अब यह संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त निकाय है।
विश्व कछुआ दिवस
23 मई
महत्वपूर्ण तथ्य: यह दिवस गैर-लाभकारी संगठन अमेरिकन टोरटोइज रेस्क्यू द्वारा मनाया जाता है। इसे वार्षिक रूप से लोगों को कछुओं का संरक्षण करने और दुनिया भर में उनके प्रयावासों के लुप्त होने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्रीकुमार बनर्जी का निधन
परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्रीकुमार बनर्जी का 23 मई, 2021 को निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे।
- वे 2012 में परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। बनर्जी ने 2004 से 2010 तक ‘भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र’ (BARC) के निदेशक के रूप में भी काम किया।
- बनर्जी IIT खड़गपुर से धातु विज्ञान इंजीनियरिंग (metallurgy engineering) में बी टेक की डिग्री पूरी करने के बाद BARC में शामिल हुए थे। बनर्जी का काम ‘भौतिक धातु विज्ञान’ और ‘परमाणु सामग्री और रिएक्टर इंजीनियरिंग’ पर केंद्रित था।
- उन्हें 2005 में पद्म श्री और 1989 में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा का निधन
प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और गांधीवादी सुंदरलाल बहुगुणा का 21 मई, 2021 को एम्स, ऋषिकेश में निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे।
- 9 जनवरी, 1927 को उत्तराखंड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश) के टिहरी के मरोड़ा गाँव में जन्मे बहुगुणा ने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया था और बाद में विनोबा भावे के ‘सर्वोदय आंदोलन’ का हिस्सा बने थे।
- उन्होंने स्थानीय महिलाओं के साथ मिलकर 1970 के दशक में पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए 'चिपको आंदोलन' शुरू किया था।
- पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी, बहुगुणा ने 1980 के दशक में हिमालय में बड़े बांधों के निर्माण के खिलाफ अभियान चलाया। वह लगातार टिहरी बांध के निर्माण का घोर विरोध कर रहे थे।
- बहुगुणा ने अस्पृश्यता का भी विरोध किया और वर्ष 1965 से 1970 के दशक की शुरुआत तक चले शराब विरोधी आंदोलन में भाग लेने के लिए पहाड़ों में महिलाओं को लामबंद किया था।
- टिहरी बांध परियोजना को रद्द करने से सरकार के इनकार पर उन्होंने 1981 में, पद्म श्री पुरस्कार को ठुकरा दिया था।
- बहुगुणा को 2009 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मानपद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें 1986 में ‘जमनालाल बजाज पुरस्कार’ से भी सम्मनित किया गया था।
- 1987 में ‘चिपको आन्दोलन’ को ‘राइट लाइवलीहुड अवार्ड’ से भी सम्मनित किया गया था, जिसे 'वैकल्पिक नोबेल पुरस्कार' के रूप में जाना जाता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री चमन लाल गुप्ता का निधन
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वयोवृद्ध नेता चमन लाल गुप्ता का लंबी बीमारी के बाद 18 मई, 2021 को निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे।
- 1972 में पहली बार जम्मू-कश्मीर विधान सभा के सदस्य बनने के बाद उनका पांच दशकों का एक शानदार राजनीतिक जीवन रहा। वे 2008 और 2014 के बीच फिर से जम्मू-कश्मीर विधान सभा के सदस्य बने थे।
- वे 1996 में जम्मू के उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से 11वीं लोकसभा के लिए चुने गए और 1998 और 1999 में 12वीं और 13वीं लोक सभा के लिए फिर से चुने गए।
- उन्होंने केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री के तौर पर भी काम किया था।
वयोवृद्ध तमिल लेखक 'की राजनारायणन' का निधन
वयोवृद्ध तमिल लेखक और साहित्य अकादमी विजेता ‘की राजनारायणन’ (Ki Rajanarayanan) का 17 मई, 2021 को पुडुचेरी में निधन हो गया। वे 98 वर्ष के थे।
- 'की रा' (Ki Ra) के नाम से लोकप्रिय, राजनारायणन की पहली लघु कहानी 'मायामान' 1959 में 'सरस्वती' पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।
- उन्हें 'करिसल साहित्य' के अग्रदूत के रूप में जाना जाता था। राजनारायण 1980 के दशक में पुडुचेरी विश्वविद्यालय में लोक-साहित्य विभाग के प्रोफेसर थे।
- उन्हें 1991 में उनके उपन्यास 'गोपालापुरातु मक्कल' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
वयोवृद्ध अभिनेता के डी चंद्रन का निधन
'हम हैं राही प्यार के' और 'चाइना गेट' जैसी फिल्मों के लिए जाने जाने वाले वयोवृद्ध अभिनेता के डी चंद्रन का 16 मई, 2021 को निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे।
- प्रसिद्ध अभिनेत्री-नर्तक सुधा चंद्रन के पिता के डी चंद्रन ने 'तेरे मेरे सपने', 'हर दिल जो प्यार करेगा', 'कोई मिल गया' जैसी लोकप्रिय बॉलीवुड फिल्मों और टीवी शो 'गुलमोहर' में भी काम किया था।
प्रतिष्ठित गणितज्ञ प्रो. एम एस नरसिम्हन का निधन
प्रतिष्ठित गणितज्ञ प्रो. एम एस नरसिम्हन का 16 मई, 2021 को निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे।
- सीएस शेषाद्रि के साथ वे ‘नरसिम्हन-शेषाद्रि प्रमेय’ के लिए प्रसिद्ध थे, उन्होंने ‘अवकल ज्यामिति’ (Differential geometry) और ‘बीजगणितीय ज्यामिति’ (Algebraic geometry) में अग्रणी योगदान दिया था।
- वे 2006 में विज्ञान के लिए 'किंग फैजल अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार' से सम्मानित होने वाले एकमात्र भारतीय थे।
- वे 1982 से 1986 तक अंतरराष्ट्रीय गणितीय संघ (IMU) की कार्यकारी समिति के सदस्य और IMU के विकास और विनिमय आयोग (1986-94) के अध्यक्ष थे।
- प्रोफेसर नरसिम्हन ‘द रॉयल सोसाइटी, लंदन’, ‘इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज’ और 'द एकेडमी ऑफ साइंसेज फॉर द डेवलपिंग वर्ल्ड' (TWAS) के फेलो थे।
- वे भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (1988) के ‘श्रीनिवास रामानुजन पदक’ के प्राप्तकर्ता हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण (1990) और फ्रांस के राष्ट्रपति द्वारा 'शेवेलियर डी ल'ऑर्ड्रे डू मेरिट' (Chevalier de l'ordre du Merite) से सम्मानित किया गया था।
- अन्य पुरस्कार और सम्मान: गणित के लिए TWAS पुरस्कार (1987), भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन का सीवी रमन जन्म शताब्दी पुरस्कार (1994) तथा शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार (1975)।
प्रसिद्ध असमिया साहित्यकार और पत्रकार होमेन बोर्गोहिन का निधन
प्रसिद्ध असमिया साहित्यकार और पत्रकार होमेन बोर्गोहिन का 12 मई, 2021 को गुवाहाटी के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे।
- होमेन असमिया दैनिक ‘नियोमिया बार्ता’ के प्रधान संपादक थे।
- उन्होंने असम सिविल सेवा अधिकारी के रूप में करियर की शुरुआत की थी। बाद में वह पत्रकारिता में आ गए और ‘अमार असम’, ‘असम बाणी’, ‘नीलाचल’, ‘सूत्रधार’, ‘नागरिक’, ‘सतसोरी’ जैसे लोकप्रिय अखबारों और पत्रिकाओं में काम किया।
- एक लेखक और स्तंभकार रहे बोर्गोहिन को 1978 में उनकी पुस्तक ’पिता-पुत्र’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो उन्होंने देश में बढ़ते धार्मिक और सामाजिक असहिष्णुता के विरोध में 2015 में वापस लौटा दिया था।
देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी का निधन
भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल और जाने-माने न्यायविद सोली सोराबजी का 30 अप्रैल, 2021 को कोरोना संक्रमण के कारण निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे।
- सोली सोराबजी पहले 1989 से 1990 तक और उसके बाद 1998 से 2004 तक अटॉर्नी जनरल रहे थे।
- उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1953 में बॉम्बे हाई कोर्ट से की थी। 1971 में सोली को वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया था।
- 2002 में, उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
टाइम्स ग्रुप की अध्यक्ष इंदु जैन का निधन
टाइम्स ग्रुप की अध्यक्ष इंदु जैन का 13 मई, 2021 को कोविड से संबंधित जटिलताओं के कारण निधन हो गया। वे 84 वर्ष की थीं।
- इंदु जैन ने 1999 में बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (टाइम्स ग्रुप) के मालिक अपने पति अशोक जैन की मृत्यु के बाद कंपनी के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था।
- टाइम्स ग्रुप में टाइम्स नाउ, मिरर नाउ, मूवीज नाउ, जूम और रोमेडी नाउ जैसे समाचार और मनोरंजन चैनलों के अलावा टाइम्स ऑफ इंडिया, नवभारत टाइम्स और इकोनॉमिक टाइम्स समाचार पत्र शामिल हैं।
- उन्होंने 2000 में ‘द टाइम्स फाउंडेशन’ की स्थापना की थी। यह सामुदायिक सेवाएं प्रदान करता है और चक्रवात, भूकंप, बाढ़, महामारी और अन्य संकटों के दौरान सहायता प्रदान करने के लिए ‘टाइम्स सहायता फंड’ चलाता है।
- वे भारत में महिलाओं के बीच उद्यमशीलता और पेशेवर उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए 1983 में स्थापित फिक्की महिला संगठन (FLO) की संस्थापक अध्यक्ष थीं।
- वे भारतीय ज्ञानपीठ ट्रस्ट की अध्यक्ष भी थीं, जो प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान करता है। उन्हें 2016 में पद्म भूषण सहित कई सम्मान से नवाजा गया था।
वयोवृद्ध उर्दू समीक्षक प्रोफेसर शमीम हनफी का निधन
- वयोवृद्ध उर्दू समीक्षक, लेखक और कवि, प्रोफेसर शमीम हनफी का 6 मई, 2021 को नई दिल्ली में निधन हो गया। वे 82 वर्ष के थे।
- प्रोफेसर हनफी जामिया मिलिया इस्लामिया के साथ प्रोफेसर एमेरिटस के रूप में जुड़े थे।
- उर्दू साहित्य में आधुनिकतावादी आंदोलन के समर्थक, प्रोफेसर हनफी ने साहित्यिक आलोचना, बच्चों के लिए नाटकों और पुस्तकों पर कई किताबें लिखीं।
- उन्होंने अबुल कलाम आजाद की पुस्तक 'इंडिया विन्स फ्रीडम' (India Wins Freedom) का भी अनुवाद किया।
- उन्हें 2015 में भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रथम ज्ञानगरिमा मानद अलंकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें मौलाना अबुल कलाम आजाद पुरस्कार, दिल्ली का उर्दू अकादमी पुरस्कार और गालिब पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
केरल की वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता के आर गौरी अम्मा का निधन
वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता और जनतिपथ्य संरक्षण समिति (JSS) की नेता, के.आर. गौरी अम्मा का 11 मई, 2021 को तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 101 वर्ष की थीं।
- केरल की राजनीति में हमेशा आयरन लेडी (Iron Lady) के नाम से जानी जाने वाली गौरी अम्मा के नाम कई रिकॉर्ड थे। वह केरल विधान सभा में सबसे लंबे समय तक सेवारत महिला विधायक, विधान सभा में सबसे उम्रदराज महिला सदस्य तथा सबसे उम्रदराज महिला मंत्री रही हैं।
- 1964 में कम्युनिस्ट पार्टी के विभाजन के बाद, के आर गौरी भारत की नवगठित कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआई-एम) में शामिल हो गई थी।
- सीपीआई-एम से उनके निष्कासन के बाद उन्होंने 1994 में एक विद्रोही संगठन जनतिपथ्य संरक्षण समिति का गठन किया था।
- वे साल 1957 में केरल में तत्कालीन मुख्यमंत्री ईं. एम. एस. नंबूदरीपाद के नेतृत्व वाली पहली लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई कम्युनिस्ट सरकार में राजस्व मंत्री थीं।
- गौरी ने ऐतिहासिक केरल कृषि संबंध विधेयक का मसौदा तैयार किया था, जिससे भूमि सुधार का मार्ग प्रशस्त किया था।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल जगमोहन का निधन
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल जगमोहन का 3 मई, 2021 को दिल्ली में निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे।
- 25 सितंबर, 1927 को जन्मे ‘जगमोहन मल्होत्रा’ को ‘जगमोहन’ के नाम से जाना जाता था।
- जगमोहन दो बार जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे - 1984 से 89 तक, और फिर जनवरी 1990 से मई 1990 तक।
- वे 1996 में पहली बार लोक सभा के लिए चुने गए थे और उन्होंने केंद्रीय शहरी विकास और पर्यटन मंत्री के रूप में भी काम किया।
- उन्हें 1971 में पद्म श्री, 1977 में पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
प्रख्यात मूर्तिकार रघुनाथ महापात्र का निधन
प्रख्यात मूर्तिकार और राज्य सभा सदस्य रघुनाथ महापात्र का 9 मई, 2021 को कोविड -19 के कारण एम्स-भुवनेश्वर में निधन हो गया। वे 78 वर्ष के थे।
- 2018 में, उन्हें ओडिशा से राज्य सभा के लिए नामित किया गया था। पत्थर पर खुदाई कर एक सुप्रसिद्ध मूर्तिकार के रूप में विख्यात महापात्र को 2013 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
- महापात्र को 1964 में मूर्तिकला के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और 1975 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। 2001 में, उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। पांच दशकों में, उन्होंने 2,000 से अधिक मूर्तिकारों के कौशल को निखारा।
वयोवृद्ध संगीतकार वनराज भाटिया का निधन
हिंदुस्तानी और पाश्चात्य शास्त्रीय संगीत पर बराबर की पकड़ रखने वाले प्रसिद्ध संगीतकार वनराज भाटिया का 7 मई, 2021 को मुंबई में निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे।
- श्याम बेनेगल की फिल्म ‘अंकुर’ से अपने फिल्मी करियर की शुरूआत करने वाले वनराज भाटिया देश के पहले संगीतकार रहे, जिन्होंने विज्ञापन फिल्मों के लिए अलग से संगीत रचने की शुरूआत की।
- ‘मंथन’, ‘भूमिका’, ‘जाने भी दो यारों’, ’36 चौरंगी लेन’ और ‘द्रोहकाल’ जैसी फिल्मों से वह हिंदी सिनेमा में लोकप्रिय हुए।
- वनराज भाटिया का नाम घर घर पहुंचाने का काम दूरदर्शन पर प्रसारित धारावाहिक ‘भारत एक खोज’ ने किया। इसके अलावा उन्होंने दर्जनों वृत्तचित्रों का संगीत दिया और ‘खानदान’, ‘वागले की दुनिया’ और ‘बनेगी अपनी बात’ जैसे धारावाहिकों का संगीत भी दिया।
- भाटिया को 1988 में टेलीविजन पर रिलीज हुई फिल्म ‘तमस’ के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया था। इसके अलावा सृजनात्मक व प्रयोगात्मक संगीत के लिए 1989 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। भारत सरकार ने उन्हें 2012 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया।
डॉ. फिलिपोज मार क्राइसोस्टोम मार थोमा वलिया का निधन
- केरल स्थित मलंकरा मार थोमा सीरियन चर्च के पूर्व प्रमुख और भारत में सबसे लंबे समय तक बिशप के रूप में सेवा दे चुके डॉ. फिलिपोज मार क्राइसोस्टोम मार थोमा वालिया का 5 मई, 2021 को निधन हो गया। वे 103 वर्ष के थे।
- 1944 में उन्हें 'डीकॉन ऑफ चर्च' बनाया गया। नौ साल बाद 1953 में उन्हें बिशप बनाया गया। मार क्राइसोस्टोम 1999 में मलंकरा मार थोमा सीरियन चर्च के 20वें मेट्रोपोलिटन बने। वह 68 साल तक बिशप रहे।
- उन्हें गरीबों एवं वंचितों की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति में सुधार के लिए कई योजनाओं को लागू करने का श्रेय जाता है।
- 2018 में उन्हें देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख अजीत सिंह का निधन
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के प्रमुख अजीत सिंह का 6 मई, 2021 को गुरुग्राम में निधन हो गया। वे 82 वर्ष के थे।
- पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पुत्र, अजित सिंह ने आईआईटी खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री तथा इलेनॉइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एमएस की डिग्री हासिल की।
- 1986 में वे राज्य सभा सदस्य बने और 1989 से 2009 तक बागपत सीट से लोक सभा के लिए चुने गए।
- अजित सिंह दिसंबर 1989 से नवंबर 1990 तक पूर्व प्रधानमंत्री वी पी सिंह की कैबिनेट में केंद्रीय उद्योग मंत्री थे। बाद में उन्होंने पी वी नरसिम्हा राव सरकार में केंद्रीय खाद्य मंत्री और फिर 2001 से 2003 तक अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया। वे दिसंबर 2011 से मई 2014 तक केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री भी रहे।
- उनकी राजनीति पश्चिम उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों खासकर कृषि समुदायों से समर्थित थी।
एडोब इंक के सह-संस्थापक चार्ल्स गेशके का निधन
ग्राफिक्स और पब्लिशिंग सॉफ्टवेयर कंपनी एडोब इंक (Adobe Inc) के सह-संस्थापक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक चार्ल्स गेशके (Charles Geschke) का 16 अप्रैल, 2021 को निधन हो गया है। वे 81 वर्ष के थे।
- गेश्के ने 1982 में अपने साथी दोस्त जॉन वॉर्नक (John Warnock) के साथ एडोब कंपनी की स्थापना की थी।
- गेश्के, जिन्हें चक (Chuck) के रूप में जाना जाता था, ने लोकप्रिय पोर्टेबल दस्तावेज प्रारूप (PDF) को विकसित करने में भी मदद की।
- भारतीय अमेरिकी व्यवसायिक अधिकारी शांतनु नारायण एडोब के चेयरमैन, अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।
पूर्व सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा का निधन
पूर्व सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा का कोविड संबंधित जटिलताओं के कारण 16 अप्रैल, 2021 को निधन हो गया। वे 68 वर्ष के थे।
- बिहार कैडर के 1974 बैच के आईपीएस अधिकारी सिन्हा 21 साल की छोटी उम्र में सेवा में शामिल हुए, अपने राज्य और केंद्रीय एजेंसियों में लंबे समय तक सेवाएं दी।
- बिहार में कई जिलों में कानून व्यवस्था को संभालने के अलावा, सिन्हा 2012 में सीबीआई के प्रमुख नियुक्त किए जाने से पहले रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के प्रमुख भी रहे थे।
जापान के प्रसिद्ध भौतिकी विज्ञानी इसामु अकासाकी का निधन
1 अप्रैल, 2021 को जापान के प्रसिद्ध भौतिकी विज्ञानी इसामु अकासाकी (Isamu Akasaki) का निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे।
- इन्होंने 1989 में दुनिया के पहले चमकीले गैलियम नाइट्राइड (gallium nitride) ब्लू एलईडी का आविष्कार किया था।
- उन्हें ब्लू एलईडी (LED: Light Emitting Diodes) की खोज के लिए हिरोशी अमानो और शुजी नाकामुरा के साथ वर्ष 2014 के भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
प्रख्यात कवि शंख घोष का निधन
प्रख्यात कवि और आलोचक शंख घोष का 21 अप्रैल, 2021 को कोलकाता में निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे।
- उनका जन्म 6 फरवरी, 1932 को चांदपुर में हुआ था, जो वर्तमान में बांग्लादेश में है।
- घोष शक्ति चट्टोपाध्याय, अलोकरंजन दासगुप्ता और सुनील गंगोपाध्याय के साथ बंगाली कविता की सबसे महत्वपूर्ण हस्तियों में से एक थे। घोष को रवींद्र नाथ टैगोर की साहित्यिक विरासत को आगे बढ़ाने वाला रचनाकार माना जाता है।
- कवि ने 'माटी' नामक कविता के माध्यम से नागरिकता (संशोधन) अधिनियम का भी कड़ा विरोध व्यक्त किया था। उनकी अन्य प्रसिद्ध कविताएँ हैं, 'आंदोलन', 'मुख धेके जाई बिग्गापोन', 'चुप कोरो' और 'बोहिरागोतो'।
- उन्हें 2016 में ज्ञानपीठ पुरस्कार और 2011 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। घोष को उनके कविता संग्रह 'बाबारेर प्रार्थना' के लिए 1977 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं उपन्यासकार नरेंद्र कोहली का निधन
हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं उपन्यासकार नरेंद्र कोहली का 17 अप्रैल, 2021 को निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे।
- उन्होंने उपन्यास, व्यंग्य, नाटक, कहानी के अलावा संस्मरण, निबंध जैसी सभी विधाओं में लगभग सौ से अधिक पुस्तकें लिखीं। उन्होंने महाभारत की कथा को अपने उपन्यास ‘महासमर’ के आठ खंडों में समाहित किया।
- उन्होंने पहली बार रामकथा को उपन्यास शृंखला के रूप में लिखा। तुलसी के बाद में उन्होंने रामकथा को जनमानस तक पहुचांया। कोहली को ‘आधुनिक तुलसीदास’ के नाम से भी जाना जाता था।
- कोहली को शलाका सम्मान, साहित्य भूषण, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान पुरस्कार, साहित्य सम्मान तथा पद्मश्री सहित दर्जनों पुरस्कार से नवाजा गया था।
संगीतकार श्रवण राठौर का निधन
बॉलीवुड की मशहूर जोड़ी नदीम-श्रवण में से जाने माने संगीतकार श्रवण राठौर का 22 अप्रैल, 2021 को निधन हो गया। वे 66 वर्ष के थे।
- 1990 के दशक में नदीम-श्रवण की जोड़ी के संगीत का दबदबा बॉलीवुड में छाया रहा। नदीम सैफी ने श्रवण राठौर के साथ मिलकर कई शानदार फिल्मों में संगीत दिया है।
- नदीम-श्रवण की जोड़ी ने ‘आशिकी’, ‘साजन’, ‘सड़क’, ‘दिल है कि मानता नहीं’, ‘साथी’, ‘दीवाना’, ‘फूल और कांटे’, ‘राजा हिंदुस्तानी’, ‘जान तेरे नाम’, ‘रंग’, ‘राजा’, ‘धड़कन’, ‘परदेस’, ‘दिलवाले’ और ‘राज’ जैसी फिल्मों में संगीत से पहचान बनाई थी।
प्रख्यात ओडिया और अंग्रेजी लेखक मनोज दास का निधन
प्रख्यात ओडिया और अंग्रेजी लेखक मनोज दास का 27 अप्रैल, 2021 को पुडुचेरी में निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे।
- 27 फरवरी, 1934 को बालासोर जिले के सांखारी गांव में जन्मे दास, श्री अरबिंदो की शिक्षाओं से प्रभावित थे और 1963 से उन्होंने पुडुचेरी के अरबिंदो आश्रम में रहने का फैसला किया था। वे श्री अरबिंदो अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य और श्री अरबिंदो के दर्शन को पढ़ा रहे थे।
- दास को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 2020 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इससे पहले उन्हें 2001 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
- वे श्री अरबिंदो पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार (1972), ओडिशा साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य भारती पुरस्कार और 2000 में सरस्वती सम्मान के प्राप्तकर्ता भी हैं।
आरबीई के पूर्व गवर्नर मैदावोलू नरसिम्हम का निधन
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीई) के पूर्व गवर्नर मैदावोलू नरसिम्हम (Maidavolu Narasimham) का 20 अप्रैल, 2021 को निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे।
- वे ‘भारतीय बैंकिंग सुधारों के जनक’ (Father of Indian Banking Reforms) के रूप में प्रसिद्ध थे।
- वे RBI के 13वें गवर्नर थे और उन्होंने 2 मई, 1977 से 30 नवंबर, 1977 तक कार्य किया।
- नरसिम्हम रिजर्व बैंक कैडर से नियुक्त होने वाले पहले और अब तक के एकमात्र गवर्नर थे, जो आर्थिक विभाग में अनुसंधान अधिकारी के रूप में बैंक में शामिल हुए थे।
- गवर्नर के रूप में नियुक्ति से पहले उन्होंने आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव के रूप में कार्य किया।
- RBI गवर्नर के रूप में अपने कार्यकाल के बाद, उन्होंने विश्व बैंक में भारत के कार्यकारी निदेशक और बाद में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में कार्य किया था।
- नरसिम्हम ने 'वित्तीय प्रणाली, 1991' और 'बैंकिंग क्षेत्र सुधार समिति, 1998’ सहित विभिन्न समितियों का नेतृत्व किया था। नरसिम्हम को वर्ष 2000 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
एसएसबी के पूर्व प्रमुख अरुण चौधरी का निधन
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के पूर्व प्रमुख अरुण चौधरी का 25 अप्रैल, 2021 को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण निधन हो गया। वे 66 वर्ष के थे।
- बिहार कैडर के 1977 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी, चौधरी ने लगभग दो दशकों तक इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में सेवाएं दी।
- उन्होंने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के साथ भी काम किया, जहाँ उन्होंने इसकी 'हवाई अड्डे की सुरक्षा इकाई' का नेतृत्व किया।
- दिसंबर 2012 में, उन्हें एसएसबी का महानिदेशक नियुक्त किया गया था और वे 30 अप्रैल, 2014 को सेवानिवृत्त हो गए थे।
प्रख्यात शास्त्रीय गायक राजन मिश्र का निधन
प्रख्यात शास्त्रीय गायक राजन मिश्र का 25 अप्रैल, 2021 को दिल्ली में निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे।
- पंडित राजन मिश्र हिंदुस्तानी संगीत की ख्याल शैली के एक दिग्गज थे। बनारस घराने से ताल्लुक रखने वाले, पंडित राजन मिश्र अपने भाई साजन मिश्र के साथ दशकों से भारतीय और वैश्विक दर्शकों के लिए अपनी प्रस्तुति दे रहे थे।
- संगीत में उनके योगदान के लिए उन्हें (दोनों भाइयों) पद्म भूषण पुरस्कार, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और गंधर्व राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहन एम. शांतनगौदर का निधन
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहन एम. शांतनगौदर का 25 अप्रैल, 2021 को गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 62 वर्ष के थे।
- वे सुप्रीम कोर्ट के नौवें वरिष्ठतम न्यायाधीश थे। सिविल, आपराधिक और संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञ शांतनगौदर ने 1999 से 2002 तक कर्नाटक के राज्य लोक अभियोजक (State Public Prosecutor) के रूप में कार्य किया था। उन्हें सितंबर 2004 में कर्नाटक उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
- उन्हें 2016 में केरल उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। उन्होंने 17 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली थी, उन्हें 4 मई, 2023 को सेवानिवृत्त होना था।
प्रसिद्ध इस्लामिक विद्वान मौलाना वहीदुद्दीन खान का निधन
प्रसिद्ध इस्लामिक विद्वान मौलाना वहीदुद्दीन खान का 21 अप्रैल, 2021 को दिल्ली में निधन हो गया। वे 96 वर्ष के थे।
- मौलाना वहीदुद्दीन खान का जन्म 1925 में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में हुआ था। उन्होंने धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए 1938 में आजमगढ़ के पास सराय मीर में एक पारंपरिक इस्लामी मदरसा ‘मदरसातुल इस्लाही’ (Madrasatul Islahi) में पढ़ाई की।
- खान ने इस्लाम के कई पहलुओं पर 200 से अधिक पुस्तकें लिखीं और विभिन्न धर्मों के बीच संवाद को बढ़ावा देने के लिए 'शांति और आध्यात्मिकता केंद्र' (Centre for Peace and Spirituality) की स्थापना की।
- 2000 में पद्म भूषण से सम्मानित 96 वर्षीय विद्वान को इस वर्ष पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
- उन्होंने चरमपंथ और पवित्र ग्रंथों की रूढ़िवादी व्याख्याओं के खिलाफ धर्मयुद्ध किया। मौलाना खान नई दिल्ली में इस्लामिक सेंटर के संस्थापक थे।
- उन्होंने उस समय सुर्खियाँ बटोरी थीं, जब उन्होंने बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि विवाद के लिए अपना ’शांति सूत्र’ दिया और मुसलमानों से अयोध्या में विवादित भूमि पर अपने दावों को वापस लेने के लिए कहा था।
असम के पूर्व मुख्यमंत्री भूमिधर बर्मन का निधन
असम के पूर्व मुख्यमंत्री भूमिधर बर्मन का लंबी बीमारी के बाद 18 अप्रैल, 2021 को गुवाहाटी के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे।
- कांग्रेस के दिग्गज भूमिधर बर्मन ने अपने पूर्ववर्ती हितेश्वर सैकिया की मृत्यु के बाद 22 अप्रैल, 1996 से 23 दिनों के लिए मुख्यमंत्री पद संभाला था।
- बर्मन हितेश्वर सैकिया और तरुण गोगोई दोनों सरकारों में मंत्री थे। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा और राजस्व जैसे महत्वपूर्ण विभागों को को संभाला था।
- वे पहली बार 1967 में पश्चिमी असम के बरखेत्री निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के लिए चुने गए थे।
मराठी फिल्म निर्माता सुमित्रा भावे का निधन
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मराठी फिल्म निर्माता सुमित्रा भावे का 19 अप्रैल, 2021 को पुणे में निधन हो गया। वे 78 वर्ष की थीं।
- 'बाई' और 'पानी' जैसी शुरुआती लघु फिल्मों की लोकप्रियता के बाद उन्होंने 1995 में अपनी पहली फिल्म 'दोघी' बनाई, जिसके बाद उनकी फिल्में 'दाहवी फ', 'वास्तुपुरुष', 'देवराई', 'बाधा', और 'नितल', 'एक कप च्या', 'घो माला असला हवा', 'कसाव' और 'अस्तू' रिलीज हुई।
- फिल्म निर्माता सुनील सुथंकर के साथ 'स्ट्रेंज प्रोडक्शन' के बैनर तले बनी उनकी फिल्में विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर आधारित थीं।
प्रसिद्ध बांग्लादेशी अभिनेत्री सारा बेगम कबोरी का निधन
प्रसिद्ध बांग्लादेशी अभिनेत्री सारा बेगम कबोरी का 17 अप्रैल, 2021 को ढाका में निधन हो गया। वे 70 वर्ष की थीं।
- उन्होंने 13 साल की उम्र में सुभाष दत्ता द्वारा निर्देशित 'सुतोरंग' से अपने करियर की शुरुआत की।
- उन्होंने बांग्ला सिनेमा में 5 दशकों के फिल्म करियर में 'सुजोन सोखी', 'सारेंग बौ', 'शत भाई चंपा', 'अरुण वरुण किरण माला' और 'लालों फोकिर' जैसी फिल्मों से लोकप्रियता और प्रसिद्धि हासिल की।
- सारा बेगम कबोरी को 1978 में फिल्म 'सारेंग बौ' में उनकी भूमिका के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें 2013 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।
- वह एक स्वतंत्रता सेनानी और संसद सदस्य भी थीं। कबोरी को फिल्मों में उनकी भूमिका के लिए बांग्लादेश सिनेमा की 'मिष्टी मेय' (स्वीट गर्ल) (Mishti Meye) के रूप में जाना जाता था।
प्रसिद्ध तमिल फिल्म अभिनेता विवेक का निधन
प्रसिद्ध तमिल फिल्म अभिनेता विवेक का 17 अप्रैल, 2021 को चेन्नई में निधन हो गया। वे 59 वर्ष के थे।
- कॉमेडियन, विवेक ने अपनी 200 से अधिक फिल्मों के माध्यम से तीन दशकों तक तमिलनाडु के लोगों का खूब मनोरंजन किया। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के शिष्य, विवेक वनीकरण और अन्य सामाजिक कल्याण गतिविधियों में भी सक्रिय रहे।
- उन्हें 2009 में भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
प्रख्यात रेडियोलॉजिस्ट काकरला सुब्बा राव का निधन
प्रख्यात रेडियोलॉजिस्ट और हैदराबाद में निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (NIMS) के पूर्व निदेशक डॉ. काकरला सुब्बा राव का 16 अप्रैल, 2021को सिकंदराबाद में निधन हो गया। वे 96 वर्ष के थे।
- उन्हें NIMS को सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल में बदलने के उनके प्रयासों के लिए जाना जाता है, डॉ. राव सेवानिवृत्त होने से पहले 1985 - 1990 और बाद में 1997 - 2004 तक इसके पहले निदेशक थे।
- 1985-86 में भारत लौटने से पहले वह अल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन, न्यूयॉर्क में रेडियोलॉजी के प्रोफेसर थे।
- चिकित्सा के क्षेत्र में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए, भारत सरकार ने उन्हें 2000 में पद्म श्री से सम्मानित किया था।
प्रख्यात इतिहासकार योगेश प्रवीण का निधन
प्रख्यात इतिहासकार और अवध क्षेत्र खासतौर से लखनऊ के विशेषज्ञ योगेश प्रवीण का 12 अप्रैल, 2021 को लखनऊ में निधन हो गया। वे 82 वर्ष के थे।
- 2019 में पद्म श्री से सम्मानित योगेश ऑल इंडिया रेडियो लखनऊ से भी जुड़े रहे। उन्होंने श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित फिल्म 'जुनून' के लिए गीत भी लिखे हैं।
- पुस्तकों के अलावा उन्होंने कविता भी प्रकाशित की। उन्हें उनकी पुस्तक 'लखनऊनामा' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। उन्हें उत्तर प्रदेश रत्न पुरस्कार (2000), राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (1999), यश भारती पुरस्कार (2006), और उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1998) सहित कई अन्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की दिग्गज अभिनेत्री प्रतिमा देवी का निधन
कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की दिग्गज अभिनेत्री प्रतिमा देवी का 6 अप्रैल, 2021 को निधन हो गया। वे 88 की थीं।
- प्रतिमा देवी ने 11 साल की उम्र में पेशेवर रंगमंच में काम करना शुरू किया और 1947 में 'कृष्णलीला' के साथ फिल्मों में अपनी शुरुआत की।
- इसके बाद 1951 में उन्होंने ‘जगनमोहिनी’ नाम की एक फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई थी। ‘जगनमोहिनी’ पहली कन्नड़ फिल्म थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर लगातार 100 दिन पूरे किए थे।
- प्रतिमा देवी ने अपने करियर में 60 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उनकी आखिरी फिल्म ‘रमा शमा भामा’ थी, जो 2005 में रिलीज हुई थी।
- उन्हें 2001- 02 में कर्नाटक सरकार द्वारा डॉ. राजकुमार लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
दिग्गज अभिनेत्री शशिकला का निधन
दिग्गज अभिनेत्री शशिकला का 4 अप्रैल, 2021 को मुंबई में उनके आवास पर निधन हो गया। वे 88 वर्ष की थीं।
- शशिकला ने 100 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया था। उन्होंने 1945 में रिलीज 'जीनत' में एक छोटी भूमिका के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। उनका पूरा नाम शशिकला जावलकर सहगल था।
- 'बिमला', 'सुजाता', 'आरती', 'अनुपमा', ‘आई मिलन की बेला’, ‘वक्त’, ‘गुमराह’, ‘खुबसूरत’, ‘मुझसे शादी करोगी’ और 'कभी खुशी कभी गम' जैसी लोकप्रिय फिल्मों में काम किया। अभिनेत्री ने लोकप्रिय टेलीविजन शो 'सोन परी' में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई थी।
- शशिकला को 2007 में सिनेमा और कला की दुनिया में उनके अद्वितीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। उन्हें 2009 में वी. शांताराम पुरस्कार समारोह में प्रतिष्ठित लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा शशिकला को ‘आरती’ और ‘गुमराह’ में अपने काम के लिए दो फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिले थे।
भारत के पहले पर्यावरण मंत्री दिग्विजयसिंह झाला का निधन
भारत के पहले पर्यावरण मंत्री और वर्तमान में गुजरात के मोरबी जिले में वांकानेर के तत्कालीन रियासत के महाराजा दिग्विजयसिंह झाला का 3 अप्रैल, 2021 को वांकानेर में निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे।
- वे 1962 में पहली बार वांकानेर निर्वाचन क्षेत्र से एक विधायक के रूप में निर्वाचित हुए और 1967 में फिर से स्वतंत्र पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुने गए।
- बाद में झाला कांग्रेस में शामिल हुए और 1979 में और फिर 1984 में सुरेंद्रनगर लोक सभा सीट से संसद के लिए चुने गए।
- उन्होंने 1982-84 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कैबिनेट में देश के पहले पर्यावरण मंत्री के रूप में कार्य किया और अपने कार्यकाल के दौरान देश में कई राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों का निर्माण किया।
गीता प्रेस के अध्यक्ष राधेश्याम खेमका का निधन
3 अप्रैल, 2021 को गीता प्रेस के अध्यक्ष राधेश्याम खेमका का वाराणसी में निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे।
- 38 साल तक खेमका प्रेस में छपी प्रमुख पत्रिका 'कल्याण' के संपादक थे। उन्होंने पत्रिका के अप्रैल 2021 के अंक को अंतिम बार संपादित किया।
- कुल मिलाकर उन्होंने पत्रिका के 38 वार्षिक विशेषांक और कल्याण के 460 सामान्य संस्करणों को संपादित किया है।
- 'कल्याण' (हिंदी) और 'कल्याण-कल्पतरु' (अंग्रेजी) मासिक पत्रिकाएं हैं, जो जीवन की बेहतरी और सभी की भलाई के लिए समर्पित हैं। 'कल्याण' (हिंदी) पत्रिका 1927 से प्रकाशित हो रही है।
- गीता प्रेस हिंदू धार्मिक ग्रंथों का दुनिया का सबसे बड़ा प्रकाशक है। इसका मुख्यालय उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर शहर में स्थित है। इसकी स्थापना 1923 में हुई थी।
प्रसिद्ध लेखक-फिल्मकार सागर सरहदी का निधन
प्रसिद्ध लेखक-फिल्मकार सागर सरहदी का 21 मार्च, 2021 को निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे।
- सागर सरहदी का असली नाम गंगा सागर तलवार था। उनका जन्म 11 मई,1933 को पाकिस्तान के एबटाबाद में हुआ था।
- उन्होंने उर्दू लघु कथाओं से अपने करियर की शुरूआत की और फिर उर्दू नाटककार बन गए।
- फिल्मकार यश चोपड़ा की वर्ष 1976 में आई अमिताभ बच्चन तथा राखी गुलजार अभिनीत फिल्म ‘कभी-कभी’ से उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा।
- उन्होंने ‘सिलसिला’ (1981), ‘चांदनी’, 1992 में आई अभिनेता शाहरूख खान की फिल्म ‘दीवाना’ और ऋतिक रोशन की पदार्पण फिल्म ‘कहो न प्यार है’ के संवाद भी लिखे।
आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर कमलेश चंद्र चक्रवर्ती का निधन
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व डिप्टी गवर्नर कमलेश चंद्र चक्रवर्ती का 26 मार्च, 2021 को निधन हो गया। वे 68 वर्ष के थे।
- चक्रवर्ती 15 जून, 2009 से 25 अप्रैल, 2014 तक केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर रहे, उन्होंने कार्यकाल समाप्त होने से तीन महीने पहले अपना पद छोड़ा था।
- इससे पहले, वे एक प्रतिष्ठित बैंकर थे, और उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक (2007-2009) और इंडियन बैंक के मुख्य प्रबंध निदेशक (2005-2007) के रूप में कार्य किया था।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुरिंदर सिंह निज्जर का निधन
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुरिंदर सिंह निज्जर का 26 मार्च, 2021 को निधन हो गया। वे 71 वर्ष के थे।
- उन्होंने 17 नवंबर, 2009 से 6 जून, 2014 तक सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया।
- उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और पंजाब और हरियाणा तथा बॉम्बे उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया था।
प्रसिद्ध पत्रकार और लेखक अनिल धारकर का निधन
प्रसिद्ध पत्रकार और लेखक अनिल धारकर का 26 मार्च, 2021 को मुंबई में निधन हो गया। वे 74 वर्ष के थे।
- धारकर हर साल नवंबर में आयोजित होने वाले मुंबई अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव के संस्थापक एवं निदेशक थे। वे 'लिटरेचर लाइव' (Literature Live) के संस्थापक एवं निदेशक भी थे।
- वे डेबोनेयर (एक मासिक), मिड-डे, संडे मिड-डे, द इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया (The Illustrated Weekly of India) और द इंडिपेंडेंट जैसे कई प्रकाशनों के संपादक थे।
- वे ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार में स्तंभकार भी रहे और उन्होंने महात्मा गांधी के दांडी मार्च पर आधारित पुस्तक 'द रोमांस ऑफ सॉल्ट' (The Romance of Salt) का लेखन भी किया।
- वे भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR), दूरदर्शन, 'चिल्ड्रन्स फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया' (Children’s Film Society of India) और भारत में फिल्म निर्माण संबंधित कई फिल्म फंडों के सलाहकार बोर्डों के सदस्य थे।
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) वाल्टर एंथोनी गुस्तावो पिंटो का निधन
भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध में जीत के लिए इंफेंट्री डिविजन का नेतृत्व करने वाले सैन्य नायक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) वाल्टर एंथोनी गुस्तावो (डब्ल्यूएजी) पिंटो का 25 मार्च, 2021 को पुणे में निधन हो गया। वे 97 वर्ष के थे।
- जनरल पिंटो ने बांग्लादेश के जन्म की निर्णायक कहानी लिखने वाले बसंतर युद्ध में 54 इंफेंट्री डिविजन का नेतृत्व किया था, जिसके लिए उन्हें प्रतिष्ठित परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।
- इस लड़ाई में पिंटो के नेतृत्व वाली डिविजन ने 14 दिन के अंदर जबरदस्त साहस के लिए 196 वीरता पदक हासिल किए थे, जिनमें दो परमवीर चक्र और 9 महावीर चक्र शामिल थे।
- उन्होंने एक पुस्तक 'बैश ऑन रिगार्डलेस' (Bash on Regardless) लिखी थी, जिसमें उन्होंने बसंतर युद्ध का वर्णन किया था।
- बसंतर की लड़ाई वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पश्चिमी सेक्टर में लड़ी गई महत्वपूर्ण लड़ाइयों में से एक थी। युद्ध की घोषणा के चार दिनों के अंदर, भारतीय सेना ने शकरगढ़ पर आक्रमण करने की पाकिस्तान की युद्धक योजनाओं को नाकाम कर दिया और भारतीय सैन्य टुकड़ियां स्यालकोट शहर के बाहर तक पहुँच गई थी।
एआईएडीएमके के राज्य सभा सदस्य ए. मोहम्मद जॉन का निधन
एआईएडीएमके के राज्य सभा सदस्य और पूर्व मंत्री ए. मोहम्मद जॉन का 23 मार्च, 2021 को रानीपेट, तमिलनाडु में निधन हो गया। वे 72 वर्ष के थे।
- वे 1996 और 2001 में रानीपेट नगर पालिका के अध्यक्ष चुने गए। 2011 में, वे तत्कालीन वेल्लोर जिले के रानीपेट निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए।
- उन्हें जुलाई 2019 में राज्य सभा सदस्य के रूप में चुना गया था और वे तमिलनाडु वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष भी थे।
तंजानिया के राष्ट्रपति जॉन मागुफुली का निधन (
तंजानिया के राष्ट्रपति जॉन मागुफुली का 17 मार्च, 2021 को निधन हो गया है। वे 61 वर्ष के थे।
- उप-राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन ने 14 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।
- उत्तर-पश्चिमी तंजानिया के छाटो शहर में वर्ष 1959 में जन्मे मागुफुली को वर्ष 2015 में पहली बार राष्ट्रपति चुना गया था। 2020 में वे दूसरी बार तंजानिया के राष्ट्रपति चुने गए थे।
- राष्ट्रपति चुने जाने से पहले ही तंजानिया की राजनीति में उन्हें उनकी नीतियों की वजह से 'बुलडोजर' के नाम से जाना जाता था।
- इस अफ्रीकी देश के संविधान के अनुसार, उप-राष्ट्रपति हसन को नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई जाएगी और वे जॉन मागुफुली के शेष कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति का पद संभालेंगी। हसन इस पूर्वी अफ्रीकी देश तंजानिया की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी।
गोवा के सुप्रसिद्ध चित्रकार लक्ष्मण पाई का निधन
गोवा के सुप्रसिद्ध चित्रकार और पद्म भूषण से सम्मानित लक्ष्मण पाई का 14 मार्च, 2021 को निधन हो गया। वे 95 वर्ष के थे।
- उनका जन्म मारगाओ (Margao) में 1926 में हुआ था। अपने जीवन की शुरुआत में ही उनका ध्यान फाइन आर्ट की तरफ होने लगा था।
- उन्होंने रामायण, गीत-गोविन्द जैसे प्राचीन ग्रंथों से प्रेरणा लेते हुए खूब चित्रकारी की।
- उन्होंने गोवा में पुर्तगालियों के खिलाफ हुए सत्याग्रह में भी भाग लिया था। इसके लिए वे जेल भी भेजे गए।
- वे तीन ललित कला राष्ट्रीय पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता हैं। उन्हें गोवा सरकार द्वारा 1987 में नेहरू पुरस्कार और 2016 में गोमंत विभूषण से सम्मानित किया गया था।
- उन्हें भारत सरकार द्वारा 1985 में पद्म श्री और 2018 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था।
वयोवृद्ध कथकली उस्ताद गुरु चेमांचेरि कुन्हीरमण नायर का निधन
वयोवृद्ध कथकली उस्ताद गुरु चेमांचेरि कुन्हीरमण नायर का 15 मार्च, 2021 को निधन हो गया। वे 105 वर्ष के थे।
- उनकी कथकली में 'कल्लदीकोदन' शैली में विशेषज्ञता थी।
- उन्होंने 1945 में उत्तर केरल में नृत्य के पहले विद्यालय 'भारतीय नाट्यकलायम' की स्थापना की और बाद में अपने पैतृक गाँव में चेलिया कथकली विद्यालय सहित कई अन्य नृत्य विद्यालयों की स्थापना की।
- उन्हें ‘केरल संगीत नाटक अकादमी’ और ‘केरल कलामंडलम’ जैसे पुरस्कारों से भी नवाजा गया था।
- उन्हें 2017 में कथकली में उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
प्रख्यात कन्नड़ कवि एन एस लक्ष्मीनारायण भट्ट का निधन
प्रख्यात कन्नड़ कवि, आलोचक और अनुवादक एन एस लक्ष्मीनारायण भट्ट का 6 मार्च, 2021 को निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे।
- कन्नड़ साहित्य की दुनिया में ‘एनएसएल’ के नाम से लोकप्रिय भट्ट अपने भावगीतों के माध्यम से घर-घर में लोकप्रिय हुए और उन्हें आधुनिक कन्नड़ काव्य में योगदान, आलोचनात्मक कृतियों एवं अनुवाद के कार्य के लिए जाना जाता है।
- उन्होंने विलियम शेक्सपीयर, टी एस इलियट और कवि यीट्स की रचनाओं का कन्नड़ में अनुवाद किया है।
- वे बेंगलुरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भी रहे।
- कर्नाटक साहित्य अकादमी पुरस्कार और कन्नड़ राज्योत्सव पुरस्कार समेत अन्य कई पुरस्कारों से सम्मानित एनएसएल के लोकप्रिय कार्यों में 'थाये निन्ना पडिला' (Thaye ninna Padilla) शामिल है।
- शिशुनाला शरीफ के कामों को लोकप्रिय बनाने से संबंधित उनके प्रयास से कन्नड़ भावगीत आंदोलन में पुनर्जागरण हुआ, जिसने उन्हें 'शरीफ भट्ट' का उपनाम दिया।
जाने-माने मराठी अभिनेता श्रीकांत मोघे का निधन
जाने-माने मराठी अभिनेता श्रीकांत मोघे का 6 मार्च, 2021 को पुणे में निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे।
- वे मराठी रंगमंच और फिल्म इंडस्ट्री में 50 से अधिक वर्षो तक सक्रिय रहे। वे ‘मधुचन्द्रा’, ‘सिंहासन’, ‘गम्मत जम्मत’, ‘उम्बारथा’ और ‘वासुदेव बलवंत फडके’ जैसी मराठी फिल्मों में अपनी भूमिका के लिए प्रसिद्ध थे।
- उन्होंने ‘वारयावरची वरात’, ‘तुझे आहे तुजपाशी’ और ‘लेकुरे उदंड जाली’ जैसे मराठी नाटकों में भी काम किया।
- उन्हें महाराष्ट्र राज्य सांस्कृतिक पुरस्कार, काशीनाथ घानेकर पुरस्कार, प्रभाकर पानशिकर स्टेज लाइफ एचीवमेंट पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
प्रसिद्ध हालीवुड अभिनेता क्रिस्टोफर प्लमर का निधन
5 फरवरी‚ 2021 को प्रसिद्ध हालीवुड अभिनेता क्रिस्टोफर प्लमर का निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे।
- प्लमर ने पूरे करियर में एक ऑस्कर अवॉर्ड‚ दो टोनी अवॉर्ड एवं दो एमी अवॉर्ड अपने नाम किए। उन्होंने फिल्म ‘द साउंड ऑफ म्यूजिक’ में कैप्टन वान ट्रैप का किरदार निभाया था।
- उन्हें वर्ष 2012 में फिल्म बिगिनर्स (Beginners) के लिए 82 वर्ष की आयु में ऑस्कर खिताब से सम्मानित किया गया था। यह अवॉर्ड उन्हें सहायक भूमिका (Supporting actor) के लिए दिया गया।
- उन्होंने शेक्सपियर के लिखे कई किरदारों को पर्दे पर उतारा। 'द लास्ट स्टेशन' में लियो टॉल्सटॉय के निभाए गए किरदार से उन्होंने सबका मन मोह लिया था।
मलयालम कवि विष्णुनारायण नंबूथिरी का निधन
प्रसिद्ध मलयालम कवि विष्णुनारायण नंबूथिरी का 25 फरवरी, 2021 को निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे।
- समकालीन मलयालम साहित्य के व्यापक रूप से प्रशंसित कवियों में से एक नंबूथिरी को 2014 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
- नंबूथिरी की रचनाएँ परंपरा और आधुनिकता के मिश्रण के लिए जानी जाती हैं। वे केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार सहित कई साहित्यिक सम्मानों के प्राप्तकर्ता भी हैं।
- उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाएँ हैं- ‘स्वातन्ध्र्यथे-कुरिच ओरु गीथम’ (Swaathandhryathe-Kurich Oru Geetham), ‘भूमिगीथंगल’, ‘इंडिया एन्ना विक्रम’, ‘अपराजिता’, ‘अरण्यकम्’ तथा ‘प्रणयगीथंगल’।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी बी सावंत का निधन
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी बी सावंत का 15 फरवरी, 2021 को पुणे में निधन हो गया। वे 90 वर्ष के थे।
- सावंत का जन्म 30 जून, 1930 को हुआ था। उन्होंने 1957 से बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में विधि की सभी शाखाओं सिविल, आपराधिक, औद्योगिक, सेवा चुनाव, संवैधानिक में वकालत की।
- उन्हें 1973 में बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। एक न्यायाधीश के रूप में उन्होंने जून 1982 में एयर-इंडिया विमान दुर्घटना की जांच की।
- वे अक्टूबर1989 में सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम) की खंडपीठ में पदोन्नत हुये तथा जून 1995 को सेवानिवृत्त हुए थे।
प्रसिद्ध न्यायविद और पूर्व राज्यपाल एम राम जोइस का निधन
प्रसिद्ध न्यायविद और पूर्व राज्यपाल एम राम जोइस का 16 फरवरी, 2021 को निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे।
- उन्हें 1977 में कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में उन्हें 1992 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
- सेवानिवृत्ति के बाद न्यायमूर्ति जोइस 2002-2003 तक झारखंड के राज्यपाल तथा 2003-2004 तक बिहार के राज्यपाल नियुक्त किए गए थे। वे 2008 में राज्य सभा के लिए भी निर्वचित हुए थे।
पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री जॉर्ज शुल्ट्ज का निधन
पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री, जॉर्ज शुल्ट्ज का 6 फरवरी, 2021 को कैलिफोर्निया में निधन हो गया। वे 100 वर्ष के थे।
- उन्होंने तीन पूर्व राष्ट्रपतियों- ड्वाइट आइजनहावर, रिचर्ड निक्सन और रोनाल्ड रीगन के साथ विभिन्न भूमिकाओं में सेवाएं दी थी।
- पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के कार्यकाल में 1982 से 1989 तक अमेरिका के शीर्ष नीति निर्धारक के रूप में उनके प्रयासों ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शुरू हुए चार दशक लंबे शीत युद्ध के समापन में मदद की थी।
- शुल्ट्ज एक रिपब्लिकन थे, लेकिन वैचारिक रूप से अधिक व्यावहारिक थे।
अभिनेता-निर्देशक राजीव कपूर का निधन
दिवंगत दिग्गज अभिनेता-फिल्म निर्माता राज कपूर के पुत्र एवं अभिनेता-निर्देशक राजीव कपूर का 9 फरवरी, 2021 को मुंबई में निधन हो गया। वे 58 वर्ष के थे।
- 25 अगस्त, 1962 को जन्मे, राजीव कपूर ने 1983 में फिल्म 'एक जान हैं हम' से बॉलीवुड में पदार्पण किया था। बाद में उन्होंने सुपरहिट 'राम तेरी गंगा मैली' सहित कई अन्य फिल्मों में मुख्य भूमिकाएँ निभाईं।
- राजीव कपूर ने 'आसमान', 'लवर बॉय’, 'हम तो चले परदेस' और 'जबर्दस्त' जैसी फिल्मों में भी अभिनय किया था।
- राजीव ने बाद में निर्देशक और निर्माता के रूप में भी काम किया। उन्होंने ऋषि कपूर और माधुरी दीक्षित-नेने की मुख्य भूमिकाओं वाली 'प्रेम ग्रंथ' का निर्देशन किया, जो 1996 में रिलीज हुई। उन्होंने 'हीना', और 'आ अब लौट चलें' को भी प्रोड्यूस किया था।
एस. एन. सुब्रह्मण्यन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष नियुक्त
फरवरी 2021 में एस. एन. सुब्रह्मण्यन को तीन साल की अवधि के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (National Safety Council- NSC) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
- एलएंडटी लिमिटेड के सीईओ और प्रबंध निदेशक, सुब्रह्मण्यन एक प्रतिष्ठित इंजीनियर हैं, जिन्होंने कई वर्षों तक देश के सबसे बड़े निर्माण संगठन एलएंडटी के बुनियादी ढांचे के कारोबार को गति प्रदान की है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना 4 मार्च, 1966 को श्रम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की गई थी।
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद नई व्यावसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य और कार्य शर्तें संहिता, 2020 (Occupational Safety, Health and Working Conditions Code, 2020 -- OSH Code ) के तहत कार्यस्थलों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक प्रमुख भूमिका निभाएगी।
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद देश में OSH को नियंत्रित करने वाले नियमों को फिर से बनाने में महानिदेशालय, फैक्टरी सलाह सेवा और श्रम संस्थान (DGFASLI) की सहायता करेगी, जिसे 50 वर्षों से अद्यतन नहीं किया गया है।
- OSH Code के तहत थर्ड पार्टी ऑडिट और प्रमाणन के लिए योजना तैयार करने में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद भी शामिल होगा।
लोकप्रिय भजन गायक नरेंद्र चंचल का निधन
लोकप्रिय भजन गायक नरेंद्र चंचल का 22 जनवरी, 2021 को नई दिल्ली में निधन हो गया। वे 80 वर्ष के थे।
- चंचल अपने धार्मिक गीतों और भजनों के लिए जाने जाते थे। अपने करियर के एक बड़े हिस्से में लाइव इवेंट में परफॉर्म करने के अलावा, चंचल के गाने जैसे 'अवतार' फिल्म का 'चलो बुलावा आया है' और 'बॉबी' फिल्म का 'बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो' काफी लोकप्रिय हुए।
- उन्होंने बॉबी के लिए 'सर्वश्रेष्ठ पुरुष गायक का फिल्मफेयर पुरस्कार' भी जीता था।
विश्व प्रसिद्ध कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. वी शांता का निधन
विश्व प्रसिद्ध कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. वी शांता का 19 जनवरी, 2021 को चेन्नई में निधन हो गया। वे 93 वर्ष की थीं।
- डॉक्टर शांता चेन्नई में अड्यार कैंसर संस्थान की अध्यक्ष थी। उन्होंने 1955 में प्रशिक्षु के तौर पर अस्पताल में काम शुरू किया और फिर संस्थान की प्रमुख बनी।
- मरीजों को उत्तम और किफायती इलाज उपलब्ध कराने के लिए संस्थान के अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम किया।
- 60 वर्ष से अधिक के अपने करियर में, उन्होंने कैंसर रोगियों की देखभाल, रोग का अध्ययन, इसकी रोकथाम और नियंत्रण, कैंसर रोग विज्ञान के विभिन्न पहलुओं में विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया।
- डॉ. शांता मार्च 2005 तक कैंसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन सलाहकार समिति में शामिल थी। वह कैंसर पर राज्य सलाहकार बोर्ड की संयोजक भी थीं, और कई आईसीएमआर समितियों की सदस्य रही हैं।
- उन्हें 1986 में पद्म श्री, 2006 में पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। 2005 में उन्हें सार्वजनिक सेवा के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
महान भारतीय शास्त्रीय संगीतकार उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान का निधन
महान भारतीय शास्त्रीय संगीतकार और पद्म पुरस्कारों से सम्मानित उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान का 17 जनवरी, 2021 को मुंबई में निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे।
- उत्तर प्रदेश के बदायूं में 3 मार्च, 1931 को जन्मे गुलाम मुस्तफा खान के माता-पिता संगीत पृष्ठभूमि से थे।
- उनके पिता, उस्ताद वारिस हुसैन खान, प्रसिद्ध संगीतकार उस्ताद मदन बख्श के पुत्र थे, जबकि उनकी मां, साबरी बेगम, उस्ताद इनायत हुसैन खान की बेटी थीं, जिन्हें संगीत के ‘रामपुर-सहसवान घराने’ के संस्थापक का श्रेय दिया जाता है।
- उन्होंने अपने पिता से शास्त्रीय संगीत का बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त किया और बाद में अपने चचेरे भाई, उस्ताद निसार हुसैन खान से संगीत का अध्ययन और प्रशिक्षण प्राप्त किया।
- गुलाम मुस्तफा खान को 1991 में पद्म श्री, 2006 में पद्म भूषण और 2018 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। 2003 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता डी. प्रकाश राव का निधन
प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता डी. प्रकाश राव का 13 जनवरी, 2021 को कटक में निधन हो गया। वे 63 वर्ष के थे।
- पद्म श्री, से सम्मानित राव को कटक में झुग्गियों में और अनाथ बच्चों को शिक्षा देने के लिए उनके योगदान के लिए जाना जाता था।
- समाज सेवा के लिए पूरा जीवन समर्पित कर देने वाले प्रकाश राव चाय की दुकान चलाकर जीवन यापन करते थे।
जाने-माने खगोल वैज्ञानिक प्रोफेसर शशिकुमार चित्रे का निधन
जाने-माने खगोल वैज्ञानिक प्रोफेसर शशिकुमार मधुसूदन चित्रे का 11 जनवरी, 2021 को निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे।
- वे भारतीय खगोल विज्ञान समुदाय, विशेष रूप से सौर भौतिकी के एक दिग्गज थे। वे 2001 में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई के वरिष्ठ प्रोफेसर के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे।
- उनका मुंबई विश्वविद्यालय के कलिना परिसर में ‘मुंबई विश्वविद्यालय - परमाणु ऊर्जा विभाग के बुनियादी विज्ञान में उत्कृष्टता केंद्र’ [University of Mumbai – Department of Atomic Energy Centre for Excellence in Basic Sciences (UM-DAE CEBS)] की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान था।
- चित्रे ने एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एएसआई) के अध्यक्ष, इंडियन नेशनल कमेटी फॉर एस्ट्रोनॉमी के अध्यक्ष, बॉम्बे एसोसिएशन फॉर साइंस एजुकेशन के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया था।
- उन्हें 2012 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मनित किया गया था।
वयोवृद्ध पत्रकार तुरलापति कुटुम्बा राव का निधन
वयोवृद्ध पत्रकार, लेखक और पद्म श्री से सम्मानित तुरलापति कुटुम्बा राव का 11 जनवरी, 2021 को निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे।
- राव आंध्र प्रदेश राज्य के पहले मुख्यमंत्री, तंगुटुरी प्रकाशम के निजी सचिव थे। उन्होंने करीब साढ़े तीन दशक तक तेलुगु अखबार 'आंध्र ज्योति' के संपादक और संपादकीय लेखक के रूप में काम किया था।
- राव ने रिकॉर्ड संख्या में जनसभाओं को संबोधित किया, जिसने उन्हें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया। उन्होंने कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों, देशभक्तों और स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनी भी लिखी।
- पत्रकारिता, साहित्य और कला में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें 2002 में पद्म श्री से सम्मानित किया था।
प्रसिद्ध लेखक वेद मेहता का निधन
प्रसिद्ध भारतवंशी लेखक व उपन्यासकार वेद मेहता का 9 जनवरी, 2021 को मैनहटन, न्यूयॉर्क में निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे।
- तीन वर्ष की उम्र में मेनिन्जाइटिस के कारण उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। उन्होंने अपनी रचनाओं से अमेरिकी लोगों का भारत से परिचय कराया। मेहता पत्रिका ‘न्यूयॉर्कर’ के साथ करीब 33 साल तक जुड़े रहे।
- आधुनिक भारत के इतिहास और दृष्टिहीनता की वजह से उनके प्रारंभिक संघर्ष पर आधारित 12 अंकों वाला उनका संस्मरण ‘कॉन्टीनेंट्स ऑफ एक्जाइल’ (Continents of Exile) बहुत प्रसिद्ध हुआ था। इसका पहला अंक ‘डैडी जी’ भी पूरी दुनिया में काफी लोकप्रिय रहा।
- उन्होंने 24 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया। इनमें भारत पर रिपोर्ताज भी शामिल है, जिनमें ‘वाकिंग द इंडियन स्ट्रीट्स’ (1960), ‘पोर्टेट ऑफ इंडिया’ (1970) और ‘महात्मा गांधी एंड हिज अपासल’ (1977) शामिल है। इसके अलावा उन्होंने दर्शन, धर्मशास्त्र और भाषा विज्ञान पर कई रचनाएं लिखीं।
- मेहता वर्ष 1982 में मैकआर्थर फाउंडेशन के ‘जीनियस ग्रांट’ (genius grant) से सम्मानित हुए थे।
मशहूर फैशन डिजाइनर सत्य पॉल का निधन
भारतीय साड़ी को नई पहचान देने वाले प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर सत्य पॉल का 6 जनवरी, 2021 को निधन हो गया। वे 78 वर्ष के थे।
- पॉल ने 1960 के दशक में खुदरा क्षेत्र में अपने सफर की शुरुआत की और बाद में यूरोप और अमेरिका में भारतीय हथकरघा उत्पादों के निर्यात का काम बढ़ाया। उन्होंने 1980 में भारत में पहला ‘साड़ी बुटीक’ लाअफेयर (L’Affaire) शुरू किया था।
- पॉल ने एक ऐसे युग में वस्त्रों पर प्रिंट की शुरुआत करके भारतीय फैशन में अपने लिए एक नाम बनाया, जब कसीदाकारी का अत्यधिक प्रचलन था। उन्होंने 1985 में अपना ब्रांड 'सत्य पॉल' शुरू किया था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह का निधन
पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह का 2 जनवरी, 2021 को निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे।
- बूटा सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे। वे आठ बार लोकसभा के लिए चुने गए थे।
- सिंह ने 1960 के दशक में अकाली दल के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। वह 1962 में पहली बार पंजाब के मोगा से अकाली दल के टिकट पर लोकसभा के लिए चुने गए, लेकिन जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो गए।
- उन्होंने 1986 में राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके अलावा उन्होंने कृषि, संसदीय कार्य, नागरिक आपूर्ति, आवास, शिपिंग, परिवहन और खेल मंत्री के रूप में भी काम किया।
- गृह मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल राजीव गांधी सरकार द्वारा 1989 में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के शिलान्यास की अनुमति देने के फैसले में उनकी भूमिका के लिए याद किया जाएगा।
- वह ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ में इंदिरा गांधी के साथ बहुत करीब से जुड़े थे और एक मंत्री के रूप में उन्होंने उस ऑपरेशन के बाद स्वर्ण मंदिर के पुनर्निर्माण कार्य को भी देखा था।
- वे बिहार के राज्यपाल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर चुके थे।
मशहूर नर्तक अस्ताद देबू का निधन
कथक और कथकली को मिलाकर एक अनूठी नृत्य शैली पेश करने के लिए मशहूर नर्तक अस्ताद देबू का 10 दिसंबर, 2020 को निधन हो गया। वे 73 वर्ष के थे।
- उन्होंने परंपरागत एवं आधुनिक शैली को मिलाकर नृत्य की एक नई विधा तैयार की है।
- उन्होंने मणिरत्नम, विशाल भारद्वाज जैसे फिल्मकारों की फिल्मों और प्रसिद्ध चित्रकार एम.एफ. हुसैन की फिल्म ‘मीनाक्षीः ए टेल ऑफ थ्री सिटीज’ के लिए कोरियाग्राफी भी की थी।
- उन्हें केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2007 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। नृत्य के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें वर्ष 1995 में ‘संगीत नाटक अकादमी’ पुरस्कार दिया गया था।
हिंदी कवि और साहित्यिक पत्रकार मंगलेश डबराल का निधन
समकालीन हिंदी कवि और साहित्यिक पत्रकार मंगलेश डबराल का 9 दिसंबर, 2020 को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया। वे 72 वर्ष के थे।
- पांच कविता संग्रह - 'पहाड़ पार लालटेन', 'घर का रास्ता', 'हम जो देखते हैं', 'आवाज भी एक जगह है' और 'नये युग में शत्रु' के अलावा डबराल के गद्य के दो संग्रह 'लेखक की रोटी' और ‘कवि का अकेलापन' और एक यात्रावृत्त 'एक बार आयोवा' भी प्रकाशित हो चुके हैं।
- उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के काफलपानी गाँव में जन्मे डबराल 1960 के दशक के उत्तरार्ध में दिल्ली चले गए और हिंदी पैट्रियट, प्रतिपक्ष और आसपास जैसे समाचार पत्रों के लिए काम किया।
- उन्हें 'हम जो देखते हैं' के लिए 2000 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
प्रख्यात मलयालम कवयित्री सुगाथाकुमारी का निधन
प्रख्यात मलयालम कवयित्री, संरक्षणवादी और महिला अधिकारों की कार्यकर्ता, सुगाथाकुमारी का 23 दिसंबर, 2020 को निधन हो गया। वे 86 वर्ष की थी।
- उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन की शुरुआत 1957 में कलम नाम (pen name) 'श्रीकुमार' के तहत साप्ताहिक लेखन से की।
- उनका पहला कविता संग्रह, 'मुथुचीपी' 1961 में प्रकाशित हुआ था, जो मलयालम साहित्यिक जगत में उनकी शुरुआत थी।
- 1970 के दशक के उत्तरार्ध में, उन्होंने केरल की साइलेंट वैली में देश के सबसे पुराने प्राकृतिक जंगलों को बचाने के लिए 'सेव साइलेंट वैली' नामक एक सफल राष्ट्रव्यापी आंदोलन का नेतृत्व किया था।
- 1980 में, उन्होंने वंचित महिलाओं के लिए 'अभय' नामक संगठन शुरू किया, जिसमें आर्थिक रूप से गरीब, बलात्कार पीड़ित, घरेलू हिंसा पीड़ित और मादक पदार्थों के आदी शामिल थे।
- सुगाथाकुमारी केरल राज्य महिला आयोग की पहली अध्यक्ष भी थीं। उनके कार्यकाल में ‘कुदुम्बश्री’ मिशन का शुभारंभ किया गया था
- 2006 में, उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। 2013 में, उन्हें उनके कविता संग्रह 'मनालेझुथु' (द राइटिंग ऑन द सैंड) के लिए सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया गया था।
- उन्हें राज्य के लगभग सभी प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार, एजुथचन पुरस्कारम और वायलार पुरस्कार और ओडक्कुजल पुरस्कार शामिल हैं।
मानवाधिकार कार्यकर्ता करीमा बलूच का निधन
पाकिस्तानी सेना और बलूचिस्तान में सरकारी अत्याचारों के बारे में मुखर रहने वाली मानवाधिकार कार्यकर्ता (Human rights activist) करीमा बलूच 20 दिसंबर, 2020 को कनाडा के टोरंटो में मृत पाई गई। वे 37 वर्ष की थी।
- पाकिस्तान में ‘एक्टिविज्म’ (Activism) के लिए निशाना बनाये जाने के बाद बलूच कनाडा में शरणार्थी के तौर पर रह रही थी।
- उन्होंने स्विट्जरलैंड में संयुक्त राष्ट्र के सत्र में बलूचिस्तान का मुद्दा भी उठाया था। उन्हें 2016 में बीबीसी द्वारा दुनिया की 100 'सबसे प्रेरणादायक और प्रभावशाली' महिलाओं में से एक के रूप में नामित किया गया था।
वयोवृद्ध कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा का निधन
वयोवृद्ध कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा का 21 दिसंबर, 2020 को निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे।
- वोरा दो बार (1985-88 और 1989) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर रहे। वे राजीव गांधी की कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री तथा 1993-96 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रहे।
- वोरा ने 16 वर्षों तक कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उन्होंने अप्रैल 2020 तक, चार बार छत्तीसगढ़ का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व भी किया।
संगीत के उस्ताद इकबाल अहमद खान का निधन
‘दिल्ली घराने के खलीफा’ संगीत के उस्ताद इकबाल अहमद खान का 17 दिसंबर, 2020 को निधन हो गया। वे 66 वर्ष के थे।
- 1954 में जन्मे इकबाल अहमद खान संगीत के ‘दिल्ली घराने’ से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने अपने शिक्षक उस्ताद चंद खान के मार्गदर्शन में अपना स्टेज करियर शुरू किया।
- पारिवारिक परंपराओं को ध्यान में रखते हुए, खान ने अमीर खुसरो के संगीत कार्यों को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया था।
- उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत के पुनर्जागरण के उद्देश्य से 'दिल्ली दरबार' की स्थापना की, जिसने 2019 में अपना पहला शास्त्रीय आयोजन किया।
- उन्हें 1993 में संगीता सेवालय बोधगया (बिहार) द्वारा 'ज्ञान आचार्य', सुर संगीत समिति, नरेला, दिल्ली द्वारा 'संगीत रतन', और 1998 में संगीतायन, दिल्ली द्वारा 'संगीत सौरभ' की उपाधि दी गई थी।
- उन्हें हिंदुस्तानी संगीत के लिए 2014 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा गया था।
प्रख्यात एयरोस्पेस वैज्ञानिक प्रो. रोड्डम नरसिम्हा का निधन
प्रख्यात एयरोस्पेस वैज्ञानिक प्रो. रोड्डम नरसिम्हा का 14 दिसंबर, 2020 को बेंगलुरु में निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे।
- प्रो. नरसिम्हा ने राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशालाओं के निदेशक और बेंगलुरु में जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च की इंजीनियरिंग यांत्रिकी इकाई के अध्यक्ष के रूप में काम किया था।
- उन्होंने अंतरिक्ष आयोग, प्रधानमंत्री विज्ञान सलाहकार परिषद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड सहित केंद्र सरकार के कई नीति निर्धारण निकायों में भी काम किया था।
- उन्हें हल्के लड़ाकू विमानों (Light Combat Aircraft- LCA) जैसे देश के एयरोस्पेस कार्यक्रमों में योगदान के लिए 2013 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
- प्रो. नरसिम्हा ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के साथ मिलकर एक पुस्तक 'डेवलपमेंट्स इन फ्लूइड मैकेनिक्स एंड स्पेस टेक्नोलॉजी' (Developments In Fluid Mechanics and Space Technology) का लेखन भी किया था।
संस्कृत के विद्वान विद्यावाचस्पति गोविंदाचार्य का निधन
संस्कृत और कन्नड़ विद्वान विद्यावाचस्पति बन्नंजय गोविंदाचार्य का 13 दिसंबर, 2020 को अंबालपैडी, उडुपी में निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे।
- उन्होंने संस्कृत विषय पर 100 से अधिक पुस्तकों और 4,000 पृष्ठों के लेखन के अलावा, 'माधव दर्शन' पर व्यापक शोध किया था। उन्होंने वेद, उपनिषद, महाभारत, रामायण, भागवत और पुराणों पर टीकाएँ लिखी थीं।
- उन्हें 2009 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
लक्षद्वीप के प्रशासक दिनेश्वर शर्मा का निधन
लक्षद्वीप के प्रशासक और पूर्व आसूचना ब्यूरो (Intelligence Bureau-IB) प्रमुख दिनेश्वर शर्मा का 4 दिसंबर, 2020 को चेन्नई में निधन हो गया। वे 66 वर्ष के थे।
- बिहार से ताल्लुक रखने वाले शर्मा 1979 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी थे। वे 2014 से 2016 तक आईबी निदेशक रहे।
- 2016 में उनकी सेवानिवृत्ति के बाद, सरकार ने उन्हें अक्टूबर 2017 में जम्मू और कश्मीर के लिए केंद्र के वार्ताकार के रूप में नियुक्त किया था।
महाशय धर्मपाल गुलाटी का निधन
देश की दिग्गज मसाला कंपनी महाशियां दी हट्टी (MDH) के मालिक और 'ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ स्पाइसेज' महाशय धर्मपाल गुलाटी का 3 दिसंबर, 2020 को दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 97 वर्ष के थे।
- गुलाटी का जन्म 27 मार्च, 1923 को सियालकोट (पाकिस्तान) में हुआ था। उन्हें 'मसालों के बादशाह' (King of Spices) के नाम से भी जाना जाता है।
- MDH की स्थापना उनके दिवंगत पिता महाशय चुन्नी लाल गुलाटी ने की थी।
- कक्षा पांचवीं तक पढ़े गुलाटी को दुनिया का सबसे उम्रदराज ऐड स्टार माना जाता था। वे FMCG सेक्टर में सबसे अधिक कमाई करने वाले सीईओ थे, वे 2018 में 25 करोड़ रुपये से ऊपर का वेतन ले रहे थे।
- गुलाटी को 2019 में देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार, पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
मौलाना कल्बे सादिक का निधन
- प्रमुख शिया धर्मगुरु और विद्वान मौलाना कल्बे सादिक का 24 नवंबर, 2020 को लखनऊ में निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे।
- एक शिक्षाविद और इस्लामी विद्वान सादिक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष भी थे।
असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का निधन
असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का 23 नवंबर, 2020 को गुवाहाटी में निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे।
- वे 2001 से 2016 तक मुख्यमंत्री रहे। वे सबसे लम्बे समय तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे।
- अपने 50 से अधिक वर्षों के राजनीतिक जीवन में, गोगोई ने छ: बार असम से एक सांसद के रूप में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया।
पूर्व आईआईएस अधिकारी एम एल धर का निधन
भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) के पूर्व अधिकारी एम एल धर का 19 नवंबर, 2020 को अहमदाबाद में निधन हो गया। वे 72 वर्ष के थे।
- उन्होंने 1971 में ऑल इंडिया रेडियो के समाचार सेवा प्रभाग में समाचार संपादक के रूप में अपना करियर शुरू किया था।
- उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय की कई मीडिया इकाइयों में काम किया, जिनमें पीआईबी, दूरदर्शन समाचार और तत्कालीन क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय शामिल थे। वे निदेशक के रूप में सेवानिवृत्त हुए।
गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा का निधन
- गोवा की पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ भाजपा नेता मृदुला सिन्हा का 18 नवंबर, 2020 को दिल्ली में निधन हो गया। वे 77 वर्ष की थीं।
- उनका जन्म बिहार के छपरा जिले के एक गांव में 27 नवम्बर, 1942 को हुआ था। मृदुला सिन्हा हिन्दी की प्रसिद्ध लेखिका थीं।
- वे गोवा की पहली महिला राज्यपाल थीं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की महिला शाखा के अध्यक्ष के रूप में तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय में केन्द्रीय समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष के रूप में भी काम किया था।
हरियाणा की पहली महिला सांसद चंद्रावती का निधन
हरियाणा की पहली महिला सांसद और पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल चंद्रावती का 15 नवंबर, 2020 को निधन हो गया। वे 92 वर्ष की थीं।
- जनता पार्टी की नेता रह चुकी चंद्रावती 1977 में हरियाणा की पहली महिला सांसद बनीं, जब उन्होंने भिवानी निर्वाचन क्षेत्र से चौधरी बंसीलाल को हराया था।
- बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गईं और 1990 में उन्होंने पुडुचेरी के उपराज्यपाल का पद संभाला था।
अभिनेता सौमित्र चटर्जी का निधन
लोकप्रिय अभिनेता और दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित सौमित्र चटर्जी का 15 नवंबर, 2020 को कोलकाता में निधन हो गया। वे 85 वर्ष के थे।
- उन्होंने आकाशवाणी कोलकाता केंद्र में एक उद्घोषक के तौर पर अपने करियर की शुरूआत की थी।
- उन्होंने सत्यजीत रे के निर्देशन में 1959 में बनी फिल्म 'अपुर संसार' में अपु का चरित्र निभाकर बड़े पर्दें पर पहली बार कदम रखा था।
- रंगमंच के जाने माने व्यक्तित्व और कवि सौमित्र चटर्जी प्रशसंकों के बीच बहुत लोकप्रिय थे। उन्हें बंगाल के सांस्कृतिक जगत की दिग्गज हस्ती माना जाता है।
- उन्होंने देश और विदेश में कई पुरस्कार हासिल किए, जिसमें पद्म भूषण (2004) और 2018 में फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार लीजन द’ऑनर (Legion d’Honneur) शामिल हैं।
बहरीन के प्रधानमंत्री का निधन
बहरीन के प्रधानमंत्री शेख खलीफा बिन सलमान अल खलीफा का 11 नवंबर, 2020 को निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे।
- शेख खलीफा बहरीन के शाही परिवार से थे। वे दुनिया में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहे।
- उन्होंने 15 अगस्त, 1971 को बहरीन की स्वतंत्रता पर प्रधानमंत्री का पद संभाला। हालांकि उन्हें एक साल पहले जनवरी 1970 में सरकार की कार्यकारी शाखा स्टेट काउंसिल के प्रमुख के रूप में नामित किया गया था, जो ब्रिटेन से स्वतंत्रता के बाद मंत्रियों की परिषद बन गई थी।
- अल खलीफा परिवार ने 1783 से बहरीन पर शासन किया है।
वयोवृद्ध लेखक और स्तंभकार फादर वैलेस का निधन
वयोवृद्ध लेखक और स्तंभकार फादर कार्लोस गोंजालवेज वैलेस एसजे (Father Carlos Gonzalvez Valles SJ), जिन्हें ‘फादर वैलेस’ के नाम से भी जाना जाता है, का 9 नवंबर, 2020 को निधन हो गया। वे 95 वर्ष के थे।
- स्पेनिश मूल के पादरी फादर वैलेस ने अंग्रेजी और स्पेनिश के अलावा गुजराती में भी बड़े पैमाने पर लेखन कार्य किया। उन्होंने गुजराती में 70 से अधिक पुस्तकें और अंग्रेजी और स्पेनिश में लगभग 100 पुस्तकें लिखीं, जिनमें गणित पर 12 पुस्तकें भी शामिल हैं।
- उन्होंने कई गणितीय अवधारणाओं का गुजराती में अनुवाद किया और उनके लिए विशेष शब्द गढ़े। उन्होंने 'सुगणितम' (Suganitam) में नियमित रूप से योगदान दिया, जो भारतीय भाषा में पहली गणितीय समीक्षा थी।
- 1978 में उन्हें गुजराती साहित्य में सर्वोच्च पुरस्कार 'रंजीतराम सुवर्ण चंद्रक' से सम्मानित किया गया। उन्हें 1995 में सार्वजनिक सद्भाव के लिए ‘आचार्य काकासाहेब कालेलकर पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया गया था।
मशहूर वायलिन वादक टी एन कृष्णन का निधन
मशहूर वायलिन वादक टी एन कृष्णन (त्रिपुनिथुरा नारायणायर कृष्णन) का 2 नवंबर, 2020 को चेन्नई में निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे।
- कृष्णन ने एक शिक्षक के रूप में भी उत्कृष्ट कार्य किया और वह संगीत महाविद्यालय, चेन्नई में संगीत के प्राध्यापक थे। बाद में, वह दिल्ली विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ म्यूजिक एंड फाइन आर्ट्स’ के डीन बने। उन्हें संगीत की दुनिया में 'प्रोफेसर कृष्णन' के रूप में जाना जाता था।
- 1973 में पद्म श्री और 1992 में पद्म भूषण प्राप्तकर्ता, कृष्णन को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1974) और संगीता कलानिधि पुरस्कार(1980) से भी सम्मानित किया गया था।
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल का निधन
- गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और गुजरात में बीजेपी के संगठन में अहम भूमिका निभाने वाले केशुभाई पटेल का 29 अक्टूबर को निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे।
- वे पहली बार 1995 में तथा दूसरी बार 1998-2001 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे।
- 2012 में विधानसभा चुनावों के लिए, उन्होंने एक क्षेत्रीय पार्टी 'गुजरात परिवर्तन पार्टी' का गठन किया था, जिसका उन्होंने बाद में भारतीय जनता पार्टी में विलय कर दिया था।
अक्कीतम अच्युतन नंबूथिरी
जाने-माने मलयालम कवि और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता साहित्यकार महाकवि अक्कीतम अच्युतन नंबूथिरी का 15 अक्टूबर, 2020 को केरल के त्रिशूर में निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे।
- उन्हें 55वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो देश का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार है। उनकी कुछ प्रमुख कृतियों में 'निमिषाक्षेत्रम’, ‘बालिदर्शनम’, तथा ‘अमृता घटिका’ आदि प्रमुख हैं।
भारत की पहली ऑस्कर विजेता भानु अथैया का निधन
भारत के लिए पहला ऑस्कर अवार्ड जीतने वाली कॉस्ट्यूम डिजाइनर भानु अथैया का 15 अक्टूबर, 2020 को मुंबई में निधन हो गया। वे 91 वर्ष की थीं।
- उन्होंने 1983 में निर्देशक रिचर्ड एटनबरो की फिल्म 'गांधी' के लिए जॉन मोल्लो के साथ संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइन के लिए अकादमी पुरस्कार जीता।
- उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत गुरु दत्त की 1956 की सुपरहिट फिल्म 'सी.आई.डी.' के साथ एक कॉस्ट्यूम डिजाइनर के रूप में की। उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया।
- 2012 में, अथैया ने अपने ऑस्कर अवार्ड को सुरक्षित रखने के लिए इसे मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज अकादमी को वापस कर दिया था।
- पांच दशकों से अधिक के करियर में, अथैया ने गुलजार की फिल्म 'लेकिन' (1990) और आशुतोष गोवारिकर द्वारा निर्देशित फिल्म 'लगान' (2001) के लिए दो राष्ट्रीय पुरस्कार जीते थे।
सुप्रसिद्ध कुचिपुड़ी शास्त्रीय नृत्यांगना शोभा नायडू का निधन
- सुप्रसिद्ध कुचिपुड़ी शास्त्रीय नृत्यांगना और गुरु, शोभा नायडू का 14 अक्टूबर, 2020 को हैदराबाद में निधन हो गया। वे 64 वर्ष की थी।
- प्रख्यात गुरु वेम्पति चिन्ना सत्यम की शिष्या, शोभा नायडू को 2001 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री तथा 1991 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- उन्हें मद्रास की श्रीकृष्ण गण सभा द्वारा ‘नृत्य चूड़ामणि’ की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था।
- उन्होंने कुचिपुड़ी कला अकादमी, हैदराबाद के प्रधानाचार्य का कार्यभार भी संभाला था और भारत और विदेशों के 1,500 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया।
पूर्व सीबीआई निदेशक अश्विनी कुमार का निधन
पूर्व केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक अश्विनी कुमार का 8 अक्टूबर, 2020 को निधन हो गया। पुलिस के अनुसार वे शिमला में अपने आवास पर मृत पाए गए। वे 69 वर्ष के थे।
- 1973 में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए कुमार, अगस्त 2006 में हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त हुये थे।
- कुमार अगस्त 2008 से नवंबर 2010 तक CBI निदेशक के पद पर रहे। वे नागालैंड और मणिपुर के राज्यपाल भी रहे।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का निधन
केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संरक्षक रामविलास पासवान का 8 अक्टूबर, 2020 को दिल्ली में निधन हो गया। वे 74 वर्ष के थे।
- पासवान नौ बार लोक सभा सांसद रहे और वर्तमान में राज्य सभा सांसद थे। उन्होंने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के साथ राजनीतिक सफर शुरु किया। 1969 में वे पहली बार बिहार विधान सभा के लिए चुने गए।
- 1977 में पासवान पहली बार हाजीपुर से जनता पार्टी के सदस्य के तौर पर लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। इसके बाद वे 1980, 1989, 1991,1996 ,1998, 1999, 2004 और 2014 में भी लोक सभा चुनाव जीते। इस दौरान वो केंद्र की विभिन्न सरकारों में मंत्री रहे।
- वर्ष 2000 में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया था। 2019 में उन्होंने पार्टी की कमान अपने पुत्र चिराग पासवान को सौंप दी थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री काजी रशीद मसूद का निधन
पूर्व केंद्रीय मंत्री और 9 बार सांसद रहे काजी रशीद मसूद का 5 अक्टूबर, 2020 को रुड़की में निधन हो गया। वे 73 वर्ष के थे।
- मसूद सहारनपुर से लोक सभा के पांच बार सदस्य रह चुके थे। उन्होंने अप्रैल से नवंबर 1990 तक वी. पी. सिंह सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में भी काम किया था।
- मसूद 2007 में उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) के उम्मीदवार भी थे, जिसमें वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
पार्श्व गायक एस.पी. बालासुब्रमण्यम का निधन
जाने-माने पार्श्व गायक एस.पी. बालासुब्रमण्यम का 25 सितंबर, 2020 को कोरोना संक्रमण के कारण चेन्नई में निधन हो गया। वे 74 वर्ष के थे।
- बालासुब्रमण्यम ने 16 भारतीय भाषाओं में चालीस हजार से अधिक गानों का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने कई फिल्मों में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं।
- पांच दशकों से अधिक के करियर में, उन्होंने 25 नंदी पुरस्कारों के अलावा सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्व गायक के लिए छ: राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीते।
- भारत सरकार ने गायक-अभिनेता को 2001 में पद्म श्री और 2011 में पद्म भूषण से सम्मानित किया।
रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी का निधन
रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी का 23 सितंबर, 2020 को कोरोना संक्रमण के चलते दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया। वे 65 वर्ष के थे।
- चार बार सांसद रहे अंगड़ी पेशे से एक वकील थे। वह पहली बार 2004 में लोक सभा के लिए चुने गए और बेलगावी निर्वाचन क्षेत्र से लगातार जीतते रहे।
अभिनेत्री आशालता का निधन
जानी-मानी मराठी अभिनेत्री और बॉलीवुड की चरित्र अभिनेत्री आशालता वाबगांवकर का 22 सितंबर, 2020 को महाराष्ट्र के सतारा में कोविड-19 संक्रमण के कारण निधन हो गया। वे 79वर्ष की थीं।
- उन्होंने बॉलीवुड में अपने-पराए, जंजीर, नमक हलाल, शराबी, शौकीन और मराठी में माहेरची साडी, वहिणीची माया, उम्बर्था, सूत्रधार जैसी फिल्मों में काम किया था।
रुथ बेडर गिन्सबर्ग का निधन
अमेरिका के उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश रुथ बेडर गिन्सबर्ग का कैंसर के कारण 18 सितंबर, 2020 को निधन हो गया। वे 87 वर्ष की थीं।
- अमेरिका की शीर्ष अदालत में न्यायाधीश के पद पर पहुंचने वाली गिन्सबर्ग दूसरी महिला थीं। उन्हें महिला अधिकार और सामाजिक न्याय का पुरोधा माना जाता है।
- उन्होंने पूरी जिदंगी लैंगिक समानता की वकालत की और उनकी ख्याति सतर्क और संयमित न्यायाधीश की रही।
पूर्व लोक सभा सांसद रोजा देशपांडे का निधन
प्रसिद्ध कम्युनिस्ट नेता और पूर्व लोक सभा सांसद रोजा देशपांडे का 19 सितंबर, 2020 को मुम्बई में निधन हो गया। वे 91 वर्ष की थीं।
- वे श्रीपद अमृत डांगे की पुत्री थीं, जो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापकों में से एक थे।
- देशपांडे ने संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन और गोवा मुक्ति संघर्ष में भाग लिया था। उन्हें 1974 में बम्बई-दक्षिण मध्य निर्वाचन क्षेत्र से लोक सभा के लिए चुना गया था।
- उन्होंने कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित मातृत्व अवकाश के लिए अभियान भी चलाया था।
प्रमुख आयुर्वेद चिकित्सक पी.आर. कृष्णकुमार का निधन
तमिलनाडु में, प्रमुख आयुर्वेद चिकित्सक और प्रतिष्ठित कोयंबटूर आर्य वैद्य फार्मेसी के प्रबंध निदेशक पी.आर. कृष्णकुमार का 16 सितंबर, 2020 को कोयंबटूर में निधन हो गया। वे 69 वर्ष के थे।
- कोयंबटूर में प्रसिद्ध अविनाशिलिंगम विश्वविद्यालय के चांसलर रहे कृष्णकुमार ने संधिवात गठिया (Rheumatoid arthritis) पर आयुर्वेदिक उपचार की प्रभावकारिता का अध्ययन करने के लिए डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर साझेदारी के तहत 1977 में पारंपरिक दवाओं में पहली बार नैदानिक अनुसंधान की शुरुआत की।
- आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की लोकप्रियता के लिए सेवा प्रदान करने वाले कृष्णकुमार को 2009 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- 2016 में भारत सरकार ने आयुर्वेद शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक सेवाओं के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें ‘धनवंतरी पुरस्कार’ से सम्मानित किया था।
पद्म विभूषण विदुषी कपिला वात्स्यायन का निधन
भारतीय शास्त्रीय नृत्य, कला, वास्तुकला और कला इतिहास की अग्रणी विदुषी, डॉ.कपिला वात्स्यायन का 16 सितंबर, 2020 को दिल्ली में निधन हो गया। वे 91 वर्ष की थीं।
- 2006 में उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें लाभ के पद के विवाद के आकार कारण अपनी सीट छोड़नी पड़ी थी। अप्रैल 2007 में, उन्हें पुन: उच्च सदन के लिए नामित किया गया।
- उन्होंने शिक्षा मंत्रालय में सचिव के रूप में तथा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के संस्थापक निदेशक के रूप में भी कार्य किया। वे इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) की पूर्व अध्यक्ष और IIC अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान प्रभाग की अध्यक्षा थीं।
- 2011में पद्म विभूषण से सम्मानित कपिला हिंदी के यशस्वी दिवंगत साहित्यकार सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' की पत्नी थीं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन
प्रसिद्ध समाजवादी नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व राष्ट्रीय जनता दल के सांसद रघुवंश प्रसाद सिंह का 13 सितंबर, 2020 को निधन हो गया वे 74 वर्ष के थे।
- उन्होंने पांच बार लगातार लोक सभा में बिहार से वैशाली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और तीन बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में रहे।
- वे मनमोहन सिंह सरकार (यूपीए-एक) में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री थे और उन्हें नरेगा (राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) की अवधारणा और कार्यान्वयन का श्रेय दिया जाता है।
सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश का निधन
सामाजिक कार्यकर्ता और आर्य समाज के अग्रणी नेता स्वामी अग्निवेश का 11 सितंबर, 2020 को नई दिल्ली में निधन हो गया। वे 80 वर्ष के थे।
- आंध्र प्रदेश में जन्मे अग्निवेश ने 1970 में आर्य समाज के सिद्धांतों पर आधारित एक राजनीतिक दल 'आर्य सभा' की स्थापना की। उनका असली नाम 'वेपा श्याम राव' था।
- अग्निवेश 1977 में हरियाणा विधानसभा के लिए चुने गए और 1979 में उन्होंने राज्य में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया।
- उन्होंने 1981 में बंधुआ मजदूर मुक्ति मोर्चा की स्थापना की और बंधुआ मजदूरी के खिलाफ काम किया। साथ ही शराबबंदी के खिलाफ कई आंदोलनों का भी नेतृत्व किया।
- स्वामी अग्निवेश ने ‘आर्य समाज की विश्व परिषद’ (2004–2014) के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया, जो आर्य समाज का सर्वोच्च अंतरराष्ट्रीय निकाय है।
ऑस्कर विजेता फिल्म निर्देशक जिरी मेनजेल का निधन
ऑस्कर विजेता चेक गणराज्य के फिल्म निर्देशक जिरी मेनजेल का 5 सितंबर, 2020 को निधन हो गया। वे 82 वर्ष के थे।
- मेनजेल ने 1968 में द्वितीय विश्व युद्ध ड्रामा 'क्लोजली वॉच्ड ट्रेन्स' (Closely Watched Trains) के लिए सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म के लिए अकादमी पुरस्कार जीता।
रेडियो खगोलशास्त्री गोविंद स्वरूप का निधन
लोकप्रिय वैज्ञानिक और रेडियो खगोलशास्त्री प्रोफेसर गोविंद स्वरूप का 7 सितंबर, 2020 को महाराष्ट्र के पुणे में निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे।
- उन्हें व्यापक रूप से भारत में 'भारतीय रेडियो खगोल विज्ञान के मार्गदर्शक’ के रूप में जाना जाता है। वे टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के पुणे स्थित नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स (NCRA) के संस्थापक निदेशक थे।
- उन्होंने पुणे के पास विशालकाय मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप और ऊटी रेडियो टेलीस्कोप की अवधारणा, डिजाइन और स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाई थी ।
- उन्हें 1973 में पद्म श्री, 1972 में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार और 2007 में ग्रोट रेबर मेडल से सम्मानित किया गया था। वे 1975-77 के दौरान भारतीय खगोल सोसायटी के अध्यक्ष भी रहे।
केशवानंद भारती का निधन
संविधान के 'मूल संरचना सिद्धांत' को निर्धारित करने वाले ऐतिहासिक फैसले के प्रमुख याचिकाकर्ता रहे केशवानंद भारती का 6 सितंबर, 2020 को केरल के कासरगोड जिले में स्थित इडनीर आश्रम (हिंदू मठ) में निधन हो गया है। वे 79 वर्ष के थे।
- 24 अप्रैल,1973 को सुप्रीम कोर्ट ने 'केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य' मामले में एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाया था, जिसके अनुसार संविधान के मूल ढांचे को बदला नहीं जा सकता।
- हालांकि अदालत ने मूल संरचना को परिभाषित नहीं किया। इसने केवल कुछ सिद्धांतों को सूचीबद्ध किया - उनमें से, संघवाद, पंथ-निरपेक्षता, और लोकतंत्र प्रमुख हैं।
- वर्तमान में 'मूल संरचना' की व्याख्या में संविधान की सर्वोच्चता, कानून का शासन, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, शक्तियों के पृथक्करण का सिद्धांत, संघवाद, पंथ-निरपेक्षता, संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य, सरकार की संसदीय प्रणाली, निष्पक्ष चुनाव सिद्धांत शामिल हैं।
- मामले की सुनवाई 68 दिनों तक चली और मुख्य न्यायाधीश एस. एम. सिकरी की अध्यक्षता वाली 13 जजों की बेंच ने 7-6 के बहुमत से यह फैसला दिया था।
भारत के पूर्व राजदूत कात्यायनी शंकर बाजपेयी का निधन
संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और पाकिस्तान में भारत के राजदूत रहे कात्यायनी शंकर बाजपेयी का 30 अगस्त, 2020 को निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे।
- बाजपेयी 1952 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) में शामिल हुए थे। 1986 में सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद, वे 1987-88 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और 1989-92 कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे।
- उन्होंने 2008 से 2010 तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
भारत की पहली महिला हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एस पद्मावती का निधन
भारत की पहली महिला हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एस पद्मावती का 29 अगस्त, 2020 को कोविड -19 संक्रमण के कारण निधन हो गया। वे 103 वर्ष की थी।
- उन्हें लोकप्रिय रूप से 'गॉड मदर ऑफ कार्डियोलॉजी' के रूप में जाना जाता है।
- 1917 में बर्मा (अब म्यांमार) में जन्मी, डॉ पद्मावती द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1942 में भारत आई थीं, उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई रंगून मेडिकल कॉलेज से की थी।
- उन्होंने 1962 में ऑल इंडिया हार्ट फाउंडेशन और 1981 में राष्ट्रीय हृदय संस्थान (NHI) की स्थापना की थी।
- उन्हें अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी एंड एफएएमएस द्वारा फेलोशिप और भारत में कार्डियोलॉजी के विकास में उनकी उपलब्धियों और योगदान के लिए, भारत सरकार द्वारा 1967 में पद्म भूषण और 1992 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 31 अगस्त, 2020 को नई दिल्ली में निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे। वे 2012-2017 तक भारत के 13वें राष्ट्रपति रहे।
- वे 11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिले के एक गाँव मिरती में एक बंगाली परिवार में पैदा हुए थे।
- उन्होंने इतिहास और राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री के साथ ही कोलकाता विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की थी। शुरू में वे शिक्षक और पत्रकार भी रहे।
- 1969 में कांग्रेस के टिकट पर भारत की संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा के लिए चुने जाने के साथ ही उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने 2004 में पहली बार लोक सभा चुनाव जीता।
- राष्ट्रपति पद संभालने से पूर्व वे केंद्र सरकार में विदेश मंत्री, वित्त मंत्री तथा रक्षा मंत्री भी रहे। वे 1991-1996 तक योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे।
- 2019 में उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न, 2008 में पद्म विभूषण, 1997 में सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार और 2011 में भारत में सर्वश्रेष्ठ प्रशासक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अर्नोल्ड स्पीलबर्ग का निधन
जाने-माने फिल्मकार स्टीवन स्पीलबर्ग के पिता एवं नवोन्मोषी इंजीनियर अर्नोल्ड स्पीलबर्ग का 25 अगस्त, 2020 को निधन हो गया। वे 103 वर्ष के थे।
- अर्नोल्ड स्पीलबर्ग और चार्ल्स प्रॉप्स्टर ने ‘जनरल इलेक्ट्रिक’ के लिए काम करते हुए 1950 के दशक में जीई-225 मेनफ्रेम कंप्यूटर बनाया था।
- इस मशीन की मदद से ही डार्टमाउथ कॉलेज के कंप्यूटर विज्ञानी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज ‘बेसिक’ विकसित कर सके थे, जो 1970 तथा 1980 के दशक में पर्सनल कंप्यूटर बनाने के लिए बेहद आवश्यक थी।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस ए. आर. लक्ष्मणन का निधन
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए. आर. लक्ष्मणन का 27 अगस्त, 2020 को तिरुचि में निधन हो गया। वे 78 वर्ष के थे।
- न्यायमूर्ति लक्ष्मणन ने 20 दिसंबर, 2002 से 21 मार्च, 2007 तक उच्चतम न्यायालय में सेवाएं दी।
- इससे पहले, वे मद्रास उच्च न्यायालय और केरल उच्च न्यायालय में न्यायाधीश थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश और राजस्थान उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया।
- सेवानिवृत्ति के बाद, उन्हें भारत के अठारहवें विधि आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
कंप्यूटर वैज्ञानिक रसेल किर्श का निधन
पिक्सल के आविष्कारक और दुनिया की पहली डिजिटल तस्वीर को स्कैन करने वाले कंप्यूटर वैज्ञानिक रसेल किर्श का 11 अगस्त, 2020 को निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे।
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उन्होंने अपने बेटे की एक 2X2 इंच की छोटी ब्लैक-वाइट डिजिटल इमेज बनाई थी, जो कंप्यूटर में स्कैन की गई पहली तस्वीर थी। पिक्सल डिजिटल डॉट्स होते हैं, जिनका उपयोग फोन और कंप्यूटर स्क्रीन पर फोटो तथा वीडियो प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है।
पंडित जसराज का निधन
शास्त्रीय गायक और पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित जसराज का अमेरिका के न्यूजर्सी में 17 अगस्त, 2020 को निधन हो गया। वे 90 वर्ष के थे।
- जसराज का ‘मेवाती’ घराने से ताल्लुक था, लेकिन उन्हें 'खयाल' की पारंपरिक गायकी के लिए जाना जाता था।
- जसराज ने अर्ध-शास्त्रीय संगीत शैलियों को लोकप्रिय बनाने के लिए भी काम किया, जैसे हवेली संगीत, जिसमें मंदिरों में अर्ध-शास्त्रीय प्रस्तुतियां शामिल हैं।
- उन्होंने ऑस्कर विजेता फिल्म ‘लाइफ ऑफ पाई’ में आवाज दी थी। उन्हें 1975 में पद्म श्री, 1990 में पद्म भूषण और वर्ष 2000 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। 1987 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
- सितंबर 2019 में ‘अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ’ ने 2006 में खोजे गए एक ग्रह ‘2006 VP32 (संख्या-300128)’ का नाम ‘पंडित जसराज’ ग्रह रख दिया था। संख्या 300128 पंडित जसराज की जन्म तिथि (28-01-30) के ठीक उल्टी है।
राहत इंदौरी का निधन
मशहूर उर्दू कवि, शायर और गीतकार राहत इंदौरी का कोरोना संक्रमण के चलते 11 अगस्त, 2020 को इंदौर में निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे।
- 'सभी का खून है शमिल यहां की मिट्टी में; किस के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है' राहत इंदौरी की सबसे मशहूर पंक्तियों में से एक थी।
- बतौर कवि 50 साल के करिअर में, इंदौरी को 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' के 'एम बोले तोह'; 'करीब' फिल्म के 'चोरी चोरी जब नजरें मिली'; 'घातक' फिल्म के 'कोई जाए तो ले आए' और फिल्म 'इश्क' के 'नींद चुराई मेरी' जैसे गीतों के बोलों के लिए जाना जाता था।
- उनका असली नाम ‘राहत कुरैशी’ था। इंदोरी ने इंदौर के नूतन स्कूल से पढ़ाई की और इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से स्नातक किया। उन्होंने 1975 में बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से उर्दू साहित्य में एमए किया और 1985 में भोज विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की, जिसका शीर्षक 'उर्दू में मुशायरा' था।
शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर का निधन
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर का बीमारी के कारण 5 अगस्त, 2020 को निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे।
- मराठावाड़ा क्षेत्र के लातूर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता निलंगेकर जून 1985 से मार्च 1986 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे।
इब्राहिम अल्काजी
रंगमंच की दिग्गज हस्ती और विख्यात शिक्षक इब्राहिम अल्काजी का 4 अगस्त, 2020 को निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे। अल्काजी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में सबसे लंबे समय तक निदेशक के पद पर रहे।
- उन्होंने गिरीश कर्नाड के 'तुगलक', मोहन राकेश के ‘आषाढ़ के एक दिन’ तथा धर्मवीर भारती के 'अंधायुग' जैसे लोकप्रिय नाटकों का मंचन किया।
- उन्होंने कलाकारों की कई पीढ़ियों को अभिनय की बारीकियां सिखाई। इन कलाकारों में नसीरुद्दीन शाह और ओम पुरी भी शामिल हैं।
- कला और संस्कृति के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें कालिदास पुरस्कार, पद्म श्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण और लाइफ अचीवमेंट अवार्ड सहित सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
जॉन ह्यूम का निधन
उत्तरी आयरलैंड के प्रमुख राजनेता तथा नोबेल पुरस्कार विजेता जॉन ह्यूम का 3 अगस्त, 2020 को निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे।
- ह्यूम उत्तरी आयरलैंड में 30 से अधिक वर्षों के लिए सबसे अधिक सम्मानित राजनेताओं में से एक थे।
- वे 1970 में सोशल डेमोक्रेटिक एंड लेबर पार्टी (SDLP) के संस्थापक सदस्य थे और उन्होंने 1979 से 2001 तक पार्टी का नेतृत्व किया।
- उत्तरी आयरलैंड में संघर्ष को समाप्त करने में उनकी भूमिका के लिए उन्हें डेविड ट्रिम्बल के साथ 1998 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
अमर सिंह का निधन
राज्य सभा सांसद और समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव अमर सिंह का लंबी बीमारी के बाद 1 अगस्त, 2020 को सिंगापुर में निधन हो गया। वे 64 वर्ष के थे।
- सिंह ने कांग्रेस के साथ अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और 1996 में वे समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे।
- वे 1996 में पहली बार राज्य सभा के लिए चुने गए थे। उन्हें 2016 में एक स्वतंत्र सदस्य के रूप में उच्च सदन के लिए फिर से चुना गया था।
- 2011 में, उन्होंने अपना राष्ट्रीय लोक मंच बनाया और 2012 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों में 300 से अधिक उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था।
रेन सोनम शेरिंग लेपचा का निधन
लोक संगीतकार और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित रेन सोनम शेरिंग लेपचा का 30 जुलाई, 2020 को कलिम्पोंग में निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे।
- सोनम 1960 में ऑल इंडिया रेडियो पर प्रस्तुति देने वाले लेपचा समुदाय के पहले व्यक्ति थे। उन्हें लेपचा संस्कृति को बढ़ावा देने और पुनर्जीवित करने के लिए भी जाना जाता था।
- उन्हें लोक संगीत में उनके योगदान के लिए 1995 में प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और 2007 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
अभिनेत्री कुमकुम का निधन
दिग्गज अभिनेत्री कुमकुम का 28 जुलाई, 2020 को मुंबई में निधन हो गया। वे 86 वर्ष की थीं।
- उन्होंने 100 से अधिक हिंदी फिल्मों और लोकप्रिय गीत जैसे 'कभी आर - कभी पार’ और 'मेरे महबूब कयामत होगी' में अभिनय किया था। उनका असली नाम ‘जैबुन्निसा’ था।
- उनकी सबसे यादगार फिल्मों में 'मिस्टर एक्स इन बॉम्बे', 'मदर इंडिया', 'कोहिनूर', 'उजाला' और 'नया दौर' शामिल हैं।
ओलिविया डी हैविलैंड का निधन
हॉलीवुड अभिनेत्री और दो बार ऑस्कर पुरस्कार विजेता रही ओलिविया डी हैविलैंड (Olivia de Havilland) का 26 जुलाई, 2020 को निधन हो गया वे 104 वर्ष की थीं।
- हैविलैंड ने 1939 में फिल्म ‘गॉन विद द विंड’ (Gone With the Wind) में अपनी छाप छोड़ी थी। उन्हें 1946 की फिल्म 'टू ईच हिज ओन' (To Each His Own) और 1949 की फिल्म 'द एयरेस' (The Heiress) में शानदार अभिनय के लिए ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
जॉन सेक्सन का निधन
अमेरिकी अभिनेता और मार्शल आर्ट्स कलाकार जॉन सेक्सन का 25 जुलाई, 2020 को निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे।
- 60 वर्ष के करियर में जॉन ने 200 से अधिक फिल्मों में काम किया। सेक्सन को पश्चिमी और डरावनी फिल्मों में उनके शानदार अभिनय के लिए जाना जाता है। वह इन फिल्मों में अक्सर पुलिस अधिकारी और जासूसों की भूमिका निभाते थे।
- उन्होंने ब्रूस ली के साथ 'एंटर द ड्रैगन' में अभिनय किया और 1984 में ‘ए नाइटमेयर ऑन एल्म स्ट्रीट’ (A Nightmare on Elm Street) में शानदार अभिनय से लोगों का मनोरंजन किया। उन्होंने 1958 में सबसे होनहार नवागंतुक पुरुष के लिए एक गोल्डन ग्लोब अवार्ड जीता था।
अमला शंकर का निधन
- प्रख्यात नृत्यांगना और कोरियोग्राफर अमला शंकर का 24 जुलाई, 2020 को कोलकाता में निधन हो गया। वे 101 वर्ष की थी।
- कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने 2011 में उन्हें ‘बंग विभूषण’ से सम्मानित किया था।
बिजॉय मोहंती का निधन
मशहूर उड़िया फिल्म अभिनेता बिजॉय मोहंती का 20 जुलाई, 2020 को भुवनेश्वर में निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे।
- वे ‘नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा’ के पूर्व छात्र थे तथा बॉलीवुड अभिनेता ओम पुरी और नसीरुद्दीन शाह के समकालीन थे। उन्होंने 350 से अधिक उड़िया, बंगाली और दक्षिण भारतीय फिल्मों में अभिनय किया था।
- उन्होंने 1977 में उड़िया फिल्म इंडस्ट्री में फिल्म 'चिलिका तीरे' से अपने करियर की शुरुआत की थी तथा उस वर्ष राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता था।
- 'अरती', 'सहरी बघा', 'ममता मागे मुला', 'अए आमा संसारा', और 'सुना पंजुरी' उनकी कुछ यादगार फिल्में हैं।
सी.एस. शेषाद्रि का निधन
विख्यात गणितज्ञ सी.एस. शेषाद्रि का 17 जुलाई, 2020 को चेन्नई में निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे।
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उन्होंने देश में गणित के क्षेत्र में सक्रिय अनुसंधान का माहौल तैयार करने में अहम भूमिका निभाई। शेषाद्रि द्वारा ‘बीजगणितीय ज्यामिति’ (Algebraic geometry) में की गई बेमिसाल खोजें गणित की बुनियाद मानी जाती हैं।
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उन्होंने अपने करिअर की शुरुआत ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च’ से की थी।
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1984 में वह चेन्नई स्थित ‘इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंस’ से जुड़ गए थे। 1989 में उन्होंने ‘एसपीआईसी साइंस फाउंडेशन’ (SPIC Science Foundation) के तहत ‘स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स’ की शुरुआत की। आज यह ‘चेन्नई मैथमेटिकल इंस्टीट्यूट’ (Chennai Mathematical Institute) के नाम से प्रसिद्ध है।
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उन्हें 1988 में रॉयल सोसाइटी का फेलो और 2010 में 'नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, यूएसए' का विदेशी एसोसिएट चुना गया था। उन्हें 2009 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
जॉन लुईस का निधन
अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन के अग्रणी और अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लंबे समय से सदस्य जॉन लुईस का 17 जुलाई, 2020 को निधन हो गया। वे 80 वर्ष के थे।
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लुइस नागरिक अधिकारों के लिए आंदोलन करने वाले ‘शीर्ष छ:’ (Big six) कार्यकर्ताओं में शामिल थे। इस आंदोलनकारी समूह का नेतृत्व मार्टिन लूथ किंग जूनियर ने किया था। लुईस अटलांटा से प्रतिनिधि सभा के सदस्य थे।
लालजी टंडन का निधन
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का 21 जुलाई, 2020 को निधन हो गया। वे 85 वर्ष के थे।
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लालजी टंडन दो बार उत्तर प्रदेश राज्य विधान परिषद के सदस्य और तीन बार उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे। उन्होंने राज्य सरकार में मंत्री के रूप में भी कार्य किया ।
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इसके अलावा, वह 2009 में लखनऊ निर्वाचन क्षेत्र से 15वीं लोकसभा के लिए चुने गए और बाद में बिहार और मध्य प्रदेश के राज्यपाल नियुक्त हुए।
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उनकी अनुपस्थिति में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस महीने की शुरुआत में मध्य प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार संभाला है।
नीला सत्यनारायण का निधन
महाराष्ट्र की पहली महिला चुनाव आयुक्त नीला सत्यनारायण का 16 जुलाई, 2020 को मुम्बई में निधन हो गया। वे 72 वर्ष की थीं।
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उन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद 2009 से 2014 तक बतौर चुनाव आयुक्त राज्य में अपनी सेवाएं दी थी।
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1972 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी रहीं सत्यनारायण ने उपन्यासों की 17 और कविता की 10 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया था। डाउन सिंड्रोम से पीड़ित लड़के की माँ के रूप में उनके अनुभवों पर आधारित उनके आत्मकथात्मक कार्य 'वन फुल, वन हाफ' को साहित्य जगत में व्यापक रूप से सराहा गया।
पत्रकार नगीनदास सांघवी का निधन
- गुजराती के वरिष्ठ पत्रकार, स्तंभकार, लेखक और राजनीतिक विश्लेषक नगीनदास सांघवी का 12 जुलाई, 2020 को सूरत में निधन हो गया। वे 100 वर्ष के थे। संघवी को 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उन्होंने महात्मा गांधी, गुजरात और अन्य विषयों पर अनेक पुस्तकें लिखीं।
कलाकार ज्योत्सना भट्ट का निधन
भारत की सबसे प्रसिद्ध सिरेमिक (मिट्टी के बर्तन) कलाकारों में से एक ज्योत्सना भट्ट का 11 जुलाई, 2020 को वडोदरा में निधन हो गया। वे 80 वर्ष की थी।
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उन्होंने यूएसए के ब्रोकलीन म्यूजियम आर्ट स्कूल में विश्व के प्रसिद्ध शिल्पकार प्रोफेसर जोलियन हॉफस्टेड से इस कला में महारत हासिल की थी। उन्होंने 1972 से महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी वडोदरा में सिरामिक कला सिखाने का काम शुरू किया था।
अभिनेता जगदीप का निधन
वरिष्ठ अभिनेता एवं कॉमेडियन जगदीप का 8 जुलाई, 2020 का मुंबई में निधन हो गया वे 81 वर्ष के थे।
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इनका असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी था और शोले में 'सूरमा भोपाली' के रूप में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते थे।
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जगदीप ने लगभग 400 फिल्मों में काम किया था। अपने लंबे करियर में, जगदीप ने 'खिलौना', 'ब्रह्मचारी', 'पुराना मंदिर' और 'अंदाज अपना अपना' और 'फूल और कांटे' में यादगार भूमिकाएँ निभाईं।
अवध बिन हसन जामी का निधन
जाने-माने कार्टूनिस्ट अवध बिन हसन जामी, जिन्हें 'जामी' के नाम से जाना जाता है, का 11 जुलाई, 2020 को जामनगर में निधन हो गया। वे 77 वर्ष के थे।
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उनके कार्टून नियमित रूप से दो दशक से अधिक समय तक प्रमुख गुजराती दैनिक समाचार पत्रों और समाचार पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे। जामी केन्द्रीय विद्यालय, जामनगर में एक ड्राइंग शिक्षक थे।